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REEL वाली टीचर की छात्रों को धमकी, VIDEO नहीं बनाया तो काट दूंगी टीसी

Chhattisgarh के एक सरकारी स्कूल में Teacher की REEL बनाने से परेशान छात्राओं ने डीएम से मदद की गुहार लगाई. जब छात्राएं रील नहीं बनातीं तो टीटर उन्हें मारती है गाली देती है.

पढ़ेंगे तो बढ़ेंगे। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ। ऐसे कुछ स्लोगन हैं हमारे देश में जो शिक्षा के लिए लोगों को जागरुक करते हैं. समाज के हर तबके हर वर्ग तक शिक्षा पहुंचनी चाहिए। ये हर बच्चे का मौलिक अधिकार है।लेकिन क्या हो जब पढ़ेंगे तो बढ़ेंगे के स्लोगन की बजाय REEL बनाओगे तो पढ़ाएंगे का स्लोगन जोड़ दिया जाए।जी हां छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में टीचर का ये ही फ़ॉर्मूला है। पूरा मामला छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले का है। जहां एक टीचर की करतूत बच्चों ने रो-रोकर बयां की। 


बेमेतरा के भनसूली गांव के सरकारी स्कूल में टीचर बच्चों से अपने रील बनवाती है आरोप है कि वो बच्चों को भी अपने साथ रील बनाने के लिए मजबूर करती है। जब बच्चे ऐसा करने से इंकार करते हैं तो उन्हें अपशब्द कहती है। इतना ही नहीं टीसी काटने तक की धमकी बच्चों को दी जाती है।

परीक्षा सिर पर है लेकिन टीचर को रील बनाने से फ़ुरसत नहीं। टीचर के सिलेबस में सजना संवरना वीडियो बनाना, बच्चों से अपना मेकअप करवाना शामिल है और पढ़ाई।वो तो राम भरोसे है. परीक्षा के लिए परेशान बच्चों को गाइड थमा दी जाती है।

इन रील वाली मैडम से छात्राएं इस कदर परेशान हैं कि वे बेमेतरा कलेक्ट्रेट पहुंची। उन्होंने DM से रो-रोकर अपनी परेशानी बयां की और मदद की गुहार लगाई. उनका कहना है कि स्कूल में मिलने वाले मिड डे मील भी टीचर डकार जाते हैं। 84 बच्चों के लिए केवल 3 किलो चावल बनाए जाते हैं। वहीं, स्कूल में अभी तक शौचालय भी नहीं है। 

गरीब मज़लूम मां-बाप बड़ी बड़ी स्कूलों में महंगी शिक्षा अफोर्ड नहीं कर सकते तो वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजते हैं। इस उम्मीद में कि उनके बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़कर भी अपना भविष्य बना लेंगे। लेकिन ये कैसी शिक्षा दी जा रही है जहां बच्चे के भविष्य पर टीचर की रील हावी हो रही है। एक महिला टीचर ही छात्राओं के भविष्य के साथ खेल रही है। स्कूल को तो शिक्षा का मंदिर कहा जाता है लेकिन इस शिक्षा के मंदिर को उसी की महिला टीचर शर्मसार कर रही है।

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