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पीएम मोदी ने 50 लाख कर्मचारियों को दिया बड़ा तोहफा, 8वें वेतन आयोग के कैबिनेट को मिली मंजूरी, जानिए कब लागू होगा

पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 'केंद्रीय कैबिनेट ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) के लिए 'टर्म्स ऑफ रेफरेंस' (terms of reference) को मंजूरी दे दी है. आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई करेंगी.'

केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है. इसके लिए 3 सदस्यीय आयोग अगले 18 महीने के अंदर अपनी सिफारिशें देगा. सरकार के इस प्लान से करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनर्स को फायदा मिलेगा. मंगलवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. बता दें कि सरकार ने जनवरी में 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी थी, लेकिन आयोग का गठन  नहीं हुआ था. ऐसे में सरकार की तरफ से अब ऐलान किया गया.

बैठक में लिया गया बड़ा फैसला

पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 'केंद्रीय कैबिनेट ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) के लिए 'टर्म्स ऑफ रेफरेंस' (terms of reference) को मंजूरी दे दी है. आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई करेंगी. इसके साथ IIM गलोर के प्रोफेसर पुलक घोष पार्ट टाइम मेंबर और पंकज जैन इसके मेंबर सचिव होंगे, जो अभी पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस में सचिव हैं.

1 जनवरी से लागू हो सकता है 8वां वेतन

8वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू मानी जाएंगी. सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी, ताकि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन और अन्य लाभों में आवश्यक परिवर्तन की समीक्षा कर सिफारिशें दी जा सकें. 8वां केंद्रीय वेतन आयोग एक अस्थायी निकाय होगा. आयोग में एक अध्यक्ष, एक सदस्य और एक सदस्य-सचिव होंगे. यह आयोग अपने गठन की तारीख से 18 माह के भीतर अपनी सिफारिशें देगा.

आयोग इन मुद्दों की सिफारिश करेगा

1. देश की आर्थिक स्थिति और राजकोषीय अनुशासन (fiscal prudence) की आवश्यकता. 

2. यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता कि विकासात्मक व्यय (developmental expenditure) और कल्याणकारी उपायों (welfare measures) के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हों. 

3. गैर-योगदान आधारित पेंशन योजनाओं (non-contributory pension schemes) की अवित्तपोषित लागत (unfunded cost). 

4. आयोग की सिफारिशों का राज्य सरकारों के वित्त (State Governments finances) पर संभावित प्रभाव, जो आमतौर पर इन सिफारिशों को कुछ संशोधनों के साथ अपनाती हैं. 

5. केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (Central Public Sector Undertakings) एवं निजी क्षेत्र (private sector) के कर्मचारियों को उपलब्ध वेतन संरचना (emolument structure), लाभ (benefits) और कार्य स्थितियां (working conditions).

कब लागू होता है वेतन आयोग?

बता दें कि वेतन आयोग हर 10 साल में लागू होता है, जो केंद्रीय वेतन आयोग द्वारा समय-समय पर गठित किए जाते हैं, ताकि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे , सेवानिवृत्ति लाभ और अन्य सेवा शर्तों से संबंधित विभिन्न मुद्दों की समीक्षा और आवश्यक परिवर्तनों की सिफारिश की जा सके. 

वेतन आयोग में सैलरी कितनी बढ़ सकती है?

बता दें कि वेतन आयोग में बेसिक सैलरी में बढ़ोत्तरी फिटमेंट फैक्टर और DA मर्जर पर निर्भर करता है. 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था और 8वें में ये 2.46 हो सकता है. हर वेतन आयोग में DA जीरो से शुरू होता है. 

महंगाई को ध्यान में रखकर बढ़ाई जाती है बेसिक सैलरी 

जानकारी के लिए बता दें कि बेसिक सैलरी पहले से ही महंगाई को ध्यान में रखकर बढ़ाई जाती है. इसके बाद DA फिर से धीरे-धीरे बढ़ता है. अभी DA बेसिक पे 55% है. DA के हटने से टोटल सैलरी (बेसिक + DA + HRA) में बढ़ोतरी थोड़ी कम दिख सकती है, क्योंकि 55% DA का हिस्सा हट जाएगा. 

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