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UCC को लेकर मोदी सरकार पर भड़कीं इकरा हसन, कहा- देश तानाशाही से नहीं संविधान से चलेगा

उत्तराखंड में यूसीसी लागू होते ही सपा सांसद इकरा हसन भड़क उठी है.. इकरा हसन ने सख़्त लहजे में कहा कि यूसीसी लागू करना है तो सभी धर्मों की राय लेनी चाहिए। क्योंकि ये देश तानाशाही से नहीं बल्कि संविधान से चलेगा। बता दें कि 2 दिन पहले ही उत्तराखंड में यूसीसी लागू किया गया है.

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31 Jan 2025
( Updated: 11 Dec 2025
10:03 AM )
UCC को लेकर मोदी सरकार पर भड़कीं इकरा हसन, कहा- देश तानाशाही से नहीं संविधान से चलेगा
UCC यानी समान नागरिक संहिता क़ानून उत्तराखंड में आया तो विपक्ष बुरी तरह बौखलाया। क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी लेकर अमित शाह तक ने ऐलान कर दिया। ये तो शुरुआत है जल्द पूरे देश में यूनिफ़ॉर्म सिविल कॉड लागू होकर रहेगा। कहीं हो ना हो। लेकिन बीजेपी शासित राज्य ज़रूर इसे लागू करेंगे। बस इतना सुनते ही सपा से लेकर कांग्रेस। कांग्रेस से लेकर टीएमसी तक बौखला उठी। और फिर से माहौल बनाना शुरू कर दिया।सबसे पहले विरोधी सुर उठाते हुए मैदान में उतरी उतरी सपा की नई नवेली सांसद इकरा हसन। जिन्होंने सीधे की मोदी-शाह पर सवाल उठाए।और UCC के फ़ैसले के तानाशाही करार दे दिया।


इकरा हसन सीधे सीधे मोदी सरकार को चेतावनी दे रही है। कह रही है देश तानाशाही से चलेगा किसी की मनमानी से नहीं। अब समझिए क्यों विपक्ष इसका इतना विरोध कर रहा है। जबकि लोग UCC के समर्थन में आ गए हैं। क्योंकि सभी धर्मों पर समान क़ानून लागू होंगे। सभी धर्मों को समान माना जाएगा। लेकिन विपक्ष को कानूनन सभी धर्मों का एक समान होना इसलिए पसंद नहीं आ रहा है।क्योंकि वोटबैंक छिटकने का डर सता रहा है। ज़ाहिर सी बात है कि UCC का विरोध विपक्ष नहीं करेगा। तो कैसे उन मुस्लिमों और मौलानाओं का सपोर्ट हासिल करेगा। जो UCC के पक्ष में नहीं हैं। इस मुसलमानों के खिलाफ बता रहे हैं लगातार शोर मचा रहे हैं। यही वजह है कि विपक्ष UCC के आने से पहले ही हायतौबा मचाने लगा। लेकिन एक झटके में पीएम मोदी ने यूसीसी को देश के लोकतंत्र के लिए मज़बूती बताकर विपक्ष की बोलती बंद कर दी।

खैर मोदी सरकार लोगों को समझाने की कोशिश में जुटी है। कि यूसीसी  से सभी धर्मों का फ़ायदा होगा। शादी, संपत्ति, तलाक़, बच्चा गोद लेने के लिए सभी नियम सभी धर्मों के लिए एक समान होंगे। कोई भी अपने धार्मिक नियमों के अनुसार क़ानून को चुनौती नहीं दे पाएगा। लेकिन UCC से मौलाना ज़्यादा तकलीफ़ में है। जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने खुलकर UCC का विरोध किया।और कहा कि  "कोई भी ऐसा कानून स्वीकार्य नहीं किया जा सकता जो शरीयत के खिलाफ हो, क्योंकि मुसलमान हर चीज से समझौता कर सकता है, अपनी शरीयत से कोई समझौता नहीं कर सकता"

खैर अब कोई बौखलाए या फिर चिल्लाए होने वाला कुछ नहीं है। क्योंकि जल्द ही मोदी सरकार UCC को पूरे देश में लागू करने की तैयारी करेगी। फ़िलहाल तो UCC लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बना है चलिए ये भी बताते हैं कि आख़िर। 

क्या है ? UCC यानी यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड  


मतलब देश में रहने वाले सभी नागरिकों हर धर्म, जाति, लिंग के लोगों के लिए एक ही क़ानून होगा।
विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे तमाम विषयों में हर नागरिक के लिए एक से क़ानून होंगे।

तो UCC के फ़ायदे तो तमाम है। लेकिन मुसलमान लगातार इसका विरोध करते हुए कह रहे है कि सरकार का ये कदम संविधान की हत्या के सामान है। क्योंकि तलाक़ का नियम मुस्लिम समाज में अलग है। शादी के नियम में भी अलग प्रावधान है। यही वजह है कि मुस्लिम समाज इसका विरोध कर रहा है। लेकिन सरकार समझाने की कोशिश कर आगे इसे लागू करने की तैयारी कर रही हैं।

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