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CM योगी के UP ने ‘उम्मीद’ पोर्टल पर रचा इतिहास, ऑनलाइन वक्फ संपत्ति रजिस्ट्रेशन में सबसे आगे

उत्तर प्रदेश ने ‘उम्मीद’ पोर्टल पर 92,832 वक्फ संपत्तियों के डिजिटल रजिस्ट्रेशन के साथ देश में पहला स्थान हासिल किया है. इसमें 86,347 सुन्नी और 6,485 शिया वक्फ संपत्तियां शामिल हैं.

Yogi Adityanath (File Photo)

उत्तर प्रदेश ने वक्फ संपत्तियों के डिजिटल रजिस्ट्रेशन के मामले में देश में पहला स्थान हासिल किया है. भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा 6 जून को शुरू किए गए 'उम्मीद' पोर्टल पर 5 दिसंबर तक सभी वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन का आदेश जारी किया गया था. इस क्रम में उत्तर प्रदेश में कुल 92,832 वक्फ संपत्तियों का सफलतापूर्वक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पूरा कर लिया है, जिसमें 86,347 सुन्नी और 6,485 शिया वक्फ संपत्तियां शामिल हैं.

संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए मिली मोहलत

संपत्तियों के रजिस्ट्रेश को तय समय पर पूरा करने के लिए सूबे के मुखिया योगी आदित्यानाथ ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया था. लेकिन केंद्र सरकार ने वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन की तिथि को 6 माह के लिए बढ़ा दिया है, लेकिन उत्तर प्रदेश की ये उपलब्धि न केवल सीएम योगी आदित्यनाथ के कुशल और पारदर्शी प्रशासन को दर्शाती है, बल्कि ही वक्फ बोर्डों की संपत्तियों के संरक्षण और विकास की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी. उम्मीद पोर्टल के देशव्यापी आंकड़ों के अनुसार, पूरे भारत में अब तक हुए कुल वक्फ संपत्तियों के डिजिटल रजिस्ट्रेशन में उत्तर प्रदेश का योगदान सर्वाधिक है. हालांकि, केंद्र सरकार ने उम्मीद पोर्टल में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अवधि को बढ़ा दिया है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की सक्रियता से यह लक्ष्य न केवल समय पर पूरा हुआ, बल्कि निर्धारित अवधि से पहले ही हासिल कर लिया गया. इस क्रम में उत्तर प्रदेश में 'उम्मीद' पोर्टल पर क्रमशः 86,347 सुन्नी और 6,485 शिया वक्फ संपत्तियों के साथ कुल 92,832 वक्फ संपत्तियों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हुआ है.

वक्फ संपत्तियों की संख्या लखनऊ सबसे आगे 

प्रदेश सरकार की ओर से चलाए गए जागरूकता अभियान और प्रशासनिक सहयोग से अधिकांश मुतवल्लियों ने वक्फ संपत्तियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन समय पर पूरे करवा लिए हैं. उम्मीद पोर्टल के जनपदवार विवरण से पता चलता है कि शिया वक्फ संपत्तियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में लखनऊ सबसे आगे रहा, जहां 625 शिया वक्फ संपत्तियां दर्ज हुई हैं. उसके बाद 539 शिया वक्फ संपत्तियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ जनपद अमरोहा दूसरे और 533 वक्फ संपत्तियों के साथ मेरठ तीसरे स्थान पर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर सुन्नी वक्फ संपत्तियों के उम्मीद पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के मामले में 4,940 वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के साथ बाराबंकी पहले नंबर पर रहा. वहीं, सीतापुर, दूसरा और आजमगढ़ तीसरे स्थान पर रहा। जबकि बिजनौर, मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ, और जौनपुर जनपद भी सुन्नी वक्फ संपत्तियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के मामले में अग्रणी जनपद हैं. उत्तर प्रदेश सरकार की यह उपलब्धि सीएम योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रशासन दक्षता को प्रदर्शित कर रही है, साथ ही वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने, इसके दुरुपयोग को रोकने और साथ ही उनके संरक्षण और विकास कार्यों को भी गति प्रदान करेगा.

बताते चलें कि वक्फ संपत्तियों के डिजिटल रजिस्ट्रेशन में उत्तर प्रदेश का देश में पहला स्थान हासिल करना पारदर्शी प्रशासन और प्रभावी शासन की मिसाल है. यह पहल न केवल वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और सही प्रबंधन को सुनिश्चित करेगी, बल्कि भविष्य में इनके विकास और दुरुपयोग पर रोक लगाने में भी अहम भूमिका निभाएगी.

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