हश मनी केस में ट्रंप को सुनाई जाएगी सजा लेकिन नहीं जाना पड़ेगा जेल
Hush Money Case: न्यूयॉर्क के न्यायाधीश जुआन मर्चेन ने संकेत दिया कि वह ट्रंप को जेल की सजा नहीं सुनाएंगे और न ही उन्हें पर जुर्माना लगाएंगे, बल्कि उन्हें 'बिना शर्त बरी' करेंगे।
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Hush Money Case: डोनाल्ड ट्रंप को हश मनी केस में 10 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी। उन्हें एक पोर्न स्टार को पैसे देकर चुप रहने के आरोप में दोषी ठहराया गया था। हालांकि जज ने संकेत दिया की ट्रप को जेल या अन्य दंड का सामना नहीं करना पड़ेगा। न्यूयॉर्क के न्यायाधीश जुआन मर्चेन ने संकेत दिया कि वह ट्रंप को जेल की सजा नहीं सुनाएंगे और न ही उन्हें पर जुर्माना लगाएंगे, बल्कि उन्हें 'बिना शर्त बरी' करेंगे। उन्होंने अपने आदेश में लिखा कि निर्वाचित राष्ट्रपति सुनवाई के लिए व्यक्तिगत रूप से या वर्चुअल रूप से पेश हो सकते हैं।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से....
सजा सुनाए जाने के बाद ट्रंप के लिए अपील का रास्ता साफ हो जाएगा
बता दें डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले हैं। निर्वाचित राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर जज के आदेश को 'अवैध राजनीतिक हमला' बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि मामला 'एक धांधली के अलावा कुछ नहीं' है। मर्चेन ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत के कारण मामले को खारिज करने के ट्रंप के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए सजा के लिए अपनी योजना की घोषणा की। ट्रंप के बचाव पक्ष के वकीलों ने तर्क दिया था कि राष्ट्रपति पद के दौरान उनके ऊपर मामले का लटका रहना उनके शासन करने की क्षमता को बाधित करेगा। मर्चेन ने उस तर्क को खारिज करते हुए लिखा कि जूरी के फैसले को दरकिनार करना 'कानून के शासन को अथाह तरीकों से कमजोर करेगा।' सजा सुनाए जाने के बाद ट्रंप के लिए अपील का रास्ता साफ हो जाएगा।
उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और उनके समर्थकों ने इसे एक प्रमुख मुद्दा बनाया
मर्चेन ने अपने फैसले में माना कि ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपील करने का इरादा रखते हैं। बता दें ट्रंप पर एक पोर्न स्टार को किए गए भुगतान को कानूनी खर्च के रूप में अकाउंट बुक्स में दिखाकर कानून का उल्लंघन करने का आरोप था। भुगतान ट्रंप के वकील के माध्यम से स्टॉर्मी डेनियल को किया गया था ताकि वह रिपब्लिकन नेता के साथ अपने यौन संबंध के बारे में खामोश रहें। राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के खिलाफ़ चुनाव लड़ने वाली उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और उनके समर्थकों ने इसे एक प्रमुख मुद्दा बनाया, लेकिन मतदाताओं ने इसे नजरअंदाज कर दिया। वहीं चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने खुद को राजनीतिक रूप से प्रेरित अभियोगों से पीड़ित एक शहीद के रूप में पेश किया।
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