आलिया भट्ट के न्यूट्रिशनिस्ट की चौंकाने वाली चेतावनी, फ्रूट जूस को बताया मीठा जहर, सेहत के लिए है खतरनाक
ये आर्टिकल आलिया भट्ट के न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. सिद्धांत भार्गव की चेतावनी पर फोकस करता है, जिसमें वो फ्रूट जूस और पैक्ड जूस को 'मीठा जहर' बताते हैं. जूस में फाइबर की कमी और हाई शुगर से ब्लड शुगर स्पाइक और वजन बढ़ने का खतरा होता है. पूरा फल खाना ज्यादा हेल्दी है, जो फाइबर, विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स देता है. डॉ. भार्गव की सलाह है कि होल फ्रूट्स खाएं, जूस लिमिट करें और पैक्ड जूस से बचें. घर पर फ्रेश जूस बनाएं और न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लें.
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बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट की फिटनेस और डाइट का राज उनके न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. सिद्धांत भार्गव हैं. लेकिन अब डॉ. भार्गव ने एक ऐसी चेतावनी दी है जो आपको चौंका सकती है. उनका कहना है कि फलों की जगह फ्रूट जूस पीना या बाजार के पैक्ड जूस का सेवन सेहत के लिए 'मीठा जहर' जैसा है. डॉ. भार्गव के अनुसार, ये जूस सिर्फ रंग-बिरंगा शुगर वॉटर हैं, जो ब्लड शुगर लेवल बिगाड़ सकते हैं और वजन बढ़ा सकते हैं. आइए जानते हैं इसकी वजह और क्या करें बेहतर.
फ्रूट जूस क्यों हैं हानिकारक?
डॉ. सिद्धांत भार्गव, जो आलिया भट्ट सहित कई सेलेब्स को डाइट प्लान देते हैं, कहते हैं कि फलों से निकाला जूस या पैक्ड जूस में फाइबर की कमी होती है. पूरा फल खाने पर फाइबर धीरे-धीरे शुगर को अब्सॉर्ब होने देता है, लेकिन जूस में ये शुगर तेजी से ब्लड में घुल जाता है. इससे इंसुलिन स्पाइक होता है, जो डायबिटीज और मोटापे का खतरा बढ़ाता है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक ग्लास ऑरेंज जूस में 20-25 ग्राम शुगर हो सकती है, जो एक सोडा से ज्यादा है. पैक्ड जूस में तो प्रिजर्वेटिव्स और एडेड शुगर भी मिले होते हैं, जो लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं.
पूरा फल खाने के फायदे क्या हैं?
वहीं, डॉ. भार्गव पूरा फल खाने की सलाह देते हैं. फाइबर की वजह से पाचन बेहतर होता है, भूख कंट्रोल रहती है और न्यूट्रिएंट्स अच्छे से मिलते हैं. ओनली माय हेल्थ के अनुसार, सेब या संतरा पूरा खाने से विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स बॉडी को मिलते हैं, जो इम्यूनिटी बूस्ट करते हैं. जूस पीने से कैलोरी ज्यादा इंटेक हो जाती है बिना सैटिएशन के, जिससे ओवरईटिंग होती है. आलिया भट्ट खुद स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो करती हैं, जहां होल फूड्स पर फोकस है.
पैक्ड जूस से बचें, ये क्यों हैं खतरनाक?
बाजार के रेडीमेड जूस में अक्सर 100% फ्रूट जूस का दावा होता है, लेकिन रियलिटी अलग है. फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट में डॉ. भार्गव कहते हैं कि ये 'कलरफुल शुगर वॉटर' हैं, जो लंबे समय में हेल्थ को प्रभावित करते हैं. इसमें शुगर सिरप, आर्टिफिशियल फ्लेवर्स और प्रिजर्वेटिव्स मिले होते हैं. हिंदुस्तान लाइव की खबर के मुताबिक, रोजाना एक ग्लास पैक्ड जूस पीने से वजन बढ़ना, हार्ट प्रॉब्लम्स और इन्फ्लेमेशन का रिस्क बढ़ जाता है. बच्चे और डायबिटीज पेशेंट्स के लिए ये और भी खतरनाक हैं.
डॉ. भार्गव की सलाह: क्या करें बेहतर?
डॉ. भार्गव कहते हैं, जूस की लत छोड़ें और होल फ्रूट्स को प्राथमिकता दें. अगर जूस पीना ही है, तो घर पर फ्रेश बनाएं और सीमित मात्रा में, जैसे 100-150 ml. इसे मील्स के साथ लें ताकि शुगर स्पाइक न हो. अल्टरनेटिव के तौर पर वेजिटेबल जूस या स्मूदी ट्राई करें, जहां फाइबर बरकरार रहे. आलिया की डाइट में भी फ्रूट्स होल ही शामिल हैं, जो उनकी एनर्जी और फिटनेस का राज है. हमेशा लेबल चेक करें और शुगर-फ्री ऑप्शन्स चुनें.
सेहतमंद रहने का आसान फॉर्मूला
फ्रूट जूस को 'मीठा जहर' कहना शायद ओवर हो, लेकिन सच्चाई यही है कि होल फूड्स हमेशा बेहतर. डॉ. भार्गव की ये चेतावनी हमें सोचने पर मजबूर करती है कि हमारी डाइट में क्या बदलाव लाएं. अगर डायबिटीज या वजन की प्रॉब्लम है, तो न्यूट्रिशनिस्ट से कंसल्ट करें. छोटे बदलाव से बड़ी हेल्थ बेनिफिट्स मिल सकती हैं. आज से ही फल खाना शुरू करें और जूस को लिमिट करें, आपकी बॉडी थैंक यू कहेगी! अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.
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