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पीएम मोदी ने भारत में लिखी प्रगति की कहानी, जमीन से लेकर आसमान तक अपना झंडा किया बुलंद

PM Narender Modi: ये मील के पत्थर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत संभव हुए हैं, जिनके मार्गदर्शन में भारत ने पिछले दशक में लगातार नई ऊंचाइयों को छुआ है। 2024 की ये उपलब्धियां सिर्फ घटनाएं नहीं हैं, बल्कि प्रगति की एक कहानी हैं।

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PM Narender Modi: वर्ष 2024 भारत के लिए कई ऐतिहासिक उपलब्धियों का साल रहा है, जिसमें कई "अभूतपूर्व" घटनाएं शामिल हैं, जो देश की वैश्विक शक्ति को दर्शाती हैं। ये मील के पत्थर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत संभव हुए हैं, जिनके मार्गदर्शन में भारत ने पिछले दशक में लगातार नई ऊंचाइयों को छुआ है। 2024 की ये उपलब्धियां सिर्फ घटनाएं नहीं हैं, बल्कि प्रगति की एक कहानी हैं।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से ....

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में 'नेशनल क्रिएटर अवार्ड' प्रदान किए

भारत ने पहली बार विभिन्न प्लेटफार्मों पर महत्वपूर्ण योगदान देने वाले डिजिटल सामग्री क्रिएटर को सम्मानित करने के लिए नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड लॉन्च किया। जो अपनी तरह की अनूठी पहल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में 'नेशनल क्रिएटर अवार्ड' प्रदान किए। जिसने जता दिया कि भारत डिजिटल सामग्री के लिए एक वैश्विक केंद्र बन चुका है। इस वर्ष भारत ने पहली बार 'विश्व धरोहर समिति' की बैठक आयोजित की। यह प्रतिष्ठित सभा का 46वां सत्र जुलाई 2024 में नई दिल्ली के भारत मंडपम में हुआ। इस बैठक में असम के मोइदाम को विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया गया, जो अहोम राजवंश की टीला-दफन प्रणाली को दर्शाता है। यह भारत की 42वीं विश्व धरोहर प्रविष्टि थी। पिछले दशक में भारत में कुल 13 नए विरासत स्थलों को यूनेस्को की सूची में शामिल किया गया है। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन अक्टूबर 2024 में भारत ने नई दिल्ली में आरोही-2024 नामक अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के पहले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी की।

जमीन से लेकर आसमान तक भारत ने अपना झंडा बुलंद किया

इस आयोजन ने आयुर्वेद को एक प्रभावी और वैध चिकित्सा प्रणाली के रूप में वैश्विक पहचान दिलाने में मदद की और उसकी मान्यता को बढ़ाया। वहीं, आईसीए वैश्विक सहकारी सम्मेलन 2024 नवंबर 2024 में भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन के 130 साल के इतिहास में पहली बार वैश्विक सहकारी सम्मेलन और महासभा की मेजबानी की। यह ऐतिहासिक कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आयोजित हुआ। इस आयोजन ने वैश्विक सहकारी आंदोलन में भारत के बढ़ते प्रभाव को दिखाया और यह भारत की समावेशी विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। नवंबर 2024 में भारत ने प्रथम एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। इस शिखर सम्मेलन की एक बड़ी सफलता दो समानांतर मंचों का सफल आयोजन था, जिनमें से प्रत्येक ने व्यावहारिक दृष्टिकोण की एक श्रृंखला प्रस्तुत की। सम्मेलन में 32 देशों के 160 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। जमीन से लेकर आसमान तक भारत ने अपना झंडा बुलंद किया।

भारत की अंतरिक्ष सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम था

साल को अलविदा कहने से पहले ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में स्पैडेक्स मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इसरो का स्पैडेक्स मिशन पीएसएलवी की ओर से लॉन्च किया गया अंतरिक्ष में डॉकिंग के प्रदर्शन के लिए एक लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है। इसके अलावा भी हमने 2024 में स्पेस के क्षेत्र में बहुत कुछ किया। इसरो ने जनवरी 2024 में अपना पहला एक्स-रे पोलारिमीटर उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह मिशन ब्लैक होल के रहस्यों को समझने और अंतरिक्ष में होने वाली घटनाओं की जांच करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रक्षेपण के साथ भारत संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद ब्लैक होल की जांच के लिए एक समर्पित 'वेधशाला' रखने वाला दूसरा देश बन गया है। भारत ने अपना पहला सैन्य अंतरिक्ष अभ्यास "अंतरिक्ष अभ्यास-2024" नवंबर में आयोजित किया। यह अभ्यास रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी (डीएसए) द्वारा अंतरिक्ष युद्ध में रणनीतिक तैयारी को बढ़ाने के लिए किया गया। इसने भारत की अंतरिक्ष-आधारित परिचालन क्षमताओं को मजबूत किया और अंतरिक्ष सुरक्षा के लिए त्रि-सेवा एकीकरण को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत की अंतरिक्ष सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम था।

आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत आत्मनिर्भरता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है

भारत की पहली लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल को लेकर भी बड़ी खबर आई। नवंबर 2024 में डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) ने भारत की पहली लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल पारंपरिक और परमाणु हथियारों को अधिक दूरी तक ले जाने में सक्षम है। यह मिसाइल ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक गति से उड़ती है, जिससे यह एक हाइपरसोनिक मिसाइल बनती है। इस ऐतिहासिक परीक्षण ने भारत को उन कुछ चुनिंदा देशों की सूची में ला खड़ा किया, जो इस उन्नत तकनीक से लैस हैं। हमने रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में भी अभूतपूर्व कार्य किया। अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। जो सी-295 विमान का निर्माण करेगा। यह भारत का पहला निजी क्षेत्र का सैन्य विमान संयंत्र है। यह ऐतिहासिक विकास देश के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत आत्मनिर्भरता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 

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