इंडोनेशिया में ज्वालामुखी विस्फोट से मची तबाही, आसमान में 18 किलोमीटर ऊपर तक उठी राख, स्कूल-कॉलेज बंद, लोगों से घरों में रहने की अपील
इंडोनेशिया में ज्वालामुखी की भयंकर तबाही देखने को मिली है. विस्फोट से निकली राख 18 किलोमीटर ऊपर तक आसमान में उड़ती हुई दिखाई दी. स्थानीय लोगों को सांस लेने में काफी ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ा. 50 हजार से ज्यादा लोगों को मास्क बांटा गया है. हालांकि, किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है.

इंडोनेशिया में ज्वालामुखी विस्फोट से भयंकर तबाही देखने को मिली है. जहां अगले आदेश तक स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. आसमान में सिर्फ राख का गुबार देखने को मिल रहा है. सड़कों पर वाहन चलाने में भी लोगों को परेशानी हो रही है. हालात ऐसे बन गए हैं कि 50,000 से ज्यादा लोगों को मास्क बांटे गए हैं, ताकि लोगों को सांस लेने में कोई परेशानी न हो. इसके चलते दर्जन से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं. फिलहाल किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 10 गांव में कुल 10,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.
इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटने से भयंकर तबाही
खबरों के मुताबिक, दक्षिण मध्य इंडोनेशिया के फ्लोरेस द्वीप पर माउंट लेवोटोबी लाकी में मंगलवार दूसरे दिन ज्वालामुखी का ऐसा विस्फोट देखने को मिला, जिसकी राख आसमान में 18 किलोमीटर ऊपर तक उठती नजर आई. इसकी वजह से लोगों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ा. स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, लोगों को घरों से न निकलने के लिए चेतावनी दी गई है. सड़कों और खेतों में लावा की मोटी परत जमी नजर आ रही हैं. सभी स्कूलों- कॉलेजों को बंद कर दिया गया है.
लोग अपनी जान बचाने के लिए भागते नजर आए
फिलहाल ज्वालामुखी विस्फोट से किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है. लेकिन सोशल मीडिया पर जो वीडियो और तस्वीरें जारी की गई है. उसमें लोग अपनी जान बचाते और भागते नजर आ रहे हैं. खासतौर से वाहन चालक सबसे ज्यादा संघर्ष करते दिखाई दे रहे हैं. एक एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि माउंट लेवोटोबी लाकी 18 जून से उच्चतम अलर्ट स्तर पर है. इसके चारों ओर करीब 7 किलोमीटर का जो क्षेत्र है. उसे नो एंट्री जोन घोषित कर दिया गया है.
ज्वालामुखी विस्फोट से 10 हजार लोग प्रभावित
खबरों के मुताबिक, पूर्वी फ्लोरेस और सिक्का जिलों के 10 गांव में कुल 10 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. इसके अलावा इस विस्फोट की वजह से 2 से 3 हवाई अड्डे भी बंद कर दिए गए हैं. बाली दीप पर स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से आने जाने वाली सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं.
नवंबर में हुई थी 350 सौ लोगों की मौत
एक रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर में जावा के घनी आबादी वाले दीप पर माउंट मेरापी ज्वालामुखी के फटने से 350 से अधिक लोग मारे गए थे. इस विस्फोट की वजह से लाखों लोगों को अपना घर भी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था. इंडोनेशिया की बात की जाए, तो यहां पर कुल 120 सक्रिय ज्वालामुखी हैं. जहां अक्सर इनके फटने की घटनाएं होती रहती हैं.