मध्य प्रदेश: संजय टाइगर रिजर्व में बाघ T‑43 की बिजली के करंट से मौत, वन्यजीव संरक्षण पर उठे सवाल
संजय टाइगर रिजर्व के दुबरी परिक्षेत्र की खरबर बीट में सोमवार रात करीब 12:05 बजे नर बाघ टी-43 मृत पाया गया. सूचना मिलते ही अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंचे.
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मध्य प्रदेश के संजय टाइगर रिजर्व में एक बाघ की बिजली करंट की चपेट में आने से मौत हो गई, जिससे वन विभाग में हड़कंप मच गया है. मृत बाघ की पहचान टी-43 के रूप में हुई है और यह घटना दुबरी रेंज के खरबर जंगल में हुई.
करंट लगने से बाघ की मौत
वन अधिकारियों के मुताबिक, जंगल में हाई-वोल्टेज बिजली के तार बिछाए थे, जिसमें बाघ फंस गया और उसकी दर्दनाक मौत हो गई.
संजय टाइगर रिजर्व के एसडीओ सुधीर मिश्रा ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि रात करीब 12 बजे उन्हें सूचना मिली कि जंगल में एक बाघ मृत पाया गया है. इसके बाद पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. जांच के बाद वन अपराध प्रकरण दर्ज कर आगे की कार्रवाई तेज कर दी गई है. तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया और टाइगर के विसरा को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया. उन्होंने दावा किया कि बाघ के सभी अंग सुरक्षित थे. पोस्टमार्टम के बाद एनटीसीए प्रतिनिधियों और अधिकारियों की मौजूदगी में शव को जला दिया गया.
जांच में हुआ खुलासा, तारों की चपेट में आने से हुई बाघ की मौत
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला कि बाघ की मौत बिजली के तारों की चपेट में आने से हुई, जो शायद किसानों ने फसल बचाने के लिए लगाए थे. हालांकि, शिकारियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता.
संजय टाइगर रिजर्व में लगातार हो रही है वन्यजीवों की मौत
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उन्होंने कहा, "संजय टाइगर रिजर्व में लगातार वन्यजीवों की मौत बिजली के जाल में फंसने से हो रही है." उन्होंने बताया कि जांच में जो साक्ष्य मिलेंगे, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई होगी. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अगर कहीं पर किसी भी प्रकार की लापरवाही है, तो तत्काल दुरुस्त किया जाए. हमारा कर्तव्य है कि हर जानवर की हिफाजत सुनिश्चित की जाए. किसी को भी कोई क्षति नहीं पहुंचे.
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