नेपाल में चल रहे विरोध-प्रदर्शन से भारत के 5 राज्य अलर्ट मोड पर... बढ़ते बवाल के बीच गृहमंत्री ने सौंपा इस्तीफा, मौत का आंकड़ा 20 के पार
नेपाल में 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बैन होने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने को लेकर चल रहे विरोध-प्रदर्शन के बीच गृहमंत्री रमेश लेखक ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 20 लोगों की मौत हुई है. इस विरोध-प्रदर्शन की चिंगारी भारत की सीमा तक पहुंच गई है, जिसके चलते देश के 5 राज्यों की सीमा अलर्ट मोड पर है.
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नेपाल में 26 से ज्यादा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में चल रहे विरोध-प्रदर्शन में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर नजर आ रहे हैं. सोमवार 8 सितंबर को इस हिंसक झड़प की आग में नेपाल इस कदर झुलसा की 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. नेपाल की राजधानी काठमांडू और अन्य इलाकों में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए. इस दौरान विरोध-प्रदर्शनों के बीच नेपाल के गृहमंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रदर्शन देशभर में देखने को मिली. इस झड़प की शुरुआत नेपाल की एक चर्चित NGO 'हामी नेपाल' के द्वारा हुई. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए, इस NGO ने हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों को सड़कों पर उतारा. उसके बाद देखते ही देखते कुछ ही घंटे के अंदर प्रदर्शनकारी गुस्से से आग बबूला हो गए. इस विरोध-प्रदर्शन की वजह से भारत-नेपाल सीमा पर अलर्ट जारी किया गया है. इन सभी जगहों पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है.
नेपाल के गृहमंत्री ने दिया इस्तीफा
इस विरोध-प्रदर्शन के बीच पीएम केपी शर्मा ओली ने आपातकालीन बैठक बुलाई. वहीं लगातार हिंसक हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए नेपाल के गृहमंत्री रमेश लेखक ने नैतिक आधार पर अपने इस्तीफे की घोषणा की है.
भारत-नेपाल सीमा पर अलर्ट जारी
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध को लेकर चल रहे विरोध-प्रदर्शन की आंच अब भारत की सीमा तक पहुंच गई है. नेपाल के बॉर्डर से सटे भारत के कई ऐसे जिले हैं, जहां अलर्ट जारी कर दिया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि दोनों देशों के बीच कई स्थानों पर संयुक्त गश्त बढ़ा दी गई है, ताकि किसी भी तरीके से कोई भी असामाजिक तत्व सीमा पार न कर सके. भारत-नेपाल की सीमा खुली होने की वजह से सुरक्षा का खास ध्यान रखा जा रहा है. सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में चौकसी बढ़ाई गई है. नेपाल से जुड़े उत्तर प्रदेश के जिलों में पीलीभीत, बहराइच, सिद्धार्थनगर और महाराजगंज में विशेष निगरानी की जा रही है. इसके अलावा बिहार के चंपारण, सीतामढ़ी और मधुबनी में भी सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है.
सुरक्षाबलों के साथ हुई हिंसक झड़प
सोमवार सुबह काठमांडू में प्रदर्शनकारियों ने न्यू बानेश्वर में नेपाली संसद को घेर लिया और बैरिकेट्स तोड़ते हुए अंदर घुस गए. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच हिंसक झड़प हुई. माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने आंसू गैस कर पानी की बौछारें भी छोड़ी. वहीं दोपहर होते-होते यह प्रदर्शन काफी उग्र हो गया. काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने पीएम केपी शर्मा ओली के गृह नगर दमक में उनके पैतृक आवास पर पहुंचकर पथराव किया. उसके बाद सुरक्षा में तैनात पुलिस ने चेतावनी देते हुए गोलियां चलाई, जिसमें 20 से ज्यादा लोग मारे गए. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने लाल और नीले रंग का झंडा लहराते हुए सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की मांग की और भ्रष्टाचार पर भी सवाल उठाए. यह प्रदर्शन 'जेनरेशन जेड' का बताया जा रहा है. इसमें अधिकतर 1995 से लेकर 2010 के बीच जन्मे युवाओं ने प्रदर्शन किया.
#WATCH | Nepal: People in Kathmandu stage a massive protest against the government over alleged corruption and the recent ban on social media platforms, including Facebook, Instagram, WhatsApp and others.
— ANI (@ANI) September 8, 2025
At least 18 people have died and more than 250 people have been injured… pic.twitter.com/zz0mLm5VQ6
नेपाल के प्रमुख सरकारी स्थलों पर कर्फ्यू और प्रबंध
बता दें कि काठमांडू जिला प्रशासन ने संसद भवन, सरकारी सचिवालय, राष्ट्रपति भवन और अन्य सुरक्षा वाले क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है. बुटवल, भैरहवा, इटहरी और दमक में भी कर्फ्यू लागू किया गया है. इस प्रदर्शन में अब तक 20 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और सैंकड़ों लोग घायल बताए जा रहे हैं, जिन्हें कई शहरों में अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
नेपाल सरकार ने 4 सितंबर को लगाया प्रतिबंध
बता दें कि नेपाल सरकार ने 4 सितंबर की देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया था. सरकार का कहना है कि यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के 17 अगस्त के फैसले और कैबिनेट के निर्णय के अनुरूप है, जिसमें इन कंपनियों को नेपाल में ऑफिस खोलने, रजिस्ट्रेशन करने और टैक्स चुकाने को कहा गया था, लेकिन उसके बाद भी नियमों की अनदेखी की गई. जिसकी वजह से यह कदम उठाया गया है. हालांकि, 'सोशल मीडिया के संचालन, उपयोग और विनियमन विधेयक' अभी संसद में पास नहीं हुआ है. कुछ प्लेटफॉर्म्स पहले से टैक्स दे रहे थे, फिर भी उन्हें ब्लॉक किया गया है.
#WATCH | Kathmandu, Nepal: A protestor says, "We are here to protest against the corruption and the ban of social media. There are people dying on the streets. I have seen more than 15 people being shot. There is not enough ambulances, and the hospitals are running out of… https://t.co/jLA7fEJlq8 pic.twitter.com/OiTxzVeeUr
— ANI (@ANI) September 8, 2025
नेपाल में इन ऐप्स पर लगा प्रतिबंध
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नेपाल सरकार ने जिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें फेसबुक, मैसेंजर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, व्हाट्सएप, एक्स (ट्विटर), लिंक्डइन, स्नैपचैट, रेडिट, डिस्कॉर्ड, पिंटरेस्ट, सिग्नल, थ्रेड्स, वीचैट, कोरा, टम्बलर, क्लबहाउस, मास्टोडॉन, रम्बल, मीवी, वीके, लाइन, आईएमओ, जालो, सोल और हमरो पात्रो शामिल हैं.
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