जानिए कैसे IAS अफसर देने में हर साल अव्वल रहता है उत्तर प्रदेश?
UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2023" में उत्तर प्रदेश ने एक बार फिर IAS अफसर देने में पहला स्थान हासिल किया। 180 में से 27 अभ्यर्थी यूपी के हैं, जो इसे शीर्ष पर बनाए रखते हैं। राजस्थान 23 अभ्यर्थियों के साथ दूसरे और बिहार 11 अभ्यर्थियों के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
उत्तर प्रदेश ने एक बार फिर अपने शानदार प्रदर्शन से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया। 2023 में चुने गए 180 आईएएस अभ्यर्थियों में से 27 उत्तर प्रदेश के हैं, जो इसे सबसे ज्यादा आईएएस देने वाला राज्य बनाता है। हालांकि, यह संख्या 2022 के मुकाबले थोड़ी कम है, दरअसल उस दौरान 33 आईएएस यूपी से चुने गए थे। राजस्थान 23 आईएएस अफसरों के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि बिहार से 11 उम्मीदवारों ने सफलता प्राप्त की।
यूपीएससी का फाइनल रिजल्ट अप्रैल 2024 में जारी किया गया था, जिसमें कुल 1016 उम्मीदवारों को विभिन्न पदों के लिए अनुशंसा की गई। इसके बाद अक्टूबर में रिजर्व लिस्ट जारी की गई, जिसमें 120 और नाम शामिल किए गए। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा उत्तर प्रदेश की हो रही है, जिसने आईएएस के मामले में अपना वर्चस्व फिर से साबित किया।
उत्तर प्रदेश का दबदबा क्यों?
उत्तर प्रदेश का इस सफलता में योगदान उसकी जनसंख्या, शिक्षा की गुणवत्ता, और तैयारी की गंभीरता को दर्शाता है। यूपी से आए उम्मीदवारों की एक बड़ी विशेषता उनकी मेहनत और अनुशासन है। इस बार के टॉपर आदित्य श्रीवास्तव भी उत्तर प्रदेश के हैं, जिन्हें उनका होम कैडर मिला है। हालांकि, इस सफलता के बावजूद यूपी के सभी उम्मीदवारों को उनका होम कैडर नहीं मिला। 27 में से केवल 6 को ही उत्तर प्रदेश कैडर आवंटित किया गया। बाकी उम्मीदवारों को अन्य राज्यों में पोस्टिंग मिली।
यूपी से चुने गए कुछ प्रमुख नाम
आदित्य श्रीवास्तव (रैंक 1): टॉपर आदित्य को उनका होम कैडर मिला।
नौशीन (रैंक 9): यूपी की महिला प्रतिभा, जिन्हें भी उत्तर प्रदेश में पोस्टिंग मिली।
अनिमेष वर्मा (रैंक 38): एससी कैटेगरी से सफलता प्राप्त की।
अंशुल हिंदल (रैंक 48): एससी कैटेगरी से ही आईएएस बने और होम कैडर मिला।
इनके अलावा ऐश्वर्यम प्रजापति, अनिकेत शांडिल्य, और रूपल राणा जैसे नाम भी सूची में शामिल हैं, जिन्होंने उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया।
जहां उत्तर प्रदेश ने 27 आईएएस देकर पहला स्थान हासिल किया, वहीं राजस्थान ने 23 आईएएस दिए। राजस्थान का प्रदर्शन पिछले साल से बेहतर रहा। 2022 में यहां से 22 उम्मीदवार चुने गए थे, जबकि इस बार संख्या बढ़कर 23 हो गई। दिल्ली, महाराष्ट्र, और बिहार जैसे राज्यों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। दिल्ली से 19 और महाराष्ट्र से 18 आईएएस चुने गए। बिहार से 11 उम्मीदवार सफल हुए।
इस साल की सिविल सेवा परीक्षा में कई दिलचस्प पहलू देखने को मिले, जैसे फाइनल रिजल्ट के बाद रिजर्व लिस्ट में 120 और उम्मीदवारों को शामिल किया गया। कई राज्यों के उम्मीदवारों को उनके गृह राज्य में पोस्टिंग नहीं मिली। इस बार कई महिला अभ्यर्थियों ने टॉप रैंक हासिल की। उत्तर प्रदेश के जिन 6 उम्मीदवारों को होम कैडर मिला, उनमें आदित्य श्रीवास्तव, नौशीन, अनिमेष वर्मा, अंशुल हिंदल, अर्पित कुमार और रमेश चंद्र वर्मा शामिल हैं। यह दिखाता है कि होम कैडर प्राप्त करना भी अब एक बड़ी चुनौती बन चुका है।
"लेबर डायनामिक्स ऑफ इंडियन स्टेट्स" की रिपोर्ट के अनुसार, देश में वेतन स्थिर बना हुआ है। ऐसे में सिविल सेवा जैसे प्रतिष्ठित पदों की मांग बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से आईएएस बनने का यह सिलसिला उनकी महत्वाकांक्षा और मेहनत को दर्शाता है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 ने एक बार फिर दिखा दिया कि उत्तर प्रदेश का दबदबा क्यों बना हुआ है। हालांकि चुनौतियां अभी भी बरकरार हैं, जैसे कि होम कैडर प्राप्त करने की समस्या। लेकिन इन सबके बीच, यूपी ने फिर से यह साबित किया है कि यहां की प्रतिभा न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपना नाम रोशन करने में सक्षम है।