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अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर गिराए बंकर बस्टर बम, जानें इसकी खासियत

अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु अड्डों पर बंकर बस्टर बम से हमला किया है. इसके लिए अमेरिकी वायु सेना ने सबसे एडवांस फाइटर जेट B2 बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया है. इस जेट से हजारों किलोग्राम के बंकर बस्टर बम गिराए गए हैं. आइए जानते हैं क्या है बंकर बस्टर बम और इसकी खासियत.

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22 Jun 2025
( Updated: 09 Dec 2025
01:59 PM )
अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर गिराए बंकर बस्टर बम, जानें इसकी खासियत

बंकर बस्टर बम जिसे अंडरग्राउंड ठिकानों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है. इसका इस्तेमाल अभी तक आधिकारिक रूप से किसी युद्ध में नहीं किया गया है. अब यह पहला मौका है जब अमेरिका ने इसका इस्तेमाल किया है. 

क्या है बंकर बस्टर बम?

ईरान के तीन न्यूक्लियर साइट्स पर अमेरिका ने हमला किया है. इनमें फॉर्डो, नतांज और इशफहान न्यूक्लियर साइट्स शामिल हैं. इन हमलों को अमेरिकी वायु सेना ने सबसे अडवांस फाइटर जेट B2 बॉम्बर्स से अंजाम दिया है. इन बॉम्बर्स ने बताया जा रहा है कि हजारों किलोग्राम के बम इन तीन साइट्स पर गिराए हैं, जो खासतौर से बंकर बस्टर बम के रूप में मशहूर है. इन बमों को MOP यानी मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर भी कहा जाता है. 

MOP, एक 30,000 पाउंड वजनी बम है जिसे खासतौर से अंडरग्राउंड ठिकानों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है. यह बम बेहद मजबूत स्टील अलॉय से बना होता है जो इसे जमीन में सैकड़ों फीट अंदर घुसने की क्षमता देता है. इसके बाद यह बम अंदर जाकर विस्फोट करता है, जिससे भीतर छिपे ठिकानों का पूरी तरह से सफाया हो जाता है.

जानें बंकर बस्टर बम की खासियत 

बंकर बस्टर बम जीपीएस-गाइडेड है और इसे सिर्फ B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर से ही गिराया जा सकता है. B2 बॉम्बर की खासियत यह है कि यह रडार से छुपकर लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है और हवा में ही ईंधन भरवाकर लक्ष्य तक पहुंच सकता है.

अभी तक इस बम के किसी युद्ध में इस्तेमाल की कोई आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई थी, लेकिन सैन्य विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बम अब पहले से ज्यादा उन्नत और प्रभावी हो चुका है. रक्षा अधिकारियों का कहना है कि यह बम लगभग 200 फीट तक की गहराई में घुस सकता है, और पिछले 20 वर्षों में इसके विकास ने इसकी क्षमताओं को और बढ़ा दिया है.

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फिलहाल अमेरिकी वायु सेना के पास 19 ऑपरेशनल B2 बॉम्बर हैं. ये सबसोनिक स्पीड से उड़ान भरते हैं लेकिन इनकी रेंज काफी लंबी होती है. बता दें कि फिलहाल इजरायल के पास ऐसा कोई फाइटर जेट्स और बंकर बस्टर बम नहीं है इसलिए उसे अमेरिका की मदद लेनी पड़ी. इजरायली लड़ाकू विमान इतने भारी बम ले जाने में सक्षम नहीं हैं. यही वजह है कि इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू लगातार ट्रंप से ईरान के खिलाफ स्ट्राइक में शामिल होने की डिमांड कर रहे थे.

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