क्या है MIGM, जिसका भारतीय नौसेना-DRDO ने किया है सफल परीक्षण; Naval Warfare में कैसे साबित होगी पाकिस्तान का काल
भारतीय नौसेना ने सोमवार को समुद्र में मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन (एमआईजीएम) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. नौसेना ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर इसे पूरा किया है, जो स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित की गई है. खास बात यह है कि यह प्रणाली नौसेना में शामिल किए जाने के लिए बिलकुल तैयार है.
Follow Us:
भारतीय नौसेना ने सोमवार को समुद्र में मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन (एमआईजीएम) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. नौसेना ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर इसे पूरा किया है, जो स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित की गई है.
सीमित विस्फोटक के साथ इसका कॉम्बैट फायरिंग परीक्षण
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सीमित विस्फोटक के साथ इसका कॉम्बैट फायरिंग परीक्षण किया गया है. यह एक उन्नत अंडर वॉटर नेवल माइन है. यह प्रणाली भारतीय नौसेना की अंडरवाटर युद्ध क्षमताओं को और अधिक सशक्त बनाएगी. यह प्रणाली किसी भी युद्ध में नौसेना को बेहद शक्तिशाली बनाएगी. नौसेना दुश्मन के जहाजों और पनडुब्बियों के खिलाफ इसे इस्तेमाल कर सकती है.
खास बात यह है कि यह प्रणाली नौसेना में शामिल किए जाने के लिए बिलकुल तैयार है. यह उन्नत अंडर वॉटर नेवल माइन प्रणाली को नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला, विशाखापत्तनम द्वारा और डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं के सहयोग से विकसित किया गया है. इसमें हाई एनर्जी मैटेरियल्स रिसर्च लेबोरेटरी, पुणे और टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेटरी, चंडीगढ़ ने महत्वपूर्ण सहयोग किया है.
MIGM से बढ़ेगी नौसेना की ताकत
नौसेना की इस मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन को आधुनिक स्टेल्थ पोतों (लड़ाकू समुद्री जहाज) और पनडुब्बियों के विरुद्ध भारतीय नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है. इस प्रणाली का उत्पादन भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, विशाखापत्तनम और अपोलो माइक्रोसिस्टम्स लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा किया जा रहा है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और उद्योग जगत को बधाई देते हुए कहा कि यह प्रणाली भारतीय नौसेना की समुद्र के भीतर युद्धक क्षमताओं को और अधिक मजबूत बनाएगी. वहीं, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने बताया कि इस परीक्षण के साथ ही यह प्रणाली अब भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने के लिए तैयार है.
पहलगाम टेरर अटैक के बाद दूसरा सफल परीक्षण
गौरतलब है कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद नौसेना का यह दूसरा बड़ा सफल परीक्षण है. इससे पहले, जम्मू कश्मीर स्थित पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के 48 घंटे के भीतर ही भारत ने अपने शत्रुओं को एक सख्त संदेश देते हुए मिसाइल परीक्षण किया था. यह मिसाइल परीक्षण भारतीय नौसेना ने अपने डिस्ट्रॉयर आईएनएस सूरत से अरब सागर में किया था. नौसेना ने मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल दागी थी.
नौसेना के मुताबिक, इस दौरान भारत के स्वदेशी मिसाइल विध्वंसक आईएनएस सूरत ने समुद्र में लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदने में कामयाबी हासिल की. परीक्षण के दौरान भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेशी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक आईएनएस सूरत ने समुद्र में स्थित एक लक्ष्य पर सफलतापूर्वक सटीक हमला किया था. नौसेना का कहना है कि यह देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
Advertisement
यह भी पढ़ें
Advertisement