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C-17 मिलिट्री विमान से डिपोर्ट किए गए भारतीय! जानिए सैन्य विमान का इस्तेमाल ट्रंप ने क्यों किया?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त नीति एक बार फिर चर्चा में है। हाल ही में, एक C-17 सैन्य विमान के जरिए 200 भारतीय अवैध प्रवासियों को अमेरिका से भारत भेजा गया। यह कदम दुनियाभर में सुर्खियां बटोर रहा है क्योंकि सैन्य विमानों के जरिए निर्वासन का खर्च बेहद ज्यादा होता है।

06 Feb, 2025
( Updated: 06 Feb, 2025
09:12 AM )
C-17 मिलिट्री विमान से डिपोर्ट किए गए भारतीय! जानिए सैन्य विमान का इस्तेमाल ट्रंप ने क्यों किया?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अवैध प्रवासियों को निष्कासित करने के लिए महंगे सैन्य विमानों का उपयोग शुरू किया है, जिससे वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। इस कदम के तहत, एक अमेरिकी सैन्य विमान C-17 ने लगभग 200 भारतीय अवैध प्रवासियों को लेकर भारत के अमृतसर में लैंड किया। यह पहली बार है जब अमेरिका ने इतनी लंबी दूरी तक सैन्य विमान का उपयोग करके अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजा है। 
ट्रंप प्रशासन की सख्त आव्रजन नीति
राष्ट्रपति पद संभालते ही डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए। उन्होंने अमेरिकी सैन्य विमानों का उपयोग करके अवैध प्रवासियों को उनके मूल देशों में वापस भेजने का निर्णय लिया। इस नीति के तहत, ग्वाटेमाला, पेरू, होंडुरास, और अब भारत जैसे देशों के अवैध प्रवासियों को सैन्य विमानों से वापस भेजा जा रहा है। 

सैन्य विमानों का उपयोग क्यों?

सैन्य विमानों का उपयोग करना न केवल एक प्रतीकात्मक कदम है, बल्कि यह अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त संदेश देने का भी हिस्सा है। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि यह कदम अवैध आप्रवासियों को यह संदेश देता है कि अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।  सैन्य विमानों का उपयोग करने की लागत भी चर्चा का विषय है। रिपोर्ट्स के अनुसार, C-17 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की परिचालन लागत लगभग $28,500 प्रति घंटा है। एक 10.5 घंटे की उड़ान की कुल लागत लगभग $298,500 होती है, जो प्रति प्रवासी लगभग $4,675 बैठती है। यह लागत एक प्रथम श्रेणी के वाणिज्यिक टिकट से कई गुना अधिक है। 

हालांकि इस भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है, बशर्ते उनकी नागरिकता की पुष्टि हो जाए। पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि राज्य सरकार इन प्रवासियों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। 

अवैध रूप से अमेरिका जाने का प्रयास करने वाले भारतीयों की संख्या में वृद्धि हो रही है, विशेष रूप से पंजाब और गुजरात से। ये लोग अक्सर खतरनाक मार्गों और मानव तस्करों के जाल में फंस जाते हैं, जिससे उनकी जान को खतरा होता है। अमेरिका में अवैध रूप से रहने पर न केवल कानूनी समस्याएं होती हैं, बल्कि निर्वासन का भी सामना करना पड़ता है। 

राष्ट्रपति ट्रंप का सैन्य विमानों का उपयोग करके अवैध प्रवासियों को निष्कासित करने का कदम न केवल एक सख्त आव्रजन नीति का प्रतीक है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर एक मजबूत संदेश भी भेजता है। हालांकि, इसकी उच्च लागत और इसके पीछे की प्रतीकात्मकता पर बहस जारी है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले समय में यह नीति कितनी प्रभावी साबित होती है और इसका अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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