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दमघोंटू हवा ने भारत में ली लाखों लोगों की जान, Air Quality पर डराने वाली रिपोर्ट, इन गंभीर बीमारियों की चेतावनी

हवा में घुलते जहरीले कणों ने लोगों की उम्र कम कर दी है. खराब हवा पर एक डरावनी रिपोर्ट आई है. जिसमें बताया गया है कि गंदी हवा से कैसे लोगों की जान जा रही है.

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24 Oct 2025
( Updated: 11 Dec 2025
01:58 PM )
दमघोंटू हवा ने भारत में ली लाखों लोगों की जान, Air Quality पर डराने वाली रिपोर्ट, इन गंभीर बीमारियों की चेतावनी

देश की राजधानी दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है. जहरीली हवा में लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है. हर साल AQI कम करने के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं लेकिन नतीजे वो ही ढाक के तीन पात होते हैं. प्रदूषित होती हवा ने लोगों की उम्र कम कर दी है. खराब हवा पर एक डरावनी रिपोर्ट आई है. जिसमें बताया गया है कि गंदी हवा से कैसे लोगों की जान जा रही है.

धुएं से भरी जहरीली हवा स्लो पॉइजन से कम नहीं है. जो सेहत को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा रही है. यहां तक कि प्रदूषित हवा से लोगों की जान भी जा रही है. दुनिया भर में हवा पर रिसर्च करने वाली State of Global Air report के मुताबिक, भारत और चीन में खराब हवा से 20 लाख लोगों की मौत हो गई. रिपोर्ट के मुताबिक, वायु प्रदूषण से हाई ब्लड प्रेशर और अकाल मृत्यु का कारण बन रहा है. 

AQI पर डराने वाली रिपोर्ट आई सामने

State of Global Air Report की यह रिपोर्ट बोस्टन के हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट (HEI) ने तैयार की है. यह वाशिंगटन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन और जिनेवा के NCD एलायंस के साथ मिलकर तैयार की गई है. रिपोर्ट में बताया गया कि, 2023 में वायु प्रदूषण के कारण 7.9 मिलियन लोग मारे गए. यानी लगभग हर आठ मौत में से एक मौत प्रदूषण के कारण हुई है. इसमें घर के बाहर और अंदर खराब हवा के कण दोनों शामिल हैं. 

Air Pollution से भारत में कितने लोगों की मौत हुई? 

खतरनाक लेवल के वायु प्रदूषण से भारत और चीन सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में भारत और चीन में खराब हवा के चलते दो मिलियन यानी 20 लाख लोगों की मौत हो गई. ये आंकड़ा दुनियाभर में होने वाली वायू प्रदूषण से मौत का आधे से भी ज्यादा है. भारत और चीन के बाद बांग्लादेश, पाकिस्तान, नाइजीरिया सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण वाले देश हैं. जहां करीब दो लाख लोगों की मौत खराब हवा की वजह से हुई है. इसके अलावा इंडोनेशिया, म्यांमार, मिस्र में 1 लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं. 

रिपोर्ट में AQI पर चेतावनी 

State of Global Air की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि प्रदूषण का असर हवा साफ होने के बाद भी लंबे समय तक रहता है. फेफड़ों पर गहरे असर के साथ साथ कई बीमारियां लंबी चल सकती हैं. 

वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियां 

हवा में घुलती धुआं और जहरीले कण न केवल सांसों पर खतरा हैं बल्कि डिमेंशिया, दिल की बीमारी, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर का भी कारण बनते हैं. साल 2023 के अनुमान के मुताबिक, वायु प्रदूषण के कारण करीब 6 लाख 26 हजार लोग डिमेंशिया का शिकार होकर मारे गए. वहीं, डायबिटीज, हार्ट से जुड़ी बीमारियों के चलते भी लोगों ने जान गंवाई. 

वायु प्रदूषण से कौन सबसे ज्यादा प्रभावित? 

भारत, चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, ब्राजील और कुछ अफ्रीकी देश सबसे ज्यादा खराब हवा का सामना कर रहे हैं. लगातार खराब होती हवा की वजह जंगलों की कटाई और तेजी से होता आधुनिकीकरण भी है. वन क्षेत्रों की जगह गगनचुंबी इमारतों ने ले ली है. जंगलों में आग, गाड़ी-मोटर, धुआं, फैक्ट्रियां, केमिकल और पराली भी वायु प्रदूषण का कारण हैं. 

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