भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान कब तक? आखिर कहां फंस रहा पेंच? जानिए क्या है देरी की वजह
भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के ऐलान को लेकर लगातार सस्पेंस जारी है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा और RSS के बीच नामों को लेकर मंथन जारी है. दूसरी तरफ खबर यह भी है कि जुलाई के दूसरे हफ्ते तक राष्ट्रीय अध्यक्ष के नए चेहरे का ऐलान हो सकता है.

भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को लेकर सस्पेंस बरकरार है. इस पद के लिए नए चेहरे को लेकर अभी भी मामला फंसा हुआ है. खबरों के मुताबिक, RSS और भाजपा के बीच किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है. वहीं 10 से ज्यादा राज्यों के भी प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान होना बाकी है. दूसरी तरफ एक और वजह निकलकर सामने आ रही है, इसमें बताया जा रहा है कि भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी संभव होता है, जब पार्टी के कम से कम 19 राज्यों के अध्यक्ष की नियुक्ति हो चुकी हो. वर्तमान में 37 राज्यों में से 14 में अध्यक्षों की नियुक्ति की जा चुकी है. वहीं कुछ बड़े प्रदेशों में शामिल गुजरात, उत्तर- प्रदेश, मध्य-प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में अभी भी अध्यक्षों की नियुक्ति होना बाकी है.
'18 राज्यों में जिला अध्यक्षों का चुनाव हुआ पूरा'
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया है कि देश के 18 राज्यों में जिलाध्यक्षों का चुनाव हो चुका है. कुछ जगहों पर चुनाव अंतिम चरण में है. उम्मीद है कि अगले कुछ हफ्तों के अंदर हम 19 राज्यों में अध्यक्षों की नियुक्ति का आंकड़ा पार कर लेंगे.
भाजपा के संविधान के अनुसार कैसे होता है चुनाव?
बता दें कि भाजपा के संविधान के अनुसार सभी स्तरों पर प्रमुखों का चुनाव करने के लिए एक फार्मूला तय किया गया है. इनमें सबसे पहले बूथ अध्यक्षों का चुनाव होने के बाद मंडल प्रमुख का चुनाव कराया जाता है. उसके बाद जिला प्रमुख यानी जिलाध्यक्षों का चुनाव होता है. आधे से ज्यादा जिलाध्यक्षों के चयन के बाद प्रदेश अध्यक्ष का चयन किया जाता है. देश के कुल 37 राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की तैनाती के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान होता है. हालांकि, अभी तक सिर्फ 14 राज्यों में ही अध्यक्षों का चयन हो सका है.
क्या भाजपा-RSS के बीच नहीं बन पा रही सहमति?
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा और RSS के बीच में नामों को लेकर सहमति बनाने की प्रक्रिया चल रही है, यही वजह है कि अभी तक किसी के नाम को भी शॉर्ट लिस्ट नहीं किया जा सका है. वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर सामाजिक पृष्ठभूमि, भौगोलिक और उम्र पर भी ध्यान दिया जा रहा है, ताकि जिसके नाम का भी चयन हो. वह इन सभी पर खरा उतरे. एक और वजह है कि साल के अंत तक बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं. भाजपा की कोशिश यहां पर पहली बार अपने दम पर सरकार बनाने की है. हालांकि, यह काफी मुश्किल है, लेकिन इस चुनाव को ध्यान में रखकर ही राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर रणनीति बनाई जा रही है. खबर यह भी है कि कुछ ऐसे नाम हैं, जो केंद्र सरकार में मंत्री हैं. उनके नाम पर भी चर्चा चल रही है.
जुलाई के दूसरे हफ्ते तक हो सकता है राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान
भाजपा के सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी अगले हफ्ते कई देशों के दौरे पर होंगे. ऐसे में जुलाई के दूसरे हफ्ते में उनके विदेश से लौटने के बाद पार्टी की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है. इस बीच महाराष्ट्र, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल में चुनाव के लिए पार्टी ने अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं.