बेरोजगारों के लिए बड़ी खुशखबरी, यूपी में खुल रहे 52 हजार रोजगार के अवसर, योगी सरकार की पहल
UP Yojana: अब तक करीब 14 हजार से ज्यादा प्रत्यक्ष नौकरियों का रास्ता साफ हो चुका है, जबकि आने वाले समय में 38 हजार से अधिक अतिरिक्त रोजगार मिलने की उम्मीद है. कुल मिलाकर इस एक योजना से 52 हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिलने का अनुमान है, जो प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.
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UP Job Yojana: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार युवाओं के भविष्य को मजबूत बनाने के लिए लगातार बड़े कदम उठा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर अब तेजी से धरातल पर उतर रहा है. इस परियोजना के जरिए प्रदेश में हजारों युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खुल रहे हैं.सरकार का दावा है कि अब तक करीब 14 हजार से ज्यादा प्रत्यक्ष नौकरियों का रास्ता साफ हो चुका है, जबकि आने वाले समय में 38 हजार से अधिक अतिरिक्त रोजगार मिलने की उम्मीद है. कुल मिलाकर इस एक योजना से 52 हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिलने का अनुमान है, जो प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की शुरुआत देश को रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से की गई है. इस योजना के तहत अब तक 62 कंपनियों को करीब 978 हेक्टेयर जमीन दी जा चुकी है. इन कंपनियों के जरिए लगभग 12 हजार करोड़ रुपये के निवेश का रास्ता खुला है. इससे न सिर्फ प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है, बल्कि हजारों युवाओं को अपने ही राज्य में रोजगार मिलने की उम्मीद भी बढ़ी है.
छह नोड्स में तेजी से हो रहा विकास
यह डिफेंस कॉरिडोर प्रदेश के छह प्रमुख नोड्स – अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट और आगरा में विकसित किया जा रहा है. इन सभी जगहों पर कुल 2,097 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन को मंजूरी दी जा चुकी है, जिसमें से अधिकांश भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है. फिलहाल 1,598 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन कंपनियों को आवंटन के लिए उपलब्ध है. इससे साफ है कि आने वाले समय में और भी उद्योग यहां स्थापित होंगे.
अलीगढ़ और कानपुर बने बड़े केंद्र
डिफेंस कॉरिडोर में अलीगढ़ सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा है, जहां अब तक 24 कंपनियों को जमीन दी जा चुकी है. वहीं कानपुर में 5 कंपनियों को करीब 210 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई है. इसके अलावा झांसी में 17 कंपनियों को 571 हेक्टेयर और लखनऊ में 16 कंपनियों को 131 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि दी जा चुकी है. चित्रकूट, अलीगढ़ फेज-2 और आगरा में भी जल्द ही भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है.
निवेश और नौकरियों का बड़ा अनुमान
अब तक डिफेंस कॉरिडोर के लिए 197 एमओयू साइन किए जा चुके हैं, जिनमें से 172 औद्योगिक एमओयू हैं. इन समझौतों के जरिए करीब 34,800 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान है. इससे प्रदेश में 52,658 नौकरियों का सृजन होने की संभावना जताई जा रही है. यह आंकड़े साफ बताते हैं कि डिफेंस कॉरिडोर यूपी की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई पर ले जा सकता है.
अगले चरण में और बड़ी संभावनाएं
अगले चरण में 110 से ज्यादा कंपनियों के साथ एमओयू की प्रक्रिया चल रही है. इन प्रस्तावित कंपनियों से करीब 23 हजार करोड़ रुपये के निवेश और 38 हजार से अधिक रोजगार मिलने की उम्मीद है. यूपीडा के अधिकारियों के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी के विजन के अनुरूप यह परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है और आने वाले समय में इसके और बड़े नतीजे देखने को मिलेंगे.
ब्रह्मोस यूनिट से बढ़ी रणनीतिक ताकत
डिफेंस कॉरिडोर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है लखनऊ नोड में ब्रह्मोस मिसाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना. इस यूनिट से न सिर्फ प्रदेश की रणनीतिक अहमियत बढ़ी है, बल्कि यह देश की रक्षा तैयारियों को भी मजबूत कर रही है. इसके चलते उत्तर प्रदेश अब रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों को कड़ी चुनौती दे रहा है.
ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी की ओर यूपी
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डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के जरिए उत्तर प्रदेश तेजी से ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है. आने वाले महीनों में इस परियोजना से जुड़ी और बड़ी घोषणाएं होने की संभावना है. साफ है कि योगी सरकार की यह योजना न सिर्फ रोजगार पैदा कर रही है, बल्कि प्रदेश के विकास की रफ्तार को भी नई दिशा दे रही है.
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