वॉशिंगटन में एस जयशंकर की बड़ी कूटनीतिक पहल, अमेरिकी खुफिया अधिकारियों से की मुलाकात, जानें किन मुद्दों पर की बात
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वॉशिंगटन में एफबीआई निदेशक काश पटेल और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मुलाकात की. बातचीत में वैश्विक सुरक्षा, आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी और संगठित अपराध जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. अमेरिकी अधिकारियों ने इन क्षेत्रों में भारत के प्रयासों की सराहना की. बता दें, तुलसी गबार्ड हवाई से पूर्व कांग्रेस सदस्य हैं और हिंदू धर्म की अनुयायी हैं.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में चल रहे क्वाड विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने कई देशों के अपने समकक्षों से द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की. बुधवार को विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका के दो शीर्ष खुफिया अधिकारियों एफबीआई निदेशक काश पटेल और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से भी मुलाकात की. इन मुलाकातों के दौरान वैश्विक सुरक्षा, आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी और संगठित अपराध जैसे गंभीर मुद्दों पर बातचीत हुई.
मुलाकात के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया के एक्स पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से वैश्विक स्थिति और द्विपक्षीय सहयोग पर सार्थक चर्चा हुई. उन्होंने काश पटेल से मुलाकात को भी बेहद सकारात्मक बताया और कहा कि “उन्होंने संगठित अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रयासों की सराहना की.” बता दें कि तुलसी गबार्ड, हवाई से पूर्व कांग्रेस सदस्य और हिंदू धर्म की अनुयायी हैं. वहीं, काश पटेल भी भारतीय मूल के हैं और हिंदू आस्था रखते हैं. भारत के लिए आतंकवाद एक गंभीर चुनौती है, और इसी कड़ी में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग लगातार मजबूत होता जा रहा है। 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद, दोनों देशों ने 2010 में आतंकवाद विरोधी पहल पर हस्ताक्षर किए थे. इसके तहत, भारत-अमेरिका आतंकवाद विरोधी कार्य समूह और भारत-अमेरिका आतंकवाद विरोधी नामांकन संवाद जैसे मंचों के माध्यम से आतंकवादियों और उनके समर्थकों की पहचान और कार्रवाई पर संयुक्त कार्य हो रहा है.
Great to meet @FBIDirectorKash today.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 2, 2025
Appreciate our strong cooperation in countering organised crime, drug trafficking and terrorism.![]()
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भारत-अमेरिका का साझा ऑपरेशन
अमेरिका में ड्रग तस्करी पर लगाम कसने के प्रयासों को उस वक्त बड़ी सफलता मिली जब भारत और अमेरिका के साझा ऑपरेशन में एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ. भारत के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा साझा की गई खुफिया जानकारी के आधार पर अमेरिकी ड्रग एनफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसडीईए) ने अलबामा में बड़ी कार्रवाई करते हुए ड्रग सरगना जोएल हॉल को गिरफ्तार किया. जोएल हॉल के पास से 17,000 से अधिक प्रतिबंधित दवाओं की गोलियां जब्त की गई हैं, जिन्हें अमेरिका में अवैध रूप से वितरित किया जा रहा था. यह खेप अलबामा में भेजी गई थी और इसमें शामिल नेटवर्क की जड़ें भारत समेत कई देशों तक फैली हुई थीं. इस अहम कार्रवाई से पहले, भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में चल रहे अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी विरोधी अभियान को तेज करने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि भारत की सीमाओं के पार फैले नशा तस्करों के नेटवर्क को तोड़ना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. जानकारी देते चलें कि अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में भी नशीली दवाओं की तस्करी को रोकना प्रमुख एजेंडा रहा है. यही कारण है कि भारत-अमेरिका के बीच ड्रग इंटरडिक्शन और इंटेलिजेंस साझेदारी दिनोंदिन मजबूत होती जा रही है.
गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर मंगलवार को अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग, और जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया के साथ क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए वॉशिंगटन पहुंचे थे. क्वाड देशों भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान की इस अहम बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा, आपसी सहयोग और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता जैसे मुद्दों पर चर्चा की जा रही है. विदेश मंत्री जयशंकर इस दौरे के दौरान प्रमुख अमेरिकी अधिकारियों से भी मुलाकात कर रहे हैं ताकि भारत-अमेरिका संबंधों को और गहरा किया जा सके, विशेष रूप से रणनीतिक साझेदारी, रक्षा सहयोग, व्यापार, और वैश्विक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर.