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'गौ माता सिर्फ़ आस्था नहीं अर्थव्यवस्था की रीढ़ है...' स्वदेशी और स्वास्थ्य के विराट विजन के साथ गुरुग्राम पहुंची गौ राष्ट्र यात्रा

इस प्रशिक्षण शिविर का मकसद गौशालाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और पंचगव्य से बनने वाले उत्पादों के माध्यम से समाज को रसायनमुक्त, प्राकृतिक और आयुर्वेदिक जीवनशैली की ओर प्रेरित करना है. आयोजकों के मुताबिक पंचगव्य—दूध, दही, घी, गौमूत्र और गोबर—से बने उत्पाद न केवल स्वास्थ्यवर्धक हैं, बल्कि आय का एक मजबूत स्रोत भी बन सकते हैं.

'गौ माता सिर्फ़ आस्था नहीं अर्थव्यवस्था की रीढ़ है...' स्वदेशी और स्वास्थ्य के विराट विजन के साथ गुरुग्राम पहुंची गौ राष्ट्र यात्रा

गौमाता के महत्व और पंचगव्य उत्पादों के प्रसार के उद्देश्य से निकली 'गौ राष्ट्र यात्रा' रविवार को हरियाणा के गुरुग्राम पहुँची. इस अवसर पर कार्टरपुरी स्थित कामधेनु धाम गौशाला में एक दिवसीय पंचगव्य उत्पाद प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया.

प्राकृतिक जीवनशैली को बढ़ावा देने की पहल

इस प्रशिक्षण शिविर का मकसद गौशालाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और पंचगव्य से बनने वाले उत्पादों के माध्यम से समाज को रसायनमुक्त, प्राकृतिक और आयुर्वेदिक जीवनशैली की ओर प्रेरित करना है. आयोजकों के मुताबिक पंचगव्य—दूध, दही, घी, गौमूत्र और गोबर—से बने उत्पाद न केवल स्वास्थ्यवर्धक हैं, बल्कि आय का एक मजबूत स्रोत भी बन सकते हैं.

शिविर का उद्घाटन AWARI (जीव-जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान) के अध्यक्ष भारत सिंह राजपुरोहित ने किया. उन्होंने कहा, “गौमाता हमारी संस्कृति और अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. पंचगव्य उत्पाद हर घर में स्वदेशी और शुद्ध स्वास्थ्य समाधान ला सकते हैं. यह यात्रा देश को आत्मनिर्भर और स्वस्थ बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है.”

पारंपरिक ज्ञान की वापसी का संदेश

शिविर के दौरान प्रतिभागियों को पंचगव्य उत्पादों के निर्माण की तकनीक, उपयोगिता और बाज़ार संभावनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. 'गौ राष्ट्र यात्रा' के इस चरण ने यह स्पष्ट किया कि भारत अपनी परंपरा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन की ओर लौटने की कोशिश कर रहा है.

कार्यक्रम में रही गौभक्तों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति

आयोजन में बड़ी संख्या में गौभक्तों और स्थानीय लोगों के साथ कई गणमान्य अतिथि भी शामिल हुए. उपस्थित प्रमुख हस्तियों में शामिल थे:

मुकेश पहलवान (विधायक, गुरुग्राम)
पूरण यादव (उपाध्यक्ष, हरियाणा गौ सेवा आयोग)
चेतन दास जी (गौ संवर्धन विभाग, हरियाणा)
घनश्याम मीणा (पंचगव्य प्रशिक्षक)
संजय वशिष्ठ (सूर्या फाउंडेशन)
अंकित शर्मा (संस्थापक, खबर किसान चैनल)

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सभी वक्ताओं ने पंचगव्य के महत्व पर प्रकाश डाला और इसके प्रचार-प्रसार को जान आंदोलन बनाने की अपील की. 

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