बांग्लादेश में बद से बदतर हालात! भारत ने लिया बड़ा फैसला, ढाका में वीजा केंद्र बंद, यूनुस के उच्चायुक्त भी तलब
बांग्लादेश में बद से बदतर हो रहे सुरक्षा के हालात पर भारत ने गंभीर चिंता जताई है. वहीं भारत के उच्चायोग पर खतरे को देखते हुए भारत ने बड़ा फैसला लिया है. दरअसल राजधानी ढाका स्थित भारतीय वीजा आवेदन केंद्र (आईवीएसी) अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, और दिल्ली में बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तलब किया गया है.
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बांग्लादेश में चुनाव के ऐलान के बाद से ही हिंसा के एक नए दौर की शुरुआत हो गई है. राजनीतिक और प्रतिशोध के तहत हमले शुरू हो गए हैं. इतना ही नहीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग और उनके समर्थकों को भी निशाना बनाया जा रहा है. इसके अलावा भारत के पूर्वोत्तर के राज्यों में अशांति पैदा करने और तोड़ने को लेकर भी बयान बांग्लादेशी नेताओं की तरफ से दिए जा रहे हैं. इन्हीं सब हालातों और सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. दरअसल राजधानी ढाका स्थित भारतीय वीजा आवेदन केंद्र (आईवीएसी) को सुरक्षा चिंताओं के कारण अस्थायी रूप से बंद कर दिया है.
आपको बता दें कि ये वीजा आवेदन केंद्र बांग्लादेश की राजधानी ढाका के जमुना फ्यूचर पार्क में स्थित है और राजधानी में सभी भारतीय वीजा सेवाओं का मुख्य, एकीकृत केंद्र माना जाता है. इतना ही नहीं भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को भारत में बांग्लादेश के हाई कमिश्नर रियाज हमीदुल्लाह को तलब भी किया है. वहीं विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में बिगड़ते सुरक्षा माहौल पर गहरी चिंता जताई.
भारत के उच्चायोग को निशाना बनाने की कोशिश!
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में इस बात का भी जिक्र किया है कि कुछ कट्टरपंथी लोगों की तरफ से बांग्लादेश में भारतीय हाई कमीशन के आसपास कुछ चिंताजनक हालात पैदा करने की बात कही गई. बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, बांग्लादेश के ढाका में स्थित भारतीय वीजा ऑफिस के बंद होने की जानकारी दी गई है.
क्यों तलब किए गए बांग्लादेश के उच्चायुक्त?
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि बांग्लादेशी उच्चायुक्त का ध्यान खासतौर पर उन कट्टरपंथी लोगों की गतिविधियों की ओर दिलाया, जिन्होंने ढाका में भारतीय मिशन के आसपास सुरक्षा को लेकर अप्रिय स्थिति बनाने की योजना की घोषणा की है.
कब बंद हुआ ढाका में भारत का वीजा केंद्र?
वीजा केंद्र द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि सुरक्षा हालात को ध्यान में रखते हुए बुधवार को दोपहर 2 बजे के बाद केंद्र बंद कर दिया गया. केंद्र ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन लोगों की आज आवेदन जमा करने की अपॉइंटमेंट थी, उनकी तारीख आगे के लिए पुनर्निर्धारित की जाएगी.
यूनुस सरकार पर भारत ने लगाए गंभीर आरोप!
इसके अलावा, भारत ने बांग्लादेश में हाल की कुछ घटनाओं के बारे में कट्टरपंथी लोगों द्वारा बनाई जा रही झूठी कहानी को पूरी तरह से खारिज कर दिया. MEA ने चिंता जताई कि मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने न तो पूरी जांच की है और न ही घटनाओं के बारे में भारत के साथ कोई काम के सबूत साझा किए हैं.
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, "भारत के बांग्लादेश के लोगों के साथ करीबी और दोस्ताना रिश्ते हैं, जो आजादी की लड़ाई से जुड़े हैं. हम बांग्लादेश में शांति और स्थिरता के पक्ष में हैं. हमने लगातार शांतिपूर्ण माहौल में स्वतंत्र, निष्पक्ष, सबको साथ लेकर चलने वाले और भरोसेमंद चुनाव कराने की मांग की है." भारत ने यूनुस की अंतरिम सरकार से कहा कि वह अपनी कूटनीतिक जिम्मेदारियों के हिसाब से बांग्लादेश में भारतीय मिशन और पोस्ट की सुरक्षा सुनिश्चित करें.
इससे पहले रविवार को, भारत ने यूनुस सरकार के दावों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसने पड़ोसी देश में शांतिपूर्ण माहौल में निष्पक्ष, स्वतंत्र, सबको साथ लेकर चलने वाले और भरोसेमंद चुनाव कराने का लगातार समर्थन किया है. भारत की ओर से यह टिप्पणी शेख हसीना के हालिया बयान को लेकर बांग्लादेश में भारतीय राजदूत को तलब किए जाने के बाद आई.
भारत ने बांग्लादेश के आरोप को किया खारिज!
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विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने कभी भी अपनी जमीन का इस्तेमाल बांग्लादेश के लोगों के हितों के खिलाफ कामों के लिए नहीं होने दिया है. भारत बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के 14 दिसंबर 2025 के प्रेस नोट में किए गए दावों को पूरी तरह से खारिज करता है. हम उम्मीद करते हैं कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अंदरूनी कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी, जिसमें शांतिपूर्ण चुनाव कराना भी शामिल है.
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