पत्रकार ने पूछा पुतिन से जुड़ा सवाल तो आपा खो बैठे ट्रंप, भड़कते हुए कहा- आपको कोई नई नौकरी ढूंढ लेनी चाहिए
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके प्रशासन ने रूसी तेल ख़रीद जारी रखने के लिए भारत पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाए हैं और संकेत दिया कि आगे और भी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके प्रशासन ने रूसी तेल ख़रीद जारी रखने के लिए भारत पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाए हैं और संकेत दिया कि आगे और भी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. उन्होंने दावा किया कि इस कदम से मॉस्को को पहले ही "सैकड़ों अरब डॉलर" का नुकसान हो चुका है और चेतावनी दी कि "दूसरे और तीसरे चरण" के प्रतिबंध अभी भी विचाराधीन हैं.
द्विपक्षीय बैठक के दौरान नाराज हुए ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान ओवल ऑफिस में पोलैंड के राष्ट्रपति करोल नवरोकी के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक के दौरान आया. जब एक पोलिश पत्रकार ने उनसे पूछा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रति नाराज़गी जताने के बावजूद उन्होंने कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया, तो ट्रंप नाराज़ नज़र आए.
पत्रकार के सवाल पर ट्रंप बिफर गए और पलटवार करते हुए कहा, "आपको कैसे पता कि कोई कार्रवाई नहीं हुई? क्या आप कहेंगे कि चीन के बाहर सबसे बड़े खरीदार भारत पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाना लगभग बराबर है? क्या आप कहेंगे कि कोई कार्रवाई नहीं हुई? इससे रूस को सैकड़ों अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. आप इसे कोई कार्रवाई नहीं कहेंगे? और मैंने अभी तक दूसरा या तीसरा चरण पूरा नहीं किया है. लेकिन जब आप कहते हैं कि कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो मुझे लगता है कि आपको कोई नई नौकरी ढूंढ लेनी चाहिए."
ट्रंप यही नहीं आगे कहा कि भारत को उनकी चेतावनी स्पष्ट थी. उन्होंने कहा, "दो हफ़्ते पहले, मैंने कहा था, अगर भारत खरीदता है, तो भारत को बड़ी समस्याएं होंगी, और यही होता है. इसलिए, मुझे इसके बारे में मत बताओ."
बीजिंग के सैन्य परेड पर ट्रंप की प्रतिक्रिया
बीजिंग में आयोजित एक सैन्य परेड में व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ नज़र आने और मॉस्को पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाने से जुड़े सवाल पर ट्रंप ने जवाब दिया, "मेरी सरकार भारत पर प्रतिबंध लगाकर पहले ही मॉस्को के खिलाफ कदम उठा चुकी है. मैंने भारत के मामले में यह कर दिखाया है, और हम अन्य क्षेत्रों में भी ऐसे कदम उठा रहे हैं.
अमेरिका ने भारत पर 25 फ़ीसदी का रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है और रूस से भारत के तेल आयात पर सीधे तौर पर अतिरिक्त 25 फ़ीसदी शुल्क लगा दिया है. 27 अगस्त से लागू इन नए प्रावधानों ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को व्यावहारिक रूप से दोगुना कर दिया है, जिससे कुल शुल्क बढ़कर 50 फ़ीसदी हो गया है.
भारत पर टैरिफ लगाने का ट्रंप ने बताई वजह
भारत के प्रति ट्रंप का सख़्त रुख़ नया नहीं है. वह कई मौकों पर यह तर्क दे चुके हैं कि अमेरिकी व्यापारिक साझेदार अनुचित शुल्क नीतियों के ज़रिए वॉशिंगटन का लगातार नुकसान उठाते रहे हैं.
एक दिन पहले ही ट्रंप ने कहा था, "भारत के साथ हमारे रिश्ते बहुत अच्छे हैं, लेकिन कई सालों तक यह एकतरफ़ा रिश्ता रहा. अब, जब से मैं सत्ता में आया हूं और हमारे पास जो पॉवर है, उसकी वजह से भारत हमसे बहुत ज़्यादा शुल्क वसूल रहा है, जो दुनिया में सबसे ज़्यादा है, और इसलिए हम भारत के साथ ज़्यादा व्यापार नहीं कर पा रहे हैं."
हाल ही में स्कॉट जेनिंग्स रेडियो शो में बोलते हुए, ट्रंप ने अपनी बात दोहराते हुए कहा, "भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा टैरिफ़ वाला देश था और उन्होंने मुझे भारत में अब कोई टैरिफ़ नहीं लगाने का प्रस्ताव दिया है."
भारत का अमेरिका पर पलटवार...
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ट्रंप के टैरिफ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देते हुए कहा है कि बाहरी दबाव में घरेलू प्राथमिकताओं से समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा, "हम पर दबाव बढ़ सकता है, लेकिन हम इसे सहन करेंगे."
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