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Earthquake in Jharkhand: 5 सेकंड तक कांपती रही धरती, भूकंप के झटकों से हिला झारखंड

शनिवार सुबह झारखंड भूकंप की वजह से हिलने लगा। करीब 5 सेकंड तक झारखंड में लगातार भूकंप के झटके महसूस हुए। इस भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई। इसका केंद्र झारखंड के खसरांवा जिले से 13 किलोमीटर दूरी पर था।

02 Nov, 2024
( Updated: 04 Dec, 2025
10:21 PM )
Earthquake in Jharkhand: 5 सेकंड तक कांपती रही धरती, भूकंप के झटकों से हिला झारखंड

शनिवार सुबह भूकंप के झटकों ने पूरी धरती हिला डाली। झारखंड में कई जगहों तक 5 सेकंड से ज्यादा समय तक कंपन देखने को मिला। इस भूकंप की तीव्रता 4:3 मापी गई। भूकंप का केंद्र खसरांवा जिले से 13 किलोमीटर दूर था। भूकंप के झटकों ने लोगों को घरों से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया। हालांकि किसी भी तरह के जान -माल का नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन सुबह-सुबह आए इन झटकों ने लोगों को डरा दिया। 

झारखंड में सुबह 9:20 पर अचानक हिलने लगी धरती 

बता दें कि सुबह-सुबह जब झारखंड में लोग उठकर अपने कामकाज के लिए निकल रहे थे। तभी अचानक से धरती हिलने लगी। करीब 9 बजकर 20 मिनट पर अचानक धरती कांपने लगी। डर के मारे सभी लोग अचानक घरों से बाहर निकल कर यह सोचने लगे कि आखिर क्या हुआ ? लेकिन थोड़ी देर बाद लोगों को एहसास हुआ कि भूकंप आया है। 

भूकंप के झटके जमशेदपुर में भी महसूस किए गए। वही रांची के भी एक क्षेत्र में भी हल्के झटके महसूस किए गए। इन सभी जगहों पर 5 सेकंड से ज्यादा समय तक धरती हिलती रही। 

कब और किन कारणों से आता है भूकंप? 

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हम सब भली-भांति जानते हैं कि भूकंप आने के बाद धरती में तेजी से कंपन होता है। पूरी धरती हिलने लगती है और जान-माल का हर एक तरीके से नुकसान होता है। 5 या 10 सेकंड से ज्यादा समय तक अगर भूकंप रह गया तो हजारों लोगों की जान भी चली जाती है। कई घरों और अलग-अलग जगहों को नुकसान होता है। जो कमजोर या पुराने होते हैं। हालांकि ज्यादातर करके अब किसी भी तरह का निर्माण चाहे वह कोई मकान हो या फिर कमर्शियल रेजिडेंशियल अधिकतर भूकंपरोधी होते हैं। लेकिन जब भूकंप आता है तो हर कोई यह सोचता है कि आखिरकार भूकंप आने की क्या वजह होती है ? ऐसे में भूकंप मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि, "भूकंप को समझने के लिए हमें सबसे पहले पृथ्वी के बारे में समझना होगा। पृथ्वी टेक्टोनिक प्लेट्स पर स्थित है। टेक्टोनिक प्लेट के नीचे तरल लावा के पदार्थ पाए जाते हैं। इन्हीं तरल लावा के ऊपर टेक्टोनिक प्लेट तैरती है। कई बार तैर रही प्लेटें एक दूसरे से टकराती है। जिसकी वजह से ऊर्जा निकलती है। जो काफी तेजी से ऊपर आती है और इसकी वजह से धरती हिलने लगती है। इसी वजह से भूकंप आता है और इसे ही भूकंप कहा जाता है।"

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