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रूस में 600 वर्षों बाद फटा क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी, आसमान में 6 किलोमीटर तक उठी राख की गुबार, लोगों को दूर रहने की सलाह दी गई

रूस में रविवार दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर 600 वर्षों के बाद पहली बार कामचटका प्रायद्वीप में क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी फटा है. इसकी राख का गुबार आसमान में करीब 6 किलोमीटर तक दिखाई दिया है. आसपास के क्षेत्र के लोगों को इससे 10 किलोमीटर दूर रहने को कहा गया है.

05 Aug, 2025
( Updated: 05 Aug, 2025
11:50 PM )
रूस में 600 वर्षों बाद फटा क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी, आसमान में 6 किलोमीटर तक उठी राख की गुबार, लोगों को दूर रहने की सलाह दी गई

अभी हाल ही में रूस में 8.8 की तीव्रता के साथ भूकंप आया था. उसे बीते अभी कुछ ही दिन हुए थे कि 600 वर्षों बाद कामचटका प्रायद्वीप में क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी पहली बार फटा है, यह इतना खतरनाक था कि इसकी विशाल राख की गुबार आसमान में 6 किलोमीटर तक दिखाई दी. आसपास के रहने वाले लोगों को करीब 10 किलोमीटर दूर रहने को कहा गया है. इस बात की जानकारी रूसी विज्ञान अकादमी 'यूनिफाइड जियोफिजिकल सर्विस' की तरफ से जारी की गई है. 

रविवार दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर हुआ भयंकर विस्फोट

खबरों के मुताबिक, रविवार दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर एक भयंकर विस्फोट हुआ. इसमें राख की गुबार शुरुआत में समुद्र तल से आसमान में करीब 3 से 4 किलोमीटर तक दिखाई दी, लेकिन कुछ देर बाद यह 6,000 मीटर यानी 6 किलोमीटर तक पहुंच गई. आसपास के क्षेत्र में ऑरेंज एविएशन वार्निंग जारी की गई है. 

क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी 6 सदियों में पहली बार ऐसा दिखा

केवीईआरटी की प्रमुख ओल्गा गिरिना ने आरआईए नोवोस्ती को बताया कि क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी 6 सदियों से ज्यादा समय बाद पहली बार इस तरह की गतिविधि में देखी गई है. खबरों के मुताबिक, इस राख का गुबार दक्षिण-पूर्व की ओर प्रशांत महासागर की तरफ बढ़ रहा है. 

कामचटका के आपातकालीन मंत्रालय ने जारी किया बयान

कामचटका के आपातकालीन मंत्रालय की तरफ से टेलीग्राम पर एक बयान जारी कर बताया गया है कि 'यह गुबार ज्वालामुखी से पूर्व की ओर प्रशांत महासागर की ओर फैल रहा है. इसके मार्ग में कोई आबादी वाला क्षेत्र नहीं है और आबादी वाले इलाकों में कोई राख गिरने की सूचना नहीं मिली है.

क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी 200 किलोमीटर उत्तर स्थित है 

बता दें कि क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से लगभग 200 किलोमीटर उत्तर और क्रोनोट्स्कोय झील से 13 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है. यह कामचटका के पूर्वी ज्वालामुखी क्षेत्र का हिस्सा है, जो अपने कई सक्रिय ज्वालामुखियों के लिए जाना जाता है. 

8.8 तीव्रता की भूकंप के बाद हुआ यह विस्फोट

बता दें कि यह विस्फोट कामचटका प्रायद्वीप में आए 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के कुछ ही दिनों बाद हुआ है, जिसके बाद सुनामी की चेतावनी जारी कर कामचटका और सेवेरो-कुरिल्स्क जिले के कुछ हिस्सों में आपातकाल की घोषणा की गई है. 

लोगों को 10 किलोमीटर दूर रहने को कहा गया

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ज्वालामुखी विस्फोट को देखते हुए क्षेत्रीय आपातकाल मंत्रालय द्वारा आसपास के क्षेत्र के लोगों के लिए पहले ही चेतावनी जारी की गई थी. जिसमें कामचटका में कई सक्रिय ज्वालामुखियों से 6 से 10 किलोमीटर की दूरी पर संभावित राख उत्सर्जन के बारे में आगाह किया गया था. 

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