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'ये आपके स्टूडेंट्स के लिए मौका है, मेरा-मेरा राज्य वाला रवैया छोड़ें...', तमिलनाडु सरकार को SC से क्यों पड़ी फटकार?

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु को स्पष्ट संदेश दिया कि भाषा के मुद्दे को विवाद का रूप न दें. राज्य सरकार को केंद्र के साथ सकारात्मक संवाद करना चाहिए, छात्रों के हित में तेजी से काम करना चाहिए और जमीन के मामले में बाधाओं को जल्द हल करना चाहिए.

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Supreme Court Tamil Nadu Two language policy:सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार को साफ शब्दों में कहा कि अपनी दो-भाषा नीति को लागू करने के लिए मीडिया में बयान देने की बजाय सीधे केंद्र सरकार से बात करें. यह मामला नए जवाहर नवोदय विद्यालयों के लिए जमीन आवंटन और वहाँ तीन-भाषा नीति लागू करने से जुड़ा था. दो जजों की बेंच ने राज्य को सलाह दी कि इसे भाषा का विवाद या राजनीतिक मुद्दा न बनाएं.

‘मेरा राज्य-मेरा राज्य’ वाला रवैया छोड़ें

जस्टिस बीवी नागारत्ना ने कहा, "हम एक संघीय समाज हैं. तमिलनाडु भी गणतंत्र का हिस्सा है. अगर आप सकारात्मक कदम उठाएंगे, तो केंद्र भी आपका सहयोग करेगा. ‘मेरा राज्य-मेरा राज्य’ वाला रवैया छोड़ना होगा." उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला छात्रों के हित का है और इसे अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए.

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दो-भाषा विकल्प अपनाने की सलाह


राज्य की ओर से वरिष्ठ वकील पी. विल्सन ने बताया कि प्रस्तावित नए जवाहर नवोदय विद्यालय तीन-भाषा नीति का पालन करेंगे, जबकि तमिलनाडु में कानूनी तौर पर दो-भाषा नीति लागू है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य चाहें तो अपनी दो-भाषा नीति जैसी शर्तें भी लागू कर सकता है. इससे विवाद से बचा जा सकेगा और छात्रों को लाभ मिलेगा.

सकारात्मक रवैया और सहयोग का संदेश

जस्टिस नागारत्ना ने आगे कहा, "आप अपनी भाषा नीति के बारे में केंद्र सरकार के सचिवों को स्पष्ट रूप से बताए. वे आपकी नीति को गलत साबित नहीं कर सकते. बस सकारात्मक रवैया रखें और सहयोग करें." कोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे तमिलनाडु के हर जिले में जेएनवी के लिए जरूरी जमीन का पता लगाएं. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि आज का आदेश केवल शुरुआती जांच के लिए है, यानी अभी स्कूल खोलने या नींव रखने का आदेश नहीं है.

मद्रास हाई कोर्ट का निर्देश


इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने कहा था कि नए जवाहर नवोदय विद्यालय तमिलनाडु तमिल लर्निंग एक्ट, 2006 का उल्लंघन नहीं करेंगे. कोर्ट ने राज्य को निर्देश दिया कि हर जिले में 240 छात्रों के लिए अस्थायी रहने की व्यवस्था दो महीने के अंदर पूरी करें.

छात्रों के हित में कदम उठाने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु को स्पष्ट संदेश दिया कि भाषा के मुद्दे को विवाद का रूप न दें. राज्य सरकार को केंद्र के साथ सकारात्मक संवाद करना चाहिए, छात्रों के हित में तेजी से काम करना चाहिए और जमीन के मामले में बाधाओं को जल्द हल करना चाहिए.

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