आयुर्वेद और धर्म ग्रंथों के मुताबिक चांदी, तांबा, कांसा और पीतल जैसे धातुओं के बर्तन में रखा पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद होता है. जबकि प्लास्टिक, स्टील या लोहे के बर्तनों में पानी पीने से बचना चाहिए क्योंकि ये शरीर पर बुरा असर डाल सकते हैं. आइए जानते हैं लोटे से पानी पीने के क्या फायदे होते हैं.
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लाइफस्टाइल23 May, 202503:15 PMक्यों गिलास से नहीं, बल्कि लोटे से पीना चाहिए पानी? जानिए इसके फायदे
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धर्म ज्ञान23 May, 202508:07 AMकोरोना की दस्तक, भयावह सुनामी की आहट ! भविष्य मालिका पुराण
जापानी बाबा वैंगा की भविष्यवाणी के सत्य सिद्ध होने से पहले ही कोरोना के वापस लौटने की भविष्यवाणी सत्य होती दिख रही है, जिसकी ज़िक्र भविष्य मालिका पुराण में मिलता है और जिसके हवाला से परम पूजनीय पंडित श्री काशी नाथ मिश्र जी एक लंबे समय से कोरोना से भी भयंकर विपदा के आने की भविष्यवाणी कर रहे है.
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लाइफस्टाइल22 May, 202509:28 PMअब एंटीडिप्रेसेंट से कर सकेंगे कैंसर का इलाज! स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा
सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीअपटेक इनहिबिटर (एसएसआरआई) दवाएं आमतौर पर डिप्रेशन और तनाव को ठीक करने के लिए दी जाती हैं. यह दवाएं हमारे दिमाग पर असर डालती हैं और मूड को बेहतर बनाती हैं. अब यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिल्स (यूसीएलए) के शोधकर्ताओं ने पाया है कि यह दवाएं सिर्फ दिमाग पर ही नहीं, बल्कि हमारे immune system पर भी असर डालती हैं. खासतौर पर, यह टी कोशिकाओं को ज्यादा ताकतवर बनाती हैं, जिससे वह कैंसर सेल्स को बेहतर तरीके से खत्म कर सकते हैं.
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लाइफस्टाइल22 May, 202512:02 PMप्रेगनेंसी के दौरान हो सकता है Pre-Eclampsia...इस साइलेंट किलर के बारे में जानते हैं आप?
प्री-एक्लेम्पसिया प्रेगनेंसी से जुड़ा डिसऑर्डर है जो लगभग पांच से आठ प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में देखने को मिलता है. इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण बहुत सूक्ष्म होते हैं और तब तक सामने नहीं आते जब तक जानलेवा स्थिति न बन जाए. उन्होंने कहा कि आमतौर पर प्रेगनेंसी के 20 हफ्ते के बाद अगर महिला का ब्लड प्रेशर 140/90 से ऊपर चला जाता है, शरीर में सूजन आ जाती है और यूरिन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है, तो इसे प्री-एक्लेम्पसिया माना जाता है. इन तीनों में से कोई भी दो लक्षण मौजूद हों, तो तत्काल सतर्कता जरूरी है.
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लाइफस्टाइल22 May, 202511:24 AMआयुर्वेद का अनमोल उपहार है 'दशमूल'...जानिए इसे खाने के फायदे
दशमूल का सेवन गठिया की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के लिए भी फायदेमंद है. इसमें एनाल्जेसिक प्रभाव होता है जो सूजन या दर्द से राहत दिलाता है. इसके अलावा, अगर आपको सांस लेने में तकलीफ होती है या बार-बार खांसी आती है, तो दशमूल उपयोगी है. यह बलगम निकालता है और अस्थमा, काली खांसी और सामान्य खांसी को कम करता है. वहीं वायरल बुखार के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है. यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ सके.