स्वतंत्र विदेश नीति, राष्ट्रहित सर्वोपरि...रूसी विदेश मंत्री ने भरी संसद भारत को बताया 140 देशों का 'लीडर', की तारीफ
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भरी संसद भारत की जमकर तारीफ कर दी है. उन्होंने भारत को दुनिया के करीब 140 देशों के खेमे ग्लोबल मेजॉरिटी का लीडर बता दिया. उन्होंने दूसरे देशों को भी इससे सीख लेने की नसीहत दे दी है.
Follow Us:
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की नई दिल्ली यात्रा के बाद रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भरी संसद में खड़े होकर बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने भारत की सरेआम तारीफ करते हुए ग्लोबल मेजॉरिटी का लीडर करार दे दिया. उनके इस बयान के बाद ये साफ हो गया है कि पहले से ग्लोबल साउथ का लीडर कहलाने वाले हिंदुस्तान की भूमिका वैश्विक स्तर पर बढ़ गई है.
लावरोव ने वो बात कही है जो भारत लंबे समय से कह रहा है और जिसकी लॉन्ग-लास्टिंग पॉलिसी रही है. उन्होंने कहा कि भारत अपनी शर्तों पर दुनिया से रिश्ते बनाता है, यहां तक कि अमेरिका, यूरोप और रूस से भी. उन्होंने आगे कहा कि वह अपना घरेलू एजेंडा यानी कि अपने राष्ट्रहित का ध्यान भी मजबूती से रखता है. उन्होंने इशारों-इशारों में ये कहा कि भारत की यही वजह है कि दुनिया के ज्यादातर देश, जिन्हें ग्लोबल मेजॉरिटी कहा जाता है, भारत को आज एक भरोसेमंद शक्ति मानते हैं.
दुनियाभर के देश कर रहे हैं भारत को फॉलो: सर्गेई लावरोव
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बुधवार को रूसी संसद के ऊपरी सदन ‘फेडरेशन काउंसिल’ को संबोधित करते हुए स्वतंत्र और बहुआयामी विदेश नीति अपनाने के लिए ‘‘अच्छे मित्र’’ भारत की खुलकर तारीफ की. लावरोव ने ‘फेडरेशन काउंसिल’ में आगे कहा कि ‘‘वैश्विक बहुमत वाले अन्य देश इस नीति का अनुसरण कर रहे हैं और हमारा अच्छा मित्र भारत, जो सभी देशों के साथ संबंध बनाए रखता है, इसका एक उदाहरण है.’’
#BREAKING: Russian Foreign Minister Sergey Lavrov praises Russia-India relations inside Russian Parliament. First major statement after successful Putin visit to New Delhi. pic.twitter.com/yLdfk2aLe6
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) December 10, 2025
उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी मानते हैं कि घरेलू विकास की समस्या का समाधान करना हमारी विदेश नीति का मुख्य लक्ष्य है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की नई दिल्ली यात्रा और पिछले सप्ताह भारतीय नेताओं के साथ हुई उनकी बातचीत के दौरान हमारे दोनों देशों के रणनीतिक आकलन और लक्ष्यों की समानता की पुष्टि हुई.’’
स्वतंत्र विदेश नीति वाले देशों की सूची में भारत टॉप पर!
उन्होंने ये भी कहा कि रूस उन देशों के साथ अपनी साझेदारी बढ़ाएगा जो स्वतंत्र विदेश नीति अपनाते हैं और जो बराबरी के स्तर पर खड़े होकर काम करना चाहते हैं और इस सूची में भारत सबसे ऊपर है.
विदेश मामलों के जानकारों की मानें तो रूसी संसद में सर्गेई लावरोव का यह बयान सिर्फ एक कूटनीतिक टिप्पणी नहीं बल्कि भारत की स्वतंत्र और संप्रभु विदेश नीति की स्वीकारोक्ति है, जिसने किसी कीमत पर, किसी के भी सामने अपने हितों से समझौता नहीं किया, जिसके व्यवहार में स्थिरता रही. यही वजह है कि दुनियाभर के देश उसे एक वैश्विक आवाज मानते हैं.
क्या है ग्लोबल मेजॉरिटी?
आपको बता दें कि ग्लोबल मेजॉरिटी में दुनियाभर के करीब 140 से ज्यादा देश शामिल हैं, जो कि अमेरिका और EU के नेतृत्व वाले पश्चिमी ब्लॉक का हिस्सा नहीं हैं और जिनकी आबादी दुनिया की 85% से ज्यादा है. यानी दुनिया की असली जनसंख्या, असली बाजार, असली उभरती शक्तियां—और रूस के मुताबिक भारत इस मेजॉरिटी का मॉडल है.
भारत अपनी शर्तों पर डील करता है!
खैर, कुल मिलाकर लावरोव की बातों का मतलब यही है कि भारत की सबसे बड़ी ताकत यह है कि वह दबाव में नहीं झुकता. वह अपनी शर्तों पर डील करवाता है और हर देश समझ चुका है कि भारत की अनुमति के बिना एशिया में कोई बड़ा भूराजनीतिक समीकरण नहीं बन सकता. यही कारण है कि रूस आज भारत को ग्लोबल मेजॉरिटी का लीडर या खेवैया करार दे रहा है.
यह भी पढ़ें
आपको बता दें कि पुतिन ने 4-5 दिसंबर को भारत का दौरा किया था. वर्ष 2021 के बाद भारत की यह पहली यात्रा थी. उनकी यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे.
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें