महाराष्ट्र के स्कूलों में मराठी भाषा अनिवार्य, तीसरी भाषा को लेकर पेरेंट्स पर छोड़ा फैसला
महाराष्ट्र के स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाने को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे का बयान आया है. उन्होंने कहा कि स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाना अनिवार्य है और तीसरी भाषा के रूप में अभिभावक कोई भी विषय चुन सकते हैं.

महाराष्ट्र के स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाने को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे का बयान आया है. उन्होंने कहा कि स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाना अनिवार्य है और तीसरी भाषा के रूप में अभिभावक कोई भी विषय चुन सकते हैं. सीएम फडणवीस ने कहा कि ‘हिंदी भाषा को अनिवार्य बनाया गया है. कोई भी तीसरी भारतीय भाषा सीखी जा सकती है. मराठी अनिवार्य रहेगी. भारतीय भाषाओं का तिरस्कार करना और अंग्रेजी की प्रशंसा करना उचित नहीं है. इस पर विवाद खड़ा करना गलत है’
हिंदी भाषेची अनिवार्यता काढली आहे. तिसरी कुठलीही भारतीय भाषा शिकता येईल. मराठी अनिवार्य राहील. भारतीय भाषांचा तिरस्कार आणि इंग्रजीचा पुरस्कार हे योग्य नाही. यावरून वादंग निर्माण करणे चुकीचे आहे- मुख्यमंत्री @Dev_Fadnavis जी #मराठी pic.twitter.com/ShkqsFJGrX
— भाजपा महाराष्ट्र (@BJP4Maharashtra) June 18, 2025
दादाजी भुसे ने दी जानकारी
स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने बुधवार को कहा, "सभी माध्यम के स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाना अनिवार्य है. तीसरी भाषा के रूप में छात्र और उनके अभिभावक कोई भी विषय चुन सकते हैं, जिसे वे पढ़ना चाहते हैं और उसके अनुसार व्यवस्था की जाएगी. हालांकि, बच्चों की संख्या 20 से अधिक होनी चाहिए, अगर इससे कम होगी तो उन्हें ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा. तीसरी भाषा को लेकर निर्णय करने का फैसला छात्र और उनके अभिभावकों पर छोड़ा गया है. मैं समझता हूं कि महाराष्ट्र के छात्रों के भविष्य को लेकर राज्य सरकार ने ये कदम उठाया है."
दादाजी भुसे ने कहा, "पिछले कई सालों से महाराष्ट्र और मुंबई में तीन भाषा के आधार पर स्कूल चल रहे हैं. मेरा मानना है कि इस प्रतिस्पर्धा में महाराष्ट्र के सभी स्कूल रहने चाहिए, इसलिए महाराष्ट्र सरकार ने ऐसा निर्णय लिया है."
भाषा पर विवाद के बीच फैसला
बता दें कि महाराष्ट्र में भाषा पर विवाद के बीच राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राज्य में कक्षा 1 से 5 तक मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में तीसरी भाषा के रूप में हिंदी अनिवार्य होगी. महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को आधिकारिक तौर पर आदेश जारी किया है.
सरकार ने साफ किया कि हिंदी तीसरी भाषा के रूप में सामान्य रूप से अध्ययन के लिए लागू की जाएगी. सरकार ने आदेश में कहा, "सभी माध्यमों के स्कूलों में मराठी अनिवार्य भाषा होगी. इस कार्यान्वयन की सभी व्यवस्थाएं शिक्षा विभाग की तरफ से की जाएंगी. मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के लिए हिंदी अब से तीसरी भाषा होगी."