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'ये यहां कैसे खा सकता है...', पाकिस्तान में हिंदू युवक को ढाबे पर खाते देख आगबबूला हुए कट्टरपंथी, बांधकर पीटा

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक बार फिर बर्बरियत की इंतेहा कर दी गई है. यहां हिंदू बागरी समुदाय के एक युवक दौलत बागरी को ढाबे पर खाना खाने के कारण बेरहमी से पीटा गया. इतना ही नहीं कट्टरपंथियों ने उसके पास मौजूद 60 हजार रुपये भी लूट लिए. वीडियो वायरल होने के बाद 7 लोगों पर केस दर्ज हुआ, लेकिन आरोपियों की पहचान के बावजूद किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई.

'ये यहां कैसे खा सकता है...', पाकिस्तान में हिंदू युवक को ढाबे पर खाते देख आगबबूला हुए कट्टरपंथी, बांधकर पीटा
Image: AI / Meta

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों, महिलाओं और यहां तक कि आम आवाम की जिंदगी नर्क बन गई है. जो हिंदू कभी 23% हुआ करते थे वो आज सिमटकर 1.5% से भी कम हो गए हैं. मानवाधिकार की दुहाई, लाख हो हल्ले के बावजूद पाक सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. 

यहां हिंदुओं के साथ अत्याचार लगातार जारी है. इसी बीच उसके सिंध सूबे से एक हैरान और परेशान कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां के कोटरी शहर में एक शर्मनाक घटना को अंजाम दिया गया है, जहां हिंदू बागरी समुदाय के एक युवक को सिर्फ इसलिए बेरहमी से पीटा गया क्योंकि उसने ढाबे पर खाना खा लिया. अब इस घटना ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है. अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित युवक का नाम दौलत बागरी है.

जानकारी के मुताबिक दौलत दोपहर में सड़क के ही किनारे पर बने एक ढाबे पर खाना खाने गया था. उसको देखते ही वहां मौजूद लोग आगबबूला हो गए. यहां तक कि होटल के मालिक और वहां पर पहले से मौजूद लोगों ने हिन्दू युवक की मौजूदगी पर ऐतराज जताया. उन्होंने कहा कि ‘ये हिंदू यहां कैसे खा सकता है.' इसके बाद उन लोगो ने उसके हाथ-पैर बांध दिए. इतना ही नहीं युवक को बेरहमी से पीटा गया. और तो और उसके पास से 60 हजार रुपये भी लूट लिए गए. इस दौरान दौलत बार-बार उसे छोड़ देने की गुहार लगाता रहा, लेकिन कट्टरपंथियों ने उसकी एक न सुनी.

पिटाई का वीडियो वायरल 

दौलत के साथ हुई पिटाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि युवक रस्सियों से बंधा हुआ है और उसे पीटा जा रहा है. वीडियो सामने आने के बाद पाकिस्तान के कई लोगों ने नाराजगी जताई. इस घटना के बाद लोगो में आक्रोश फैल गया और न्याय की मांग उठने लगी. हंगामे के बाद, कोटरी पुलिस ने दौलत की शिकायत पर सात आरोपियों, फैयाज अली, अरशद अली, मोइन अली, शफी मुहम्मद, नियाज, दार मुहम्मद और इकराम के साथ-साथ होटल मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया. हालांकि मामले की गंभीरता इतनी है और पॉलिसी के कारण आपको वीडियो दिखाना भी मुश्किल हो रहा है.

नहीं हुई कोई गिरफ्तारी

पाकिस्तान की संवेदनशीलता का पता इसी से चलता है कि FIR दर्ज होने के बावजूद, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिसने पुलिस की कार्रवाई में लापरवाही, सांठगांठ और सिंध में अल्पसंख्यकों पर जारी अत्याचार को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं. मामला दर्ज होने से पहले पीड़ितों की ओर से जमशोरो के जिला एवं सत्र न्यायालय में एसएसपी और जमशोरो के एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर आरोप लगाते हुए एक याचिका दायर की गई थी.

याचिका दायर होने के बाद ही पुलिस ने आखिरकार मामला दर्ज किया. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना ने एक बार फिर पाकिस्तान के हिंदू अल्पसंख्यकों, खासकर बागरी जैसे हाशिए के समुदायों से जुड़े लोगों द्वारा झेले जा रहे प्रशासनिक, सामाजिक भेदभाव और हिंसा को उजागर किया है, जो व्यापक पूर्वाग्रह और सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहे हैं.

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इसके बाद पाकिस्तान की मानवाधिकार के उल्लंघन को लेकर तीखी आलोचना हो रही है. मांग की जा रही है कि वैश्विक समुदाय को अब चुप नहीं रहना चाहिए. इसके अलावा ह्यूमन राइट्स कार्यकर्ताओं ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को तत्काल जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए और सताए गए अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए तंत्र स्थापित होना चाहिए.

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