Pan Card Scam: क्या है पैन कार्ड स्कैम? IPPB ग्राहकों को कैसे निशाना बना रहे हैं स्कैमर्स?
पैन कार्ड स्कैम एक डिजिटल धोखाधड़ी है, जिसमें साइबर अपराधी फिशिंग तकनीकों का उपयोग करके लोगों की निजी और वित्तीय जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं। यह स्कैम खासकर भारत पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के ग्राहकों को निशाना बना रहा है।
डिजिटल धोखाधड़ी का एक नया रूप भारतीय ग्राहकों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। खासकर, भारत पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के ग्राहकों को निशाना बनाकर साइबर अपराधी अपने फिशिंग ट्रिक्स का उपयोग कर रहे हैं। इस ब्लॉग में हम इस घोटाले की पूरी जानकारी देंगे और यह समझने की कोशिश करेंगे कि ये स्कैम कैसे काम करता है और इससे बचने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
क्या है पैन कार्ड स्कैम?
हाल ही में, कई IPPB ग्राहकों को संदेश प्राप्त हो रहे हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि अगर वे 24 घंटे के भीतर अपने पैन कार्ड की जानकारी अपडेट नहीं करते हैं, तो उनका बैंक खाता ब्लॉक कर दिया जाएगा। इन संदेशों में एक संदिग्ध लिंक दिया जाता है। जब कोई व्यक्ति इस लिंक पर क्लिक करता है, तो वह एक फर्जी वेबसाइट पर पहुंचता है, जहां से उनकी निजी और वित्तीय जानकारी चोरी कर ली जाती है।
Claim: The customer's India Post Payments bank account will be blocked within 24 hours if their Pan card is not updated. #PIBFactCheck:
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) January 4, 2025
❌ This claim is #Fake
➡️ @IndiaPostOffice never sends any such messages
➡️ Never share your personal & bank details with anyone pic.twitter.com/B7CEdp0g2f
भारत सरकार की प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने इन संदेशों को फर्जी बताया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर PIB के फैक्ट चेक टीम ने स्पष्ट करते हुए कहा कि "ग्राहक का इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक खाता 24 घंटे में ब्लॉक हो जाएगा अगर पैन कार्ड अपडेट नहीं किया गया। यह दावा #फर्जी है। @IndiaPostOffice कभी भी ऐसे संदेश नहीं भेजता।"
क्या है फिशिंग और यह कैसे काम करता है?
फिशिंग एक प्रकार का ऑनलाइन धोखाधड़ी है, जिसमें साइबर अपराधी लोगों को धोखे में डालकर उनकी गोपनीय जानकारी चुरा लेते हैं। इस मामले में, घोटालेबाज खाते को बंद करने की धमकी देकर लोगों को मानसिक तनाव में डालते हैं। ये संदेश देखने में असली लग सकते हैं, लेकिन ये केवल संवेदनशील डेटा चुराने और वित्तीय चोरी करने की योजना का हिस्सा हैं।
कैसे बचें इस डिजिटल धोखाधड़ी से?
IPPB और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने डिजिटल बैंकिंग ग्राहकों को सतर्क रहने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं
संदिग्ध लिंक से बचें: अनचाहे संदेशों में दिए गए लिंक पर कभी भी क्लिक न करें।
संचार की पुष्टि करें: हमेशा सीधे बैंक से संपर्क करके किसी भी संदेश की प्रामाणिकता जांचें।
पासवर्ड बदलें: नियमित रूप से अपने बैंक खाते का पासवर्ड अपडेट करें।
फर्जी ग्राहक सहायता नंबर से सावधान रहें: सहायता के लिए केवल आधिकारिक हेल्पलाइन का उपयोग करें।
पब्लिक वाई-फाई से बचें: असुरक्षित नेटवर्क पर संवेदनशील खातों तक पहुंचने से बचें।
लेन-देन पर नजर रखें: अपने खाते में किसी भी अनधिकृत गतिविधि के लिए सतर्क रहें।
पैन कार्ड घोटाले के साथ-साथ अन्य डिजिटल धोखाधड़ी भी तेजी से बढ़ रही हैं। इनमें "डिजिटल अरेस्ट स्कैम" शामिल है, जिसमें अपराधियों पर मनी लॉन्ड्रिंग या टैक्स चोरी का झूठा आरोप लगाकर उन्हें डराया जाता है। एक हालिया घटना में, कर्नाटक के कारकला की एक महिला इस घोटाले का शिकार हुई और ₹24 लाख गंवा बैठी। स्कैमर्स फर्जी दस्तावेज़ और पहचान का उपयोग कर लोगों को डराते हैं और उनसे पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं।
जैसे-जैसे साइबर अपराधी अपनी रणनीतियों को अधिक परिष्कृत कर रहे हैं, जागरूक रहना हमारी पहली सुरक्षा पंक्ति है। IPPB ने ग्राहकों को सुरक्षित रहने के लिए हाल ही में एक संदेश जारी किया है "नियमित रूप से पासवर्ड अपडेट करें, फर्जी कस्टमर केयर नंबर से बचें, अपने खातों पर नजर रखें, और संदिग्ध लिंक से बचें। सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करते समय सतर्क रहें और हमेशा बैंकिंग संचार की प्रामाणिकता की पुष्टि करें। आपका वित्तीय सुरक्षा मायने रखती है - जागरूक रहें और स्मार्ट तरीके से बैंकिंग करें।"
डिजिटल युग में, जहां हमारी वित्तीय जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध है, सतर्क रहना और सुरक्षा उपायों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। पैन कार्ड घोटाला एक गंभीर समस्या है, लेकिन सही जानकारी और सतर्कता से हम इसे रोक सकते हैं।