रूस ने यूक्रेन की राजधानी पर किया अब तक का सबसे बड़ा हमला, 550 मिसाइलें और ड्रोन दागे, चीन-अमेरिका ने हथियारों की सप्लाई पर लगाई रोक
रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है. रुसी वायुसेना द्वारा यूक्रेन की राजधानी कीव पर ताबड़तोड़ 550 मिसाइलें और ड्रोन दागे गए हैं. इस हमले में 23 लोग घायल हुए हैं. वहीं दूसरी ओर चीन और अमेरिका ने यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई पर रोक लगा दी है.

रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर अब तक का सबसे बड़ा और जबरदस्त हमला किया है. इस हमले में 23 लोग घायल हुए हैं और कई अन्य जिलों को भी नुकसान हुआ है. रूसी वायु सेना की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 3 साल से अधिक समय से जारी जंग में यह अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला है. इसमें कुल 550 ड्रोन और मिसाइलें दागी गईं हैं. वहीं अमेरिका ने यूक्रेन को हथियार सप्लाई पर रोक लगा दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति और रूसी राष्ट्रपति के बीच छठे दौर की बातचीत हुई है.
'अमेरिका ने यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई पर रोक लगाई'
बता दें कि रूस के साथ चल रहे युद्ध के बीच अमेरिका ने यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई पर रोक लगा दी है, दूसरी तरफ इस फैसले पर यूक्रेनी राष्ट्रपति अब ट्रंप से सवाल कर रहे हैं और वह पूछना चाह रहे हैं कि आखिरकार उनका देश यूक्रेन को हथियार सप्लाई करेगा या नहीं. अमेरिका ने इस हफ्ते की शुरुआत में ही यूक्रेन को हथियारों की मदद देने पर रोक लगा दी थी. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या भविष्य में भी अमेरिका इस रोक को बरकरार रखेगा या फिर जरूरत पड़ने पर यूक्रेन की सहायता में आगे आएगा.
'चीन भी नहीं दे रहा हथियारों की सप्लाई'
यूक्रेन के लिए दुनिया के दो सबसे पावरफुल देश की तरफ से बड़ा झटका लगा है, जहां एक तरफ अमेरिका ने हथियारों की सप्लाई पर रोक लगाई है, तो वहीं कुछ हफ्ते पहले चीन ने भी स्पष्ट कर दिया था कि वह यूक्रेन को अब हथियारों की सप्लाई नहीं करेगा, जबकि रूस को वह पहले की तरह ही सैन्य आपूर्ति करता रहेगा.
'ट्रंप की वजह से मुश्किल में फंसा यूक्रेन'
हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों के बीच में मध्यस्थता की भूमिका निभाई थी. उन्होंने इस बात का दावा किया था कि वह अपने कार्यकाल की शुरुआत में यूक्रेन को मुश्किलों से बाहर निकालेंगे. उन्होंने रूस-यूक्रेन जंग को भी रोकने का आह्वान किया था. इसके लिए दोनों देशों पर दबाव भी बनाया गया, लेकिन जब बात आगे नहीं बढ़ी, तो ट्रंप ने दूसरा दांव अपनाते हुए यूक्रेन को हथियार की सप्लाई में कटौती करने का फैसला किया. वहीं, अब उन्होंने इस पर पूरी तरीके से रोक लगा दी है.
क्या यूक्रेन पर दबाव बनाने की चाह में ट्रंप?
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप दोनों देशों के बीच रिश्ते को बरकरार रखना चाह रहे हैं. एक तरफ उन्होंने जंग रोकने के लिए यूक्रेन पर दबाव बनाया, तो दूसरी तरफ खनिज समझौता भी करना चाहते हैं. उनके इरादों से साफ जाहिर होता है कि वह रूस को यह संदेश देना चाहते हैं कि वह यूक्रेन जैसे छोटे देश पर नकेल कसने को पूरी तरीके से तैयार हैं. वह खुद को दुनिया का एकमात्र शांति दूत घोषित करना चाह रहे हैं. ट्रंप एक और रणनीति के साथ आगे बढ़ रहे हैं. वह रूस के साथ अपने रिश्ते को सुधार कर चीन पर दबाव बनाने की कोशिश में है. इसके अलावा भारत के साथ भी रिश्ते को मजबूत करने में लगे हुए हैं.