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महाराष्ट्र के मंत्री ने स्टिंग ऑपरेशन कर मुंबई में अवैध रूप से चल रही रैपिडो बाइक टैक्सी का किया भंडाफोड़, खुद कस्टमर बनकर बुक की थी राइड

राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि ओला और उबर जैसे परिवहन ऐप्स के जरिए रैपिडो प्लेटफॉर्म का अवैध उपयोग किया जा रहा है. ऐसे मामलों में संबंधित आवेदनों को बंद कर दिया गया.

03 Jul, 2025
( Updated: 04 Jul, 2025
10:52 AM )
महाराष्ट्र के मंत्री ने स्टिंग ऑपरेशन कर मुंबई में अवैध रूप से चल रही रैपिडो बाइक टैक्सी का किया भंडाफोड़, खुद कस्टमर बनकर बुक की थी राइड

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में रैपिडो ऐप के अवैध संचालन पर कड़ा रुख अपनाया है. राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि ओला और उबर जैसे परिवहन ऐप्स के जरिए रैपिडो प्लेटफॉर्म का अवैध उपयोग किया जा रहा है. ऐसे मामलों में संबंधित आवेदनों को बंद कर दिया गया. मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि राज्य में रैपिडो के जरिए टैक्सी सेवाएं दी जा रही थीं, लेकिन परिवहन विभाग ने ऐसी किसी सेवा को अभी तक अनुमति नहीं दी है. हमने अभी तक रैपिडो को न टैक्सी सेवा के लिए अधिकृत किया है और न ही इसके संचालन के लिए कोई नियमावली बनाई है. ऐसे में यह पूरी तरह अवैध है. जब तक प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिलती, तब तक इसका इस्तेमाल गैरकानूनी माना जाएगा. उन्होंने चेतावनी दी कि जो लोग गैरकानूनी तरीके से इस ऐप का उपयोग कर रहे हैं, उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

आम जनता की तरह ही मंत्री ने बुक की थी रैपिडो, फिर जो हुआ…
दरअसल महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने खुद कस्टमर बनकर बिना परमिशन चल रही रैपिडो बाइक टैक्सी को रंगेहाथ पकड़ लिया था. यह मामला राज्य सरकार की नई ई-बाइक टैक्सी नीति से जुड़ा है, जिसमें कहा गया है कि अब सिर्फ इलेक्ट्रिक बाइक और नियमों के तहत काम करने वालों को ही बाइक टैक्सी चलाने की अनुमति दी जाएगी. बता दें कि मुंबई में रैपिडो जैसी ऐप के जरिए अब भी पेट्रोल से चलने वाली बाइक टैक्सी बिना सरकारी मंजूरी के सड़कों पर चल रही हैं. जब मंत्री सरनाईक ने इस पर सवाल किया तो परिवहन विभाग ने जवाब दिया कि मुंबई या किसी अन्य शहर में कोई भी गैरकानूनी तरीके से बाइक टैक्सी नहीं चल रही है. यह जवाब सुनकर मंत्री को शक हुआ और उन्होंने खुद ही इसकी सच्चाई जानने का फैसला किया.

मंत्री ने मौके पर ड्राइवर को 500 रुपये किराया भी दिया और कहा कि हम ऐसे गरीब ड्राइवरों पर कार्रवाई कर कुछ हासिल नहीं कर सकते, लेकिन इनके पीछे जो बड़ी कंपनियां और ताकतवर लोग हैं, उन्हें जरूर सजा मिलनी चाहिए. यही हमारा उद्देश्य है. अब बड़ा सवाल ये है कि जो अधिकारी मंत्री को गलत जानकारी दे रहे थे, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी? क्या राज्य सरकार अब इन अनधिकृत ऐप वाली सेवाओं पर शिकंजा कस पाएगी?

‘…आरटीओ में पंजीकरण मात्र 1 रुपए में’
मंत्री ने राज्य में ग्रीन एनर्जी वाहनों को लेकर सरकार की नीतियों की जानकारी देते हुए बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि ई-व्हीकल्स को समृद्धि महामार्ग, अटल सेतु और अन्य टोल नाकों पर टोल छूट दी जा रही है. इसके अलावा, इन वाहनों का आरटीओ में पंजीकरण मात्र 1 रुपए में किया जा रहा है. महाराष्ट्र को प्रदूषण मुक्त और ईको-फ्रेंडली बनाने के लिए यह नीति राज्य की आवश्यकता बन चुकी है और सरकार इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

ट्रांसपोर्ट यूनियनों से एक महीने की मोहलत
महाराष्ट्र में संभावित ट्रांसपोर्ट हड़ताल के मुद्दे पर मंत्री ने बताया कि 25 जून को ट्रांसपोर्टर्स के साथ बैठक की गई थी और मंत्री उदय सामंत ने भी उनसे चर्चा की है. सरकार का रवैया पूरी तरह सकारात्मक है. हमने ट्रांसपोर्ट यूनियनों से एक महीने की मोहलत मांगी है. इस दौरान हम सभी शिकायतों की निष्पक्ष समीक्षा करेंगे और कुछ ठोस एवं सकारात्मक निर्णय लेंगे. उन्होंने भरोसा दिलाया कि ट्रांसपोर्टरों के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा, और सभी समस्याओं का हल बातचीत के जरिए ही निकाला जाएगा.

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