UP बनेगा आयुष रिसर्च का हब… योगी सरकार लाने जा रही है नई पॉलिसी, ट्रिपल P फॉर्मूले से होगा विस्तार
योगी आदित्यनाथ सरकार नई आयुष पॉलिसी से प्रदेश में आयुष उद्योग को रफ्तार देने जा रही है. इस पॉलिसी के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा.
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योगी सरकार देश के आयुष सेक्टर में अपनी धाक जमाने के लिए नई आयुष पॉलिसी लाने जा रही है. प्रदेश में आयुष उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी में निवेशकों को विभिन्न तरह की सहूलियतें दी जाएंगी. पॉलिसी में आयुष रिसर्च को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है ताकि प्रदेश को आयुष रिसर्च का हब बनाया जाए.
सरकार की इस पॉलिसी का उद्देश्य आयुष दवाओं की जांच और भर्ती के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करना है. नई पॉलिसी के तहत प्रदेश में आयुष अस्पतालों में मरीजों के इलाज की व्यवस्था को और भी बेहतर बनाया जाएगा. इसके साथ ही प्रदेश में आयुष विभाग को लगातार विकसित करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे.
नई आयुष पॉलिसी में निवेशकों को सहूलियतें
नई आयुष पॉलिसी में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रकार की सहूलियतें दी जाएंगी. इसमें कैपिटल सब्सिडी के साथ-साथ लैंड खरीद में स्टांप ड्यूटी में छूट और ग्रीन फील्ड पर विशेष छूट देने की योजना है. इसका उद्देश्य आयुष उद्योग के विस्तार में तेजी लाना और इसे एक वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहित करना है.
आयुष की पारंपरिक और प्राचीन पद्धति पर किया जा रहा फोकस
आयुष विभाग के प्प्रमुख सचिव आयुष रंजन कुमार ने बताया कि नई पॉलिसी का मकसद पूरे देश में आयुष क्षेत्र में UP का मजबूत स्थान बनाना है. उन्होंने कहा, आयुष के क्षेत्र में निवेश करने वाले उद्योगपति UP का रूख कर सकें. इसके लिए मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिये थे. ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप मेडिकल क्षेत्र में आयुष की भूमिका को अहम बनाने के लिए नई आयुष पॉलिसी बनायी जा रही है. इसमें आयुष की प्राचीन पद्धति पंचकर्म, नेचरोपैथी और वेलनेंस सेंटर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इससे प्रदेश में आयुष कारोबार को और बढ़ावा मिलेगा. नई पॉलिसी से न केवल आयुष कारोबार को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के एक और स्तर तक पहुंचाने में भी सहायक होगा.
PPP मॉडल पर फोकस
नई आयुष पॉलिसी में PPP (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर अस्पतालों का निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को भी बढ़ावा दिया जाएगा. इसके अलावा, आयुष अस्पतालों के निर्माण के लिए नए कोर्स शुरू किए जाएंगे, जिनमें आयुर्वेद, योग और होम्योपैथी से संबंधित कोर्स शामिल होंगे. इससे न केवल आयुष शिक्षा में वृद्धि होगी, बल्कि युवाओं को बेहतर रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.
UP में बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
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रंजन कुमार के मुताबिक, स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर कार्यान्वयन के लिए नए विचारों को समाहित किया जाएगा, जो राज्य सरकार की मंशा को सही दिशा में बढ़ावा देंगे. इस नई पॉलिसी के तहत, आयुष चिकित्सा पद्धतियों को वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहित करने और उन्हें आयुष वेलनेस सेंटर के रूप में पेश करने का प्रयास किया जाएगा. इसके साथ ही, योग और पंचकर्म जैसे क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा. आयुष के क्षेत्र में यह नीति न केवल प्रदेश के विकास में योगदान करेगी, बल्कि देश और दुनिया में उत्तर प्रदेश को एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करेगी.
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