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‘नमाज के वक्त हमला नहीं किया, जारी रहेगा ऑपरेशन सिंदूर’ आर्मी चीफ ने पाकिस्तान को फिर चेताया

आर्मी प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी अपने गृह नगर सतना पहुंचे. यहां उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए इसे धर्म युद्ध बताया और पाकिस्तान को आगाह भी कर दिया.

22 अप्रैल 2025 को पाकिस्तानी आतंकियों ने धर्म पूछकर निहत्थे पर्यटकों को धर्म पूछकर मारा, लेकिन भारत ने इसका जवाब धर्म देखकर नहीं बल्कि कृत्य देखकर दिया. ऑपरेशन सिंदूर देश की रक्षा के लिए एक धर्म युद्ध था. जो आगे भी जारी रहेगा. इसका बड़ा संकेत दिया है आर्मी प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने. जहां उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ी बात कह दी. 

भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी अपने गृहनगर मध्य प्रदेश के सतना में पहुंचे. जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. सबसे खास बात रही कि सेना प्रमुख 53 साल बाद अपने स्कूल सरस्वती हायर सेकेंडरी पहुंचे. यहां आर्मी चीफ ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा, 

‘ऑपरेशन सिंदूर एक धर्म युद्ध था, यह आगे भी जारी रहेगा. हमने किसी भी निर्दोष को नुकसान नहीं पहुंचाया, न ही नमाज या किसी भी धार्मिक प्रार्थना के समय हमला किया’ 

पाकिस्तान को दो टूक संदेश 

उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर ने पूरे देश को एक सूत्र में बांधा है. सिद्धांत और तकनीक के संयोजन से ये मिशन सफल हुआ है. जिससे पाकिस्तान को साफ संदेश गया कि हम धर्म युद्ध के अनुयायी हैं और आगे भी यही नीति अपनाएंगे. 

बताया क्यों दिया ऑपरेशन सिंदूर नाम? 

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आतंक के खिलाफ इस ऑपरेशन को ‘सिंदूर’ नाम देने की वजह भी बताई. उन्होंने कहा, इस ऑपरेशन का उद्देश्य केवल दुश्मन पर विजय प्राप्त करना नहीं था, बल्कि देश की अखंडता, संप्रभुता और शांति की फिर से स्थापना करना था. इस अभियान ने पूरे समाज को एक सूत्र में बांधा. जिस तरह ‘मां, बहन और बेटी’ जब भी अपने माथे पर सिंदूर लगाती हैं तो एक सैनिक को याद करती हैं, उसी भावना ने इस अभियान का नाम ‘सिंदूर’ रखा. यह अभियान हर भारतीय के मन में राष्ट्रभक्ति का सिंदूर बन गया. 

स्कूल से आया देशभक्ति का जज्बा 

1971 से 1972 तक चौथी क्लास की पढ़ाई जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सतना के सरस्वती हायर सेकेंडरी स्कूल से की थी. यह वही स्कूल है, जहां से उपेंद्र द्विवेदी ने राष्ट्र सेवा के संकल्प को और मजबूत किया. कई वर्षों के बाद जब वह स्कूल पहुंचे तो भावुक हो गए. उन्होंने कहा, स्कूल के दिनों में सीखी निर्णय क्षमता ने मुझे सेना में कई सफलताएं दिलाईं. चौथी कक्षा में यहीं से निर्णय लेने की क्षमता मिली, इसी ने ऑपरेशन सिंदूर में निर्णायक सफलता दिलाई. 

छात्रों को सफलता के लिए दिया Three-A का फॉर्मूला 

बच्चों के बीच आर्मी प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े कई किस्सों का जिक्र किया. साथ ही साथ छात्रों को सफलता के लिए  Three-A का मंत्र भी दिया. यानी Attitude, Adaptibility, Ability. 

उन्होंने कहा कि Attitude से सकारात्मक दृष्टिकोण और पॉजिटिविटी आती है. जबकि Adaptibility से अदंर समय के साथ बदलाव लाया जा सकता है और Ability हर क्षेत्र में सफलता दिलाती है. उन्होंने कहा, सफलता का एक मात्र मंत्र हार्ड वर्क है चाहे सिविल ड्रेस में हो या आर्मी की यूनिफॉर्म में. 

क्या था ऑपरेशन सिंदूर? 

22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाते हुए गोलीबारी की. जिसमें 26 लोग मारे गए. इसके बाद 7 मई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK पर मिसाइल दागीं. इस कार्रवाई में लश्कर और जैश के कई आतंकी ठिकाने तबाह हो गए. 100 से ज्यादा आतंकी ढेर हो गए. सरकार ने इस एक्शन को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया. 

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