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वक़्फ़ संशोधन विधेयक को JPC की मंज़ूरी पर भड़के ओवैसी-इमराम मसूद, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

वक्फ बिल में बदलावों को संसद की संयुक्त समिति ने को मंजूरी दे दी। JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि इस फाइनल मीटिंग में सभी 44 संशोधनों पर चर्चा की गई। इनमें NDA सांसद के 14 सुझावों को मंजूरी दे दी गई है। विपक्षी सदस्यों ने भी कुछ प्रस्ताव रखे, लेकिन वोटिंग के दौरान इन्हें नकार दिया गया। जिसपर असदुद्दीन ओवैसी भड़क उठे, कहा कि सरकार मनमानी दिखाकर वक्फ बोर्ड ख़त्म करना चाहती है.

Created By: शबनम
28 Jan, 2025
( Updated: 04 Dec, 2025
07:42 AM )
वक़्फ़ संशोधन विधेयक को JPC की मंज़ूरी पर भड़के ओवैसी-इमराम मसूद, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
संसद में वक़्फ संशोधन बिल के रास्ते में विपक्ष ने जमकर कांटे बिछाए। ताकी वक्फ बिल पास ना हो पाए। काफ़ी हद तक विपक्ष कामयाब हुआ वक्फ बिल संसद में पास ना होकर JPC में पहुँच गया। लेकिन यहाँ भी विपक्ष वक़्फ़ बिल पर इसी तरह बवाल काटा जैसे संसद में काटा था। ऐसे में अब विपक्ष की चालाकी काम नहीं आई। मोदी सरकार के मास्टरस्ट्रोक ने एक झटके में JPC की बैठक में ओवैसी-कल्याण बनर्जी जैसे नेताओं को ध्वस्त कर दिया। क्योंकि वक़्फ़ बोर्ड बिल पर सत्ता पक्ष की तरफ़ से प्रस्तावित सभी संशोधनों को JPC ने स्वीकार कर लिया। जबकि चिल्लाने वाले विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को ख़ारिज कर दिया। जैसे ही विपक्ष के संशोधन ख़ारिज हुए। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी बुरी तरह भड़क उठे।चिल्लाने बैठ गए। माहौल बनाने बैठ गए। नए नए आरोप लगाए। लेकिन अब होत क्या। जब चिढ़िया चुग गई खेत। क्योंकि JPC की बैठक में सबकुछ फ़ाइनल हो चुका है। यही वजह है कि ओवैसी चिल्ला चिल्लाकर रह रहे हैं कि ये बिल इसलिए जल्दबाजी में लाया जा रहा है क्योंकि वक़्फ को ख़त्म करने की कोशिश है।


सिर्फ़ ओवैसी ही नहीं बल्कि अखिलेश यादव की पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी भी वक़्फ़ बिल को JPC से मंजूर होने पर भड़क उठे। इस बिल को ना सिर्फ मुसलमानों के साथ अत्याचार बताया। बल्कि मोदी सरकार पर विपक्ष की आवाज़ दबाने का आरोप भी लगाया। मोहिबुल्लाह नदवी ने क्या कुछ कहा चलिए ये भी सुनवाते हैं।

वहीं वक़्फ़ संशोधन बिल को लेकर जैसे ही JPC को मंज़ूरी मिली। कांग्रेस ना भड़कती ये भला कैसे हो सकता है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद वक़्फ़ बिल को लेकर सरकार पर तमाम सवाल खड़े करते नजर आए।

ओवैसी से लेकर कांग्रेस सपा सब चिल्ला रहे हैं। वक़्फ़ बिल को मुसलमानों के ख़िलाफ़ बता रहे हैं। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। इनके चिल्लाने की वजह है वोट बैंक। क्योंकि वक़्फ़ बिल आएगा। तो बिचौलियों की कमाई  का रास्ता बंद हो जाएगा। यही वजह है कि JPC के एक्शन के तुरंत बात ये नेता मुसलमानों के नाम पर अपने काम पर जुट गए हैं। तो चलिए ये भी बता देतें है। वक़्फ़ सोशधन बिल में आख़िर है क्या। और इसके आने से वक़्फ़ बोर्ड पर या मुसलमानों पर कितना फ़र्क़ पड़ेगा। दरअसल

क्या है वक्फ संशोधन बिल ?


ज़मीन पर दावा करने वाला ट्रिब्यूनल के अलावा रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट या हाईकोर्ट में अपील कर सकेगा।
पहले ये क़ानून था कि अगर वक़्फ़ बोर्ड किसी प्रोपर्टी पर दावा करता है तो उस ज़मीन पर दावा करने वाला सिर्फ़ ट्रिब्यूनल में ही असली कर सकता है।
अब वक़्फ़ ट्रिब्यूनल के फैसले के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में अपील की जा सकेगी।
जबतक किसी ने वक़्फ़ को दान में ज़मीन नहीं दी हो. उस पर भले ही मस्जिद बनी हो पर वो वक़्फ़ की संपत्ति नहीं होगी।
वक़्फ़ बोर्ड में 2 महिलाओं और अन्य धर्म के 2 सदस्यों और एंट्री मिलेगी।

तो ना सिर्फ़ अब वक़्फ़ की सारी संपत्ति का रिकॉर्ड देखा जाएगा। बल्कि उन संपत्तियों का कहा कैसे इस्तेमाल हो रहा है। पैसों कहां से कैसे आता है कहां जाता है। सभी का रिकॉर्ड भी रखा जाएगा। ताकी वक़्फ़ संपत्ति के नाम पर बिचौलियागिरी करने वालों पर नकेल सकी जा सकेगी। इस विधेयक का सीधा सीधा मकसद डिजिटलीकरण, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से क़ब्ज़े वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए क़ानूनी सिस्टम में सुधारों को लाकर इन चुनौतियों को हल करना है। हालांकि ओवैसी और बाक़ी मुस्लिम नेता सियासत के लिए इस बिल का विरोध कर रहे हैं। उनसे यही सवाल पूछा जा रहा है कि जिस मुसलमानों को भड़काने में लगे हैं। क्या वक़्फ़ की संपत्ति का उन्हें फ़ायदा मिल रहा है। तो जवाब एक ही नहीं। लेकिन फिर भी उन्हें भड़काकर माहौल बनाने की पूरी कोशिश हो रही है। खैर अब ये लोग चिल्लाए माहौल बनाएँ होने वाला कुछ नहीं है। क्योंकि अब वक़्फ़ विधेयक पर JPC बजट सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। संसद में इसपर विचार होगा। उसके बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा।


अब तो राज्य सभा में इस बिल को पास करना NDA के लिए आसान होगा। क्यों। क्योंकि NDA के पास उच्च सदन में बहुमत हो गया है। 6 नामित सदस्यों के समर्थन के ताक़त बढ़ी है। राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 234 है। बीजेपी के पास सिर्फ़ 96 सदस्य हैं। वहीं NDA के सदस्यों की संख्या 113 है। आम तौर पर सरकार के पक्ष में वोट डालने वाले 6 नामांकित सदस्यों के साथ एनडीए का संख्याबल बढ़कर 119 हो जाता हो जाता है जो बहुमत के मौजूदा आंकड़े 117 से दो अधिक है। तो ऐसे में अब ये बिल पास कराना बीजेपी के लिए ऊपरी सदन में भी आसान हो गया है। तो अभी तो वक्फ को लेकर JPC में विपक्ष को झटका लगा है। अब संसद में भी विपक्ष के होश उड़ने वाले है।

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