Advertisement

मंदिर-सरकारी संपत्तियों के बाद Waqf Board का ASI के 156 स्मारकों पर दावा, मोदी सरकार में मचा हड़कंप!

मंदिर और सरकारी संपत्तियों के बाद वक़्फ़ बोर्ड ने अब दिल्ली में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के 156 स्मारकों पर दावा ठोका है। वक़्फ़ के दावे में विश्व धरोहर हुमायूँ का मक़बरा परिसर और क़ुतुब मीनार भी शामिल है।

Created By: शबनम
24 Sep, 2024
( Updated: 02 Dec, 2025
08:02 PM )
मंदिर-सरकारी संपत्तियों के बाद Waqf Board का ASI के 156 स्मारकों पर दावा, मोदी सरकार में मचा हड़कंप!
जबसे Waqf Board संशोधन बिल आया है तबसे दिल्ली में वक़्फ़ बोर्ड ने तबाही मचा दी है। रोज़ाना नई नई हरकतें कर वक़्फ़ बोर्ड मोदी सरकार की राह में रोड़े फंसाने का काम कर रहा है। लेकिन इस बार वक़्फ़ बोर्ड की तरफ़ से जो कुछ किया गया है। उससे मोदी सरकार के भी होश उड़ गए हैं।दरअसल


मंदिर और सरकारी संपत्तियों के बाद वक़्फ़ बोर्ड ने दिल्ली में ऐतिहासिक इमारतों पर दावा किया है।
वक़्फ़ बोर्ड ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के 156 स्मारकों पर अपना दावा ठोका है।
वक़्फ़ बोर्ड के दावे में हुमायूं का मक़बरा परिसर, क़ुतुब मीनार परिसर शामिल हैं।
वक़्फ़ का दावा है कि ASA ने दिल्ली में उसकी 156 संपत्तियों पर ग़ैरक़ानूनी क़ब्ज़ा कर रखा है।

तो सब समझिए वक़्फ़ की तरफ़ से धीरे धीरे पूरी दिल्ली पर अपना दावा ठोका जा रहा है। ये सब तब शुरू हुआ है जब संसद में मोदी सरकार वक़्फ़ के ख़िलाफ़ बिल लेकर आई। और वक़्फ़ में सुधार की बात कही। बिल के आते ही संसद से लेकर सड़क तक समाज के कुछ ठेकेदारों ने माहौल बनाना शुरू कर दिया। मुसलमानों को भड़काने का ठेका उठा लिया। इसी का नतीजा है कि वक़्फ़ बोर्ड की हिमाकत इतनी बढ़ गई। और दिल्ली में एक के बाद एक इमारत मंदिर सड़क, कूड़ाघर पर अपना दावा ठोक रहा है। अब वक्फ के दावे की जद में क़ुतुब मीनार परिसर में मौजूद अशोक स्तंभ भी आ गया है। 

जो भारत में इस्लाम के आगमन से पहले से मौजूद है। अब कैसे ये वक़्फ़ को मिला।ये बात तमाम सवाल खड़े कर रही है। वक़्फ़ के दावों की कहानी यहीं ख़त्म नहीं हुई। आगे जो खुलासा करेंगे। आप भी चौंक जाएँगे। क़ुतुब मीनार परिसर में मौजूद कुवत्तुल इस्लाम मस्जिद, जिसे 27 हिंदू जैन मंदिरों को तोड़कर बनाया गया था और अभी इसका मुद्दा अदालत में चल रहा है लेकिन अब उसके पूरे परिसर को भी वक़्फ़ बोर्ड अपनी संपत्ति बता रहा है। अब सवाल यही है कि अगर वक़्फ़ बोर्ड धीरे धीरे कर दिल्ली की सारी संपत्तियों पर दावा ठोक देगा। तो क्या आसानी से इसपर क़ब्ज़ा भी कर लेगा।लेकिन ऐसा संभव नहीं है। 

 क्योंकि मामला कोर्ट तक पहुंचेगा सबूत काग़ज़ात सब देखे जाएँगे। उसके बाद फ़ैसला होगा। लेकिन इस वक़्त वक़्फ़ बोर्ड जो कर रहा है उससे मोदी सरकार दंग है। क्योंकि दिल्ली के मंदिर हो। या श्मशान घाट। डीटीसी बस गड्ढा हो या फिर प्राचीन इमारतें सबपर वक़्फ़ बोर्ड अपना दावा ठोंक रहा है। खैर जिस तेज़ी के साथ वक़्फ़ बोर्ड एक्शन में लगा है। उस तेज़ी के साथ ही मोदी सरकार भी आगे बड़ा कदम उठा सकती है। अमित शाह पहले ही कह चुके हैं वक़्फ़ संशोधन बिल संसद में जल्द पारित किया जाएगा।

खैर अभी वक़्फ़ बोर्ड बिल का मामला JPC के पास है। जहां लोगों की राय शुमारी हो चुकी है। आखिरी फैसला JPC को करना है। उसके बाद मोदी सरकार के पाले में बॉल आएगी। लेकिन एक बात साफ़ है खेल शुरू हो चुका है। वक़्फ़ बोर्ड पूरे दिल्ली पर दावा ठोके। या मंदिरों को लेकर माहौल बनाए। होने वाला कुछ नहीं है। क्योंकि मोदी सरकार का अगला कदम वक़्फ़ बोर्ड में तबाही मचा देगा। क्योंकि वक़्फ़ बोर्ड के दावों में शंकाएं पैदा हो रही है। क्योंकि इतिहास के मुताबिक़ भारत में संपत्ति वक़्फ़ करने की शुरुआत फ़िरोज़ शाह तुग़लक़ के समय 14वीं शताब्दी में हुई थी लेकिन वक़्फ़ बोर्ड अपने दावों में उससे पहले के समय का ज़िक्र कर रहा है जिसका प्रमाण उसने आज तक किसी एजेंसी को नहीं दिया।  यही वजह है कि वक़्फ़ के दावों में वो ख़ुद ही फंसता नज़र आ रहा है।

यह भी पढ़ें

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें