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पुतिन को धोखा देने की तैयारी में ईरान... Su-35 छोड़ चीन के J-10C फाइटर जेट खरीदने का बना रहा प्लान

इजरायल के साथ युद्ध के दौरान रूस ने ईरान का खुलकर साथ दिया है लेकिन अब वही ईरान रूस को घोखा देने की तैयारी में है. रिपोर्ट के मुताबिक रूस से Su-35 लड़ाकू विमानों की डील में देरी के चलते ईरान अब चीन के J-10C फाइटर जेट की ओर रुख कर रहा है. खबरों के मुताबिक ईरान जल्द चीन से यह सौदा कर सकता है, जिससे रूस को रणनीतिक झटका लग सकता है.

30 Jun, 2025
( Updated: 30 Jun, 2025
06:47 PM )
पुतिन को धोखा देने की तैयारी में ईरान... Su-35 छोड़ चीन के J-10C फाइटर जेट खरीदने का बना रहा प्लान

इजरायल और ईरान के बीच हालिया युद्ध ने वैश्विक स्तर पर राजनीतिक समीकरणों को नई दिशा दी है. जहां अमेरिका इजरायल के समर्थन में खुलकर सामने आया, वहीं रूस ने न केवल ईरान का पक्ष लिया बल्कि इजरायली सैन्य कार्रवाई और ईरान की परमाणु साइट्स पर अमेरिकी हस्तक्षेप की कड़ी आलोचना भी की. लेकिन अब संकेत मिल रहे हैं कि ईरान अपने पुराने सहयोगी रूस को पीछे छोड़ते हुए चीन की ओर रुख करने की तैयारी कर रहा है. 

ईरान की रूस के साथ Su-35 डील पर संकट
दरअसल ईरान, जो पहले रूस से 4.5वीं पीढ़ी के Su-35 फाइटर जेट की डील कर चुका था, अब इस डील को ठंडे बस्ते में डालते हुए चीन की ओर झुकाव दिखा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान अब चीन से J-10C फाइटर जेट खरीदने की योजना बना रहा है. वही आधुनिक लड़ाकू विमान जो पहले से ही पाकिस्तान एयरफोर्स का हिस्सा है. ईरान की यह रणनीतिक शिफ्ट उसकी वायुसेना की तत्काल जरूरतों के अनुसार है. हाल ही में हुए इजरायली हमले में एफ-16 और एफ-35 जैसे अत्याधुनिक अमेरिकी फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया गया, जिसके मुकाबले ईरान की वायुसेना अब भी 1960 और 1970 के दशक के F-4 फैंटम और MiG-29 जैसे पुराने जेट्स पर निर्भर है. इनमें से कई विमानों की उम्र 50 साल से भी ज्यादा है, जो उन्हें आधुनिक युद्ध के लिहाज से अप्रभावी बनाते हैं. इसलिए लिहज से अब ईरान के रूस की बजाय चीन की तरफ ज्यादा झुकाव हो सकता है. 

Su-35 की डिलीवरी में देरी से बदला ईरान का रुख
ईरान ने कुछ समय पहले रूस से 4.5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान Su-35 की खरीद के लिए डील की थी, लेकिन इन विमानों की डिलीवरी में हो रही लगातार देरी ने तेहरान को नई रणनीति पर सोचने को मजबूर कर दिया है. अब ईरान का ध्यान तेजी से चीन के J-10C फाइटर जेट्स की ओर बढ़ रहा है. ईरान के सैन्य अधिकारियों का कहना है कि उन्हें आशंका है कि इजरायल कभी भी व्यापक हमला कर सकता है, और ऐसे में तुरंत अत्याधुनिक फाइटर जेट्स की जरूरत है. रूस से Su-35 की डिलीवरी में विलंब के कारण, ईरान अब यह सुनिश्चित करना चाहता है कि उसकी वायुसेना जल्द से जल्द अपडेट हो सके.

J-10C बनाम Su-35 कौन से फाइटर जेट हैं ज्यादा घातक?
J-10C और Su-35 इन दोनों फाइटर जेट की बात करें तो दोनों की अपडेटेड फाइटर जेट हैं लेकिन इन दोनों में कुछ मूल अंतर भी है. जैसे J-10C मध्यम वजन का सिंगल-इंजन लड़ाकू विमान, जो अधिक गतिशीलता और तेज़ी से तैनाती में मदद करता है. वही Su-35 भारी श्रेणी का दो इंजन वाला फाइटर जेट, जो लंबी दूरी के ऑपरेशन और ज्यादा पेलोड के लिए बेहतर है. इसी तरह अगर रडार तकनीक की बात करें J-10C में AESA (Active Electronically Scanned Array) रडार लगा है, जो इलेक्ट्रॉनिक जामिंग और मल्टी टारगेट ट्रैकिंग में अधिक सक्षम है. जबकि Su-35 अभी भी पारंपरिक PESA रडार (Passive Electronically Scanned Array) या एक मिश्रित रडार सिस्टम पर निर्भर करता है, जो तुलनात्मक रूप से थोड़ा पुराना है. इसी प्रकार मिसाइल प्रणाली में भी दोनों में कुछ अंतर है. J-10C चीन की उन्नत PL-10 (क्लोज रेंज) और PL-15 (बीयॉन्ड-विजुअल-रेंज) मिसाइलों से लैस है, जो तेज़ी से लॉक और लॉंच की क्षमता देती हैं. Su-35 रूस की R-74 और R-77-1 मिसाइलों से सुसज्जित है, जो अति घातक हैं लेकिन तकनीकी जटिलताओं और सप्लाई बाधाओं से ग्रस्त हो सकती हैं.

डील हुई तो डिफेंस मार्केट में आएगा बड़ा बदलाव
J-10C को चीन की एयरफोर्स (PLA-AF) ने 2006 में शामिल किया था. मौजूदा समय में चीन के पास लगभग 220 J-10C लड़ाकू विमान हैं. यह जेट तकनीक और प्रदर्शन के मामले में अक्सर अमेरिका के F-16 से तुलना में रखा जाता है, जो तेज़, बहु-भूमिका में सक्षम और आधुनिक रडार प्रणाली से लैस है. ऐसे में अगर ईरान चीन के साथ J-10C की डील करता है तो यह रूसी डिफेंस मार्केट में भरोसे की कमी को उजागर करेगा, जिससे रूस को भविष्य में अन्य सैन्य ग्राहकों को बनाए रखना मुश्किल हो सकता है.

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