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कौम को उल्लू बनाते-बनाते IMF को ही चूना लगा रहा था पाकिस्तान, तगड़ा फंसा, खुली पोल, देना होगा पाई-पाई का हिसाब

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF PAK खासा नाराज है. दरअसल, PAK ने उसकी आर्थिक मदद करने वाले इस वैश्विक निकाय को ही गलत डेटा दे दिया, जिससे नाराज IMF ने पाकिस्तान सरकार से साफ कहा है कि वह अपने व्यापार आंकड़ों में 11 अरब डॉलर की हेरफेर का सार्वजनिक रूप से खुलासा करे और उनका समाधान करे.

07 Oct, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
07:22 PM )
कौम को उल्लू बनाते-बनाते IMF को ही चूना लगा रहा था पाकिस्तान, तगड़ा फंसा, खुली पोल, देना होगा पाई-पाई का हिसाब
Shehbaz Sharif

पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक बदहाली का शिकार है और देश की गाड़ी कर्ज के भरोसे चल रही है. पड़ोसी देश को दनादन लोन देने वाला अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF अब उससे खासा नाराज है. दरअसल, PAK ने उसकी आर्थिक मदद करने वाले इस वैश्विक निकाय को ही गलत डेटा दे दिया, जिससे नाराज IMF ने पाकिस्तान सरकार से साफ कहा है कि वह अपने व्यापार आंकड़ों में 11 अरब डॉलर की हेरफेर का सार्वजनिक रूप से खुलासा करे और उनका समाधान करे. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की सरकारी संस्थाओं ने बीते दो सालों में हेरफेर भरे आंकड़े रिपोर्ट किए हैं.

पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक बदहाली से जूझ रहा है और उसकी अर्थव्यवस्था कर्ज के सहारे चल रही है. अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), जो अब तक पाकिस्तान को लगातार राहत देता रहा है, उससे नाराज हो गया है. दरअसल, पाकिस्तान ने IMF को गलत आर्थिक आंकड़े सौंप दिए, जिसके बाद संस्था ने सख्त रुख अपनाया है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, IMF ने पाकिस्तान सरकार से साफ कहा है कि वह अपने व्यापारिक आंकड़ों में किए गए 11 अरब डॉलर के हेरफेर का सार्वजनिक खुलासा करे और उसका समाधान निकाले. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की सरकारी एजेंसियों ने पिछले दो वर्षों में हेरफेर भरे डेटा प्रस्तुत किए हैं.

खुद पर ही सवाल खड़ा करता है PAK 

इस रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पाकिस्तान रेवेन्यू ऑटोमेशन लिमिटेड (PRAL) द्वारा रिपोर्ट किए गए आयात का आंकड़ा, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पाकिस्तान सिंगल विंडो (PSW) द्वारा रिपोर्ट किए गए आयात के डेटा से 5.1 अरब डॉलर कम था. अगले वित्तीय वर्ष में यह अंतर बढ़कर 5.7 अरब डॉलर हो गया. पीएसडब्ल्यू के आयात आंकड़ों को ज्यादा व्यापक और सटीक माना जाता है. सबसे बड़ी बात ये है कि ये स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के फ्रेट-ऑन-बोर्ड-आधारित इंपोर्ट डेटा से भी ज्यादा निकल गए. गौरतलब है कि यही वो आंकड़े होते हैं, जिनका इस्तेमाल देश के बाह्य संतुलन की गणना में होता है. 

IMF ने कथित तौर पर अपनी समीक्षा वार्ता शुरू होने से पहले पाकिस्तान स्टेटिस्टिक्स ब्यूरो (पीबीएस) से संपर्क किया था. इसके बाद में योजना एवं विकास मंत्रालय के साथ चर्चा की गई. बैठकों के दौरान, IMF ने सिफारिश की कि पाकिस्तान व्यापार आंकड़ों में विसंगतियों और कार्यप्रणाली में बदलावों को स्पष्ट करने के लिए एक स्पष्ट संचार नीति का इस्तेमाल करे, जिससे कि सरकार और डेटा यूजर्स के बीच अविश्वास को रोका जा सके.

IMF ने अपनी समीक्षा वार्ता शुरू होने से पहले पाकिस्तान स्टेटिस्टिक्स ब्यूरो (PBS) से संपर्क किया और इसके बाद योजना एवं विकास मंत्रालय के अधिकारियों से चर्चा की. बैठकों के दौरान IMF ने सिफारिश की कि पाकिस्तान को अपने व्यापारिक आंकड़ों में पाई गई विसंगतियों और कार्यप्रणाली में किए गए बदलावों को स्पष्ट रूप से पेश करने के लिए एक पारदर्शी संचार नीति अपनानी चाहिए, ताकि सरकार और डेटा उपयोगकर्ताओं के बीच अविश्वास की स्थिति न बने.

पाकिस्तानी अधिकारियों ने मानी खुद की गलती

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी अधिकारियों ने खुद डेटा में हुई गलती स्वीकार की है. उनका कहना है कि जिनेवा स्थित इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर को भेजे गए व्यापारिक आंकड़े अधूरे थे और इनमें कुछ आयात संबंधी डेटा शामिल नहीं था. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह कमी दरअसल मुख्य डेटा स्रोत को PRAL से PSW में बदलने के कारण हुई. जहां PRAL फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के अधीन है, वहीं PSW एक स्वतंत्र कानूनी इकाई है, जिसमें अधिकतर कस्टम अधिकारी शामिल हैं.

PSW का डेटा देश के सभी आयात प्रविष्टियों को कवर करता है, जिनमें व्यापार सुविधा योजनाओं से जुड़ी एंट्रियां भी शामिल हैं. इसके विपरीत, PRAL के डेटासेट में कच्चे माल और अन्य कई श्रेणियों की एंट्रियां नहीं होतीं. 11 अरब डॉलर की विसंगति तब उजागर हुई, जब अधिकारियों ने पाकिस्तानी आयातकों और चीनी निर्यातकों द्वारा दर्ज व्यापारिक आंकड़ों की तुलना शुरू की.

IMF की सख्ती से पाकिस्तान सरकार में भी हलचल मच गई है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि उनकी सरकार IMF पर निर्भरता खत्म करने की दिशा में काम कर रही है. मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मलेशिया के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाकर IMF को “हमेशा के लिए अलविदा” कहने की तैयारी में है.

 

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