पीएम मोदी ने विदेश से लौटे डेलिगेशन से की मुलाकात, पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करने का लिया फीडबैक
भारतीय डेलिगेशन की 7 टीमों के 50 से ज्यादा सदस्यों ने राजधानी दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात कर अलग-अलग देशों के दौरों का अनुभव शेयर किया. सभी ने पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को पूरी दुनिया के सामने बेनकाब किया.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को पूरी दुनिया में बेनकाब करने के लिए UNSC से मान्यता प्राप्त देशों का दौरा करने के बाद भारतीय डेलिगेशन वतन वापसी कर चुका है. इस बीच 7 टीमों के 50 से ज्यादा मल्टी-पार्टी डेलिगेशन के सदस्यों ने मंगलवार को पीएम मोदी से मुलाकात की. सभी ने पहला फीडबैक पीएम मोदी से शेयर किया. विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही इस प्रतिनिधिमंडल से मिल चुके हैं. पीएम मोदी से हुई मुलाकातों की तस्वीरों में सभी सदस्य हंसते-मुस्कुराते नजर आ रहे हैं.
भारतीय डेलिगेशन के सदस्यों ने पीएम मोदी से की मुलाकात
7 टीमों के 50 से ज्यादा सदस्यों ने राजधानी दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात कर अलग-अलग देशों के दौरों का अनुभव शेयर किया. सभी ने पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को पूरी दुनिया के सामने पेश किया. भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को क्यों अंजाम दिया था. इसको लेकर भी पूरी दुनिया को असली सच बताया.
क्या था भारतीय डेलिगेशन का मिशन
बता दें कि मल्टी-पार्टी डेलिगेशन के सदस्यों ने पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को पेश करने के दौरान वैश्विक राजधानियों का दौरा किया. इस मिशन में पूर्व सांसद, वर्तमान सांसद और पूर्व राजनयिक शामिल थे. इनमें 50 से ज्यादा लोग शामिल थे. इस डेलिगेशन ने 33 विदेशी राजधानियों और यूरोपीय संघ का दौरा किया.
किस-किस को मिली थी प्रतिनिधिमंडल की कमान
बता दें कि सत्तारूढ़ प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व भाजपा के दो सांसदों ने किया. वहीं एक जेडीयू और एक शिवसेना के सांसद ने किया. वहीं तीन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व विपक्षी दल के सांसदों ने किया. इनमें डीएमके, कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार) गुट के सांसद थे. इनमें भाजपा की तरफ से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा , कांग्रेस की तरफ से शशि थरूर, जेडीयू की तरफ से संजय झा, शिवसेना की तरफ से श्रीकांत शिंदे, डीएमके की तरफ से कनिमोझी, एनसीपी (शरद पवार) की तरफ से सुप्रिया सुले ने कई लोगों के साथ अपनी-अपनी टीमों का प्रतिनिधित्व किया.
सभी ने भारत के हितों की पैरवी की
7 टीमों द्वारा ने अलग-अलग देशों में आतंकवाद पर भारत के रुख को पेश किया. इस प्रतिनिधिमंडल ने यह भी संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम सब राष्ट्रीय एकता में एक हैं. इनमें कांग्रेस नेता शशि थरूर और AIMIM प्रमुख ओवैसी जैसे नेताओं ने सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों के साथ मिलकर विदेश में भारत की पैरवी की. इसमें कई वरिष्ठ नेता भी शामिल रहें, जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद और सलमान खान खुर्शीद जैसे बड़े नाम रहें. सभी ने अपने अनुभव के आधार पर भारत को मजबूत बनाया.