7 नवंबर से 16 नवंबर तक निकलेगी 'हिंदू एकता पदयात्रा', धीरेंद्र शास्त्री बोले- राजनीति में धर्म होना चाहिए, धर्म में राजनीति नहीं होनी चाहिए
आध्यात्मिक गुरु धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कहते हैं कि धर्म राजनीति को चलाता है, राजनीति धर्म को नहीं चलाती.राजनीति में धर्म होना चाहिए, लेकिन राजनीति को धर्म में प्रवेश नहीं करना चाहिए.
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आध्यात्मिक गुरु धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने घोषणा की है कि 7 नवंबर से 16 नवंबर तक 'हिंदू एकता पदयात्रा' निकाली जाएगी.उन्होंने कहा कि हमने सभी को निमंत्रण भेजा है, न केवल मौजूदा सरकार को, बल्कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव समेत विपक्षी दलों को भी.
'हिंदू एकता पदयात्रा' निकालेंगे धीरेंद्र शास्त्री
'हिंदू एकता पदयात्रा' के बारे में धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं कि यह पदयात्रा 150 किलोमीटर लंबी होगी.यह 10 दिन और 9 रातों तक चलेगी और दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से होकर गुजरेगी.
उन्होंने कहा कि हिंदुओं में कोई विभाजन नहीं था.यह बनाया गया था, और वह भी वर्षों के दुष्प्रचार के जरिए.जातियां पहले भी थीं, लेकिन इतना जातिवाद नहीं था.अब जातियां वही हैं, लेकिन जातिवाद बढ़ गया है.इसके लिए धन मुहैया कराया जाता है, इसके पीछे योजना बनाई जाती है और इसके लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जाता है.हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि पदयात्रा के दौरान हमारी सुरक्षा कम की जाए और अन्य धार्मिक स्थलों पर इसे बढ़ाया जाए.
राजनीति में धर्म होना चाहिए, धर्म में राजनीति नहीं होनी चाहिए
आध्यात्मिक गुरु धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कहते हैं कि धर्म राजनीति को चलाता है, राजनीति धर्म को नहीं चलाती.राजनीति में धर्म होना चाहिए, लेकिन राजनीति को धर्म में प्रवेश नहीं करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि हम एक अध्यात्मवादी विचारधारा और सनातन का काम करने वाले व्यक्ति हैं.हम हनुमान जी के भक्त हैं.हमारी रामानंदाचार्य की परंपरा है.हम केवल एक बात को लेकर चल रहे हैं.हम हिंदू हैं, हिंदुत्ववादी हैं, और हिंदुस्तान हमारा है।
हम जमीन के अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं
उन्होंने कहा कि यह जमीन हम आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाकर रखना चाहते हैं.हम चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ी के लिए यह जमीन सुरक्षित रहे.हम जमीन के अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं, किसी विचारधारा की नहीं.हम किसी पार्टी से जुड़े नहीं हैं.हम सबके हैं, क्योंकि यह जमीन सबकी है और हिंदुस्तान सबका है.
उन्होंने कहा कि हिंदुओं में विघटन कराने के लिए एक प्रोपेगेंडा चलाया गया है.यह एक प्रायोजित फंडा है.इसके लिए पैसा, सोशल मीडिया, और दूसरे माध्यमों का इस्तेमाल किया जाता है.
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