Advertisement

आतंकी कसाब को फांसी दिलाने वाले वकील उज्ज्वल निकम बनेंगे राज्यसभा सांसद, राष्ट्रपति ने इन 3 और हस्तियों को भी किया मनोनीत

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रख्यात वकील उज्ज्वल देवराव निकम, केरल के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सी. सदानंदन मस्ते, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और प्रख्यात इतिहासकार तथा शिक्षाविद् मीनाक्षी जैन को संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है.

13 Jul, 2025
( Updated: 13 Jul, 2025
06:45 PM )
आतंकी कसाब को फांसी दिलाने वाले वकील उज्ज्वल निकम बनेंगे राज्यसभा सांसद, राष्ट्रपति ने इन 3 और हस्तियों को भी किया मनोनीत

संसद के ऊपरी सदन राज्‍यसभा के लिए चार जानी-मानी हस्तियों को मनोनीत किया गया है. इस लिस्‍ट में उज्‍ज्‍वल निकम और हर्ष श्रृंगला का नाम भी शामिल है. गृह मंत्रालय की ओर से यह अधिसूचना कल शनिवार को जारी की गई थी.

राष्ट्रपति मुर्मू ने 4 हस्तियों को किया नॉमिनेट 

राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए इन चारों को राज्‍यसभा के लिए नॉमिनेट किया है. बता दें कि ये नामांकन भारत के राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत किए गए हैं. साहित्य, विज्ञान, कला और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में उल्‍लेखनीय काम करने वालों को राष्‍ट्रपति अपर हाउस के लिए मनोनीत कर सकते हैं.

कौन है उज्जवल निकम?

उज्ज्वल निकम का जन्म 30 मार्च 1953 को महाराष्ट्र के जलगांव में वकील देवराव माधवराव निकम और प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी विमलादेवी के घर हुआ था. उन्‍होंने साइंस में ग्रैजुएशन की डिग्री ली और जलगांव के एसएस मनियार लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की. उज्ज्वल निकम कुछ प्रसिद्ध अदालती मामलों में एक प्रमुख व्यक्ति रहे हैं. साल 1991 में उन्होंने कल्याण बम विस्फोट के लिए रविंदर सिंह को दोषी ठहराने में प्रमुख भूमिका निभाई. उनके करियर ने 1993 में एक बड़ा मोड़ लिया जब वे मुंबई सीरियल बम विस्फोट मामले में सरकारी वकील बने. उज्ज्वल निकम 26/11 के हमलों के बाद पकड़े गए एकमात्र पाकिस्‍तानी आतंकवादी अजमल कसाब के मुकदमे में सरकारी वकील थे. उन्होंने कसाब की मौत की सजा के लिए सफलतापूर्वक बहस की और उसे फांसी के फंदे तक पहुंचाया.

राजनयिक हर्षवर्धन श्रृंगला 

संसद के ऊपरी सदन जाने वाले हर्षवर्धन श्रृंगला वरिष्ठ राजनयिक रहे हैं और वह 1984 के भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी हैं. अपने 35 साल के लंबे करियर में हर्षवर्धन ने राजधानी नई दिल्ली समेत विदेश में कई अहम पदों पर काम किया है.

वह अमेरिका में भारत के राजदूत (2019) रहे. इससे पहले वह बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त और थाईलैंड में भारत के राजदूत के रूप में भी रहे. इसके अलावा उन्होंने फ्रांस (यूनेस्को); अमेरिका (संयुक्त राष्ट्र, न्यूयॉर्क); वियतनाम (हनोई और हो ची मिन्ह सिटी); इजराइल और दक्षिण अफ्रीका (डरबन) में भी काम किया है. हर्षवर्धन ने विदेश मंत्रालय संयुक्त सचिव (महानिदेशक) के रूप में काम किया था, जहां उनके पास बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार और मालदीव के लिए जिम्मेदारी थी. बाद में वे 29 जनवरी 2020 में विदेश मंत्रालय के 33वें विदेश सचिव बनाए गए.

हर्षवर्धन श्रृंगला ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से BA की डिग्री हासिल की थी और भारतीय विदेश सेवा में आने से पहले भारत में कॉर्पोरेट और पब्लिक सेक्टर में काम किया था.

Tags

Advertisement
LIVE
Advertisement
इस्लामिक आतंकवाद से पीड़ित 92% लोग मुसलमान है, अब कट्टरपंथ खत्म हो रहा है!
Advertisement
Advertisement