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उत्तराखंड में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का रिकॉर्ड बना रही धामी सरकार, बुलडोजर एक्शन में हजारों एकड़ जमीन कब्जा मुक्त, अवैध मजार-मस्जिद सब ध्वस्त

देवभूमि में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ धामी सरकार का बुलडोजर एक्शन जारी है. हरिद्वार में कांवड़ यात्रा मार्ग से अवैध दुकानों को हटाया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो. धामी सरकार का संदेश साफ है- देवभूमि उत्तराखंड में अवैध कब्जा अब नहीं चलेगा, नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी.

Created By: केशव झा
03 Jul, 2025
( Updated: 03 Jul, 2025
08:12 PM )
उत्तराखंड में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का रिकॉर्ड बना रही धामी सरकार, बुलडोजर एक्शन में हजारों एकड़ जमीन कब्जा मुक्त, अवैध मजार-मस्जिद सब ध्वस्त

उत्तराखंड, जिसे 'देवभूमि' के नाम से जाना जाता है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है. हालांकि, हाल के वर्षों में सरकारी और वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण, विशेष रूप से मजारों, मस्जिदों और अन्य धार्मिक संरचनाओं के निर्माण ने इस विरासत को खतरे में डाला है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कड़ा रुख अपनाया है. 'लैंड जिहाद' और 'मजार जिहाद' के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए, धामी सरकार ने बुलडोजर अभियान को तेज किया, जिसके तहत हजारों हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है. संयोग से धामी सरकार के 4 साल पूरे भी हो रहे हैं और सावन का महीना भी शुरू होना है, ऐसे में सीएम धामी फिर से एक्टिव मोड में आ गए हैं. 

इसी बीच देवभूमि में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ धामी सरकार का बुलडोजर एक्शन जारी है. हरिद्वार में कांवड़ यात्रा मार्ग से अवैध दुकानों को हटाया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो. धामी सरकार का संदेश साफ है, 'देवभूमि उत्तराखंड में अवैध कब्जा अब नहीं चलेगा, नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी.'

अवैध अतिक्रमण पर नो नॉनसेंस सीएम साबित हुए धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2022 में अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के साथ ही अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान को प्राथमिकता दी. उनका कहना था कि उत्तराखंड की प्राकृतिक और सांस्कृतिक संपदा को बचाने के लिए यह कदम अनिवार्य है. अभियान का लक्ष्य केवल अवैध धार्मिक संरचनाओं तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें व्यावसायिक और आवासीय अतिक्रमण भी शामिल थे. धामी ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई धार्मिक या सामुदायिक आधार पर नहीं, बल्कि कानून और निष्पक्षता के आधार पर होगी. 2023 की शुरुआत में यह अभियान गति पकड़ने लगा, जिसमें वन विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस बल ने समन्वय के साथ काम शुरू किया. सैटेलाइट इमेजरी और स्थानीय सर्वेक्षणों का उपयोग करके अतिक्रमण के स्थानों को चिह्नित किया गया.

बुलडोजर कार्रवाई में मुक्त हुए हजारों हेक्टेयर भूमि
धामी सरकार के इस अभियान ने शानदार परिणाम दिए हैं. जानकारी के मुताबिक अब तक हजारों हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है. वन विभाग ने लगभग 2,508 एकड़ (लगभग 1,015 हेक्टेयर) वन भूमि को मुक्त कराया है. कुमाऊं क्षेत्र में 80% और गढ़वाल क्षेत्र में 20% अतिक्रमण दर्ज किया गया था, जिनमें से कुल 11,784 हेक्टेयर भूमि प्रभावित थी. विशेष अभियान के तहत 455 हेक्टेयर भूमि को 'मजार जिहाद' से मुक्त कराया गया. इसके अलावा, 465 मजारों, 45 मंदिरों और 2 गुरुद्वारों सहित कुल 537 अवैध धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त किया गया. हरिद्वार, देहरादून, ऊधम सिंह नगर और नैनीताल जैसे जिलों में यह कार्रवाई विशेष रूप से सक्रिय रही.

अगर रिकॉर्ड्स की मानें तो अब तक 600 से ज्यादा अवैध मजार, 150 से ज्यादा मदरसे सील किए जा चुके हैं. दर्जन अवैध मस्जिदें तोड़कर सरकारी जमीन वापस लेने का रिकॉर्ड कायम कर चुके हैं CM धामी.

अब तक 6000 एकड़ से अधिक भूमि से अतिक्रमण हटाया जा चुका है. देवभूमि उत्तराखंड को पूर्णतः अतिक्रमण मुक्त बनाने तक यह अभियान जारी रहेगा.

इस अभियान के तहत कई उल्लेखनीय कार्रवाइयां हुई हैं. हरिद्वार के सुमन नगर में सिंचाई विभाग की जमीन पर बनी एक मजार को मार्च 2025 में ध्वस्त किया गया. कार्रवाई से पहले नोटिस जारी किया गया था, और जांच में कोई मानवीय अवशेष नहीं मिले. देहरादून के विकासनगर में 8 धार्मिक निर्माण और 50 से अधिक मजारों को हटाया गया, जबकि दून अस्पताल के पास एक मजार को अप्रैल 2025 में देर रात ध्वस्त किया गया. ऊधम सिंह नगर के रुद्रपुर में भी तेजी से कार्रवाई हुई, जहां 30 मिनट में अवैध संरचनाएं हटाई गईं. इन कार्रवाइयों ने न केवल सरकारी भूमि को मुक्त कराया, बल्कि अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त संदेश भी दिया.

अतिक्रमण मुक्त भूमि का क्या होगा? 
मुक्त कराई गई भूमि को अब सार्वजनिक और पर्यावरणीय हित में उपयोग करने की योजना है. वन विभाग ने कई क्षेत्रों में वृक्षारोपण और जैव विविधता संरक्षण की परियोजनाएं शुरू की हैं. कुछ क्षेत्रों में सामुदायिक सुविधाओं, जैसे स्कूल, अस्पताल और खेल के मैदानों, के लिए भूमि आवंटित की जा रही है. धामी सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि भविष्य में अतिक्रमण को रोकने के लिए नियमित निगरानी और सख्त कानूनी कार्रवाई जारी रहे.

कुल मिलाकर कहें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार का यह बुलडोजर अभियान न केवल अवैध अतिक्रमण के खिलाफ एक मजबूत कदम है, बल्कि यह देवभूमि की विरासत को संरक्षित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है. हजारों हेक्टेयर भूमि को मुक्त कराकर और कानून का पालन सुनिश्चित करके, सरकार ने यह साबित किया है कि विकास और संरक्षण साथ-साथ चल सकते हैं. यह अभियान न केवल उत्तराखंड, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है.

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