बिहार की जीत के बाद बंगाल में सियासी तूफान... PM मोदी के 'जंगलराज' वाले बयान से बौखलाई TMC
बिहार में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद पीएम मोदी ने कहा कि अब बंगाल में भाजपा की राह आसान होगी. इस पर टीएमसी ने जोरदार पलटवार करते हुए कहा कि बंगाल की राजनीति इतनी सरल नहीं है और 2026 में ममता बनर्जी ही सत्ता में लौटेंगी. टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने मोदी के दावे को भ्रम बताते हुए कहा कि बंगाल बार-बार भाजपा की राजनीति को खारिज कर चुका है और ममता बनर्जी ही राज्य की असली शेरनी हैं.
Follow Us:
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आते ही देश की राजनीति में नया हलचल शुरू हो गया है. इस बार बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने प्रचंड जीत हासिल कर राजनीति के समीकरण बदल दिए हैं. लेकिन असली राजनीतिक तपिश तो अब पश्चिम बंगाल में महसूस की जा रही है. शुक्रवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय से कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार की जीत से बंगाल की राह साफ हो गई है. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जिस तरह गंगा बिहार से बहकर बंगाल में जाती है, उसी तरह बीजेपी की जीत भी पश्चिम बंगाल तक पहुंचेगी.
पीएम मोदी का यह बयान आते ही बंगाल की राजनीति में बयानबाज़ी की बाढ़ आ गई. टीएमसी ने प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुए कहा है कि बिहार की जीत से बंगाल की जनता प्रभावित होने वाली नहीं है. टीएमसी का दावा है कि 2026 के चुनाव में ममता बनर्जी 294 में से 250 सीटें जीतकर एक बार फिर सरकार बनाएंगी. पार्टी नेताओं ने बीजेपी के दावों को भ्रम बताते हुए कहा कि बंगाल की राजनीति को समझना इतना आसान नहीं है. लेकिन टीएमसी की तुरंत प्रतिक्रिया यह बताती है कि पीएम मोदी के इस रूख और आक्रामक अंदाज ख़तरे की घंटी भी साबित हो सकती है.
TMC ने किया पलटवार
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने पीएम मोदी के बयान को बंगाल की राजनीति की गलत समझ बताया. उन्होंने कहा कि बंगाल के लोगों ने बार-बार भाजपा की नफरत की राजनीति को नकारा है. घोष ने कहा कि भाजपा को लगता है कि बंगाल को जीतना आसान है, लेकिन यह केवल एक सपना है. उन्होंने तंज करते हुए कहा कि 'यह ऐसा ही है जैसे कोई कछुआ अपनी पीठ के बल लेटने की कोशिश करे.' घोष ने कहा कि बंगाल की शेरनी ममता बनर्जी तैयार हैं और भाजपा का हर प्रयास बंगाल की धरती पर विफल होगा.
जंगलराज किसके शासन में?
पीएम मोदी द्वारा बंगाल में जंगलराज होने के आरोप पर भी टीएमसी ने जोरदार जवाब दिया है. कुणाल घोष ने कहा कि बंगाल में जंगलराज वामपंथी शासन में था, न कि आज. उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़े बताते हैं कि बंगाल देश के सबसे सुरक्षित राज्यों में से है. घोष ने कहा कि अपराध के ग्राफ देखें तो असली जंगलराज कहां है, यह देश खुद देख रहा है. टीएमसी नेता ने याद दिलाया कि 2021 और 2024 दोनों चुनावों में भाजपा को बंगाल ने हर बार नकारा है. उन्होंने दावा किया कि 2026 में भी इसका कोई अलग नतीजा नहीं आने वाला है. घोष ने कहा कि भाजपा विधानसभा, पंचायत और लोकसभा तीनों स्तर पर हार चुकी है. ऐसे में 2026 में ममता बनर्जी का चौथी बार सत्ता में लौटना तय है.
INDIA गठबंधन पर उठी नई बहस
बिहार की जीत और बंगाल की प्रतिक्रिया के बीच, टीएमसी के सांसद कल्याण बंद्योपाध्याय ने एक और बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का मुकाबला करने के लिए ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का चेहरा बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि दीदी ही भाजपा की सांप्रदायिक और तानाशाही राजनीति का सबसे मजबूत जवाब हैं. कांग्रेस की हालिया हार के बाद यह सवाल और तेज हो गया है कि क्या विपक्ष को नया चेहरा चाहिए. बंद्योपाध्याय का कहना है कि ममता बनर्जी ही वह नेता हैं जो भाजपा को सीधी चुनौती दे सकती हैं.
बंगाल की राजनीति में नई लड़ाई की शुरुआत
बिहार की जीत ने भले ही बीजेपी की ऊर्जा बढ़ा दी हो, लेकिन बंगाल में मुकाबला उतना आसान नहीं होने वाला. टीएमसी ने साफ कर दिया है कि वह 2026 में अपनी सत्ता को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है. बीजेपी का दावा है कि गंगा की तरह विजय की धारा बंगाल तक पहुंचेगी. वहीं टीएमसी का कहना है कि बंगाल की धरती पर ममता बनर्जी की पकड़ अटूट है.
बताते चलें कि अब मुकाबला 2026 का है. बिहार की जीत की लहर क्या सच में बंगाल तक पहुंचेगी या फिर टीएमसी एक बार फिर अपनी सत्ता बचाने में कामयाब होगी. आने वाले महीनों में बंगाल की सियासत गर्माहट से भरने वाली है. चुनावी जंग अब शुरू हो चुकी है और पूरा देश इस महा टकराव को देखने के लिए तैयार है.
Advertisement
यह भी पढ़ें
Advertisement