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रायपुर में लागू होगी कमिश्नरी प्रणाली, पुलिस के पास होगी त्वरित निर्णय की क्षमता, डिप्टी CM विजय शर्मा का ऐलान

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 1 नवंबर 2025 से पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू होगा. डिप्टी CM विजय शर्मा के अनुसार, ‘जीरो पॉइंट’ प्रैक्टिस से पुलिस को त्वरित निर्णय और बेहतर प्रतिक्रिया क्षमता मिलेगी, जिससे नागरिकों की सुरक्षा और सेवा में सुधार होगा.

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21 Sep 2025
( Updated: 11 Dec 2025
01:59 PM )
रायपुर में लागू होगी कमिश्नरी प्रणाली, पुलिस के पास होगी त्वरित निर्णय की क्षमता, डिप्टी CM विजय शर्मा का ऐलान

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली 1 नवंबर 2025 से लागू होने जा रही है. इस प्रणाली के तहत पुलिस अधिकारियों को त्वरित निर्णय लेने की क्षमता प्रदान की जाएगी. इसकी तैयारी के लिए ‘जीरो पॉइंट’ नामक एक विशेष प्रैक्टिस चल रही है, जो पुलिस बल की तत्परता और प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई है.

कमिश्नरी प्रणाली क्यों लागू होगी?

पुलिस कमिश्नरी प्रणाली के तहत रायपुर में एक पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति की जाएगी, जो आईजी रैंक के अधिकारी होंगे. उनके अधीन अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर और सहायक पुलिस कमिश्नर जैसे अधिकारी कार्य करेंगे. यह प्रणाली पुलिस बल को अधिक स्वायत्तता और जवाबदेही प्रदान करेगी, जिससे अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी.

‘जीरो पॉइंट’ प्रैक्टिस से क्या हासिल होगा?

‘जीरो पॉइंट’ प्रैक्टिस का उद्देश्य पुलिस अधिकारियों को आपातकालीन स्थितियों में त्वरित और प्रभावी निर्णय लेने के लिए प्रशिक्षित करना है. इसमें विभिन्न परिदृश्यों का किया जाता है, जिसमें पुलिस को तत्काल प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता होती है. इस अभ्यास से अधिकारियों की निर्णय क्षमता, समन्वय और स्थिति मूल्यांकन कौशल में सुधार होता है.

डिप्टी सीएम विजय शर्मा का बड़ा ऐलान

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने इस पहल का समर्थन करते हुए कहा कि कमिश्नरी प्रणाली से पुलिस बल को अधिक प्रभावी और उत्तरदायी बनाया जाएगा. उन्होंने ‘जीरो पॉइंट’ प्रैक्टिस को पुलिस अधिकारियों की तत्परता और प्रतिक्रिया क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक बताया. उनके अनुसार, यह प्रणाली नागरिकों को बेहतर सुरक्षा और सेवा प्रदान करने में सहायक होगी.

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कमिश्नरी प्रणाली के सफल कार्यान्वयन के लिए आवश्यक है कि पुलिस बल को पर्याप्त प्रशिक्षण, संसाधन और समर्थन प्रदान किया जाए. ‘जीरो पॉइंट’ प्रैक्टिस के माध्यम से अधिकारियों की तैयारी सुनिश्चित की जा रही है, लेकिन इसके साथ-साथ तकनीकी उपकरणों, संचार प्रणालियों और आपातकालीन प्रतिक्रिया योजनाओं की भी आवश्यकता होगी. सरकार और पुलिस विभाग इन पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं ताकि प्रणाली के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया जा सके.

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