अमरनाथ यात्रा: भारी सुरक्षा के बीच सात दिन में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन
पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह पहला अमरनाथ यात्रा है जो भारी सुरक्षा के बीच जारी है. महज एक हफ्ते में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं का बाबा बर्फानी के दर्शन करना बता रहा है लोग कैसे सुरक्षित माहौल में यात्रा कर रहे हैं वहीं आतंकियों के मंसूबो पर भी पानी फिरा है.

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अमरनाथ यात्रा शुरू हो चुकी है. देश के अलग-अलग हिस्सों से श्रद्धालु भारी संख्या में यात्रा के लिए जम्मू पहुंच रहे हैं. वहीं हजारों की संख्या में श्रद्धालु सीधे कश्मीर से अपनी यात्रा शुरू कर रहे हैं. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी भारी संख्या में यहां से श्रद्धालुओं का बेखौफ होकर यात्रा शुरू करना बता रहा है, कि घाटी में सुरक्षा के कैसे इंतजाम किए गए हैं.
श्रद्धालुओं की संख्या एक हफ्ते में एक लाख पार
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी अमरनाथ यात्रा में हिमालय पर्वतों पर चढ़कर गुफा मंदिर में दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा रही है. केवल सात दिनों में ही यह संख्या एक लाख यात्रियों को पार कर गई है.
श्रद्धालुओं के उत्साह के सामने अब पहलगाम हमले के निशान मिट रहे हैं. वे बेखौफ होकर श्रद्धालु सीधे कश्मीर पहुंच कर अपनी यात्रा आरंभ कर रहे हैं. जम्मू से अभी तक आठ जत्थों में यात्रा रवाना हुई है और इन सात दिनों में यहां से 55 हजार 382 श्रद्धालु रवाना हुए है. मंगलवार तक एक लाख 11 हजार श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके थे.
सुरक्षा में 600 कंपनियां तैनात
इस बार की अमरनाथ यात्रा में अब तक की सबसे बड़ी सैन्य तैनाती है, क्योंकि यह पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के कुछ ही महीने बाद हो रही है. घाटी पहले से ही सुरक्षा बलों से भरी होने के बावजूद, यात्रा ड्यूटी के लिए अर्धसैनिक बलों की लगभग 600 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं.
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औसतन, लगभग 7,000 यात्री जम्मू से निर्धारित काफिलों में आधार शिविरों तक यात्रा कर रहे हैं, जिनके साथ सुरक्षा बलों की भारी टुकड़ियां होती हैं. लेकिन प्रतिदिन गुफा मंदिर पहुँचने वाले लोगों की संख्या दर्शाती है कि अधिकांश तीर्थयात्री बिना सुरक्षा उपकरणों के यात्रा करना अधिक पसंद कर रहे हैं. मंगलवार को 26,000 लोगों ने अमरनाथ गुफा में दर्शन किए, जबकि जम्मू से आधिकारिक तौर पर निर्धारित काफिले में 7,000 लोग आए. प्रशासन की ओर से यह प्रयास किए जा रहे हैं कि अधिक से अधिक श्रद्धालु जम्मू से पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जत्थे में यात्रा पर रवाना हो.