Advertisement

ट्रैफिक से राहत! अब सिर्फ 40 मिनट में गेटवे से नवी मुंबई एयरपोर्ट पहुंचेंगे यात्री, वो भी समंदर पर 'उड़कर'

महाराष्ट्र सरकार और संबंधित प्राधिकरण इस परियोजना को जल्द से जल्द साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. एक बार चालू हो जाने पर, यह गेटवे ऑफ इंडिया से नवी मुंबई हवाई अड्डे तक की यात्रा को पूरी तरह से बदल देगा, जिससे मुसाफिरों के लिए यात्रा एक तेज़, आरामदायक और यादगार अनुभव बन जाएगी.

04 Jun, 2025
( Updated: 04 Jun, 2025
09:58 PM )
ट्रैफिक से राहत! अब सिर्फ 40 मिनट में गेटवे से नवी मुंबई एयरपोर्ट पहुंचेंगे यात्री, वो भी समंदर पर 'उड़कर'
Meta AI

मुंबई, भारत की वित्तीय राजधानी और सपनों का शहर, अपनी बढ़ती और घनी आबादी के कारण यातायात की समस्या से हमेशा जूझता रहा है. छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (CSMIA) पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए, नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (NMIA) का निर्माण प्रगति पर है. इस नए हवाई अड्डे तक पहुँच को आसान और तेज़ बनाने के लिए, महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पोर्ट अथॉरिटी (MbPA) एक महत्वाकांक्षी जल परिवहन परियोजना पर काम कर रहे हैं. इसके तहत, जल्द ही यात्री मुंबई के प्रतिष्ठित गेटवे ऑफ इंडिया से नवी मुंबई हवाई अड्डे तक समुद्री मार्ग से ई-वॉटर टैक्सी  के जरिए मात्र 40 मिनट में पहुँच सकेंगे, जिससे उनके लिए समय और सुविधा दोनों का लाभ होगा. यह पहल मुंबई के शहरी परिवहन परिदृश्य में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली है.

समंदर पर 'उड़कर' जाएंगे मुसाफिर

इस परियोजना का लक्ष्य मुंबई शहर के दिल से सीधे नवी मुंबई एयरपोर्ट तक एक तेज़ और आरामदायक मार्ग उपलब्ध कराना है. यह विशेष रूप से उन हवाई यात्रियों के लिए बेहद फायदेमंद होगा जो शहर के दक्षिणी हिस्सों से यात्रा करते हैं और सड़क मार्ग से लगने वाले भारी ट्रैफिक से बचना चाहते हैं.

सरकार ने गेटवे ऑफ इंडिया और रेडियो क्लब के पास नया मरीना बनाने की योजना शुरू कर दी है. इसकी लागत करीब 190 करोड़ रुपये है. साथ ही, महाराष्ट्र मेरीटाइम बोर्ड 15 इलेक्ट्रिक बोट्स चलाने जा रहा है. ये बोट्स गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा और अलीबाग तक यात्रियों को ले जाएंगी. इन बोट्स  को स्वीडन की कंपनी कैंडेला (Candella) ने खास डिजाइन के साथ तैयार करने की ज़िम्मेदारी ली है. इनमें ऐसी तकनीक है, जिससे नाव पानी के ऊपर उठकर चलेगी मानो आप पानी के ऊपर उड़ रहे हों. इस तकनीक से कम फ्यूल खर्च होगा और सफर कम शोर वाला होगा.

शुरुआत में चलाई जाएंगी 2 इलेक्ट्रिक नाव 

शुरुआत में 2 इलेक्ट्रिक नावें चलाई जाएंगी, जिनमें हर एक में 30 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी. मानसून खत्म होते ही ये सेवा शुरू होने की संभावना है. धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ाकर 15 कर दी जाएगी. पूरी योजना पर लगभग 330 करोड़ रुपये खर्च होंगे, और एक नाव की कीमत करीब 22 करोड़ रुपये है.

इस नई सुविधा के शुरू होने से, दक्षिण मुंबई से नवी मुंबई हवाई अड्डे तक का सफर मात्र 40 मिनट में तय किया जा सकेगा. वर्तमान में सड़क मार्ग से इसमें लगभग 70 मिनट का समय लगता है. यह पहल न केवल यात्रियों का समय बचाएगी, बल्कि ट्रैफिक और प्रदूषण दोनों को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. ई-बोट्स का यह सफर सिर्फ़ तेज़ ही नहीं होगा, बल्कि मुंबई के समंदर, प्रतिष्ठित गेटवे ऑफ इंडिया, एलीफेंटा और नेरुल-बेलापुर की फ्लेमिंगो घाटियों से होकर गुजरने के कारण यह यात्रा बेहद खूबसूरत और यादगार भी होगी.

2027 तक प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य  

इस प्रोजेक्ट को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इसमें 150 कारों के लिए पार्किंग, यात्रियों के लिए बड़ा वेटिंग एरिया, लगेज हैंडलिंग सिस्टम, ओपन एयर एम्फीथिएटर और ई-गोल्फ कार्ट जैसी सुविधाएं होंगी. यह परियोजना नवी मुंबई क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी और हवाई अड्डे के आसपास के क्षेत्रों में विकास को गति देगी. यह कनेक्टिविटी बढ़ने से व्यापार और निवेश के नए अवसर भी पैदा होंगे.

Tags

Advertisement
LIVE
Advertisement
Tablet से बड़ा होता है साइज, Oral S@X, Size लड़कियों के लिए मैटर करता है? हर जवाब जानिए |Dr. Ajayita
Advertisement
Advertisement