हिमाचल में NHAI अधिकारी पर हमले से भड़के नितिन गडकरी, CM सुक्खू को मिला दिया फोन, कहा- बिना देर किए...
हिमाचल प्रदेश में इमारत ढहने के एक विवाद में NHAI के मैनेजर के साथ मारपीट की गई है. खून से लथपथ हालत में उन दोनों को जान बचाकर खुद को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. इस घटना के बाद आरोपी मंत्री अनिरुद्ध सिंह राणा के इस्तीफे की मांग तेज़ हो गई है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंत्री राणा और अनके लोगों के कृत्य को अत्यंत निंदनीय और कानून के शासन का अपमान करार देते हुए कार्रवाई की मांग की है.

हिमाचल प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के तकनीकी प्रबंधक अचल जिंदल पर हुए जानलेवा हमले ने बवाल मच गया है. हिमाचल के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह राणा और उनके सहयोगियों पर आरोप लगा है कि उन्होंने अचल की ऐसी पिटाई की जिसके कारण उन्हें लहू-लहान अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा और वो फिलहाल जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. वहीं इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंत्री अनिरुद्ध सिंह राणा और अनके लोगों के कृत्य को अत्यंत निंदनीय और कानून के शासन का अपमान करार दिया है.
NHAI में मैनेजर हैं अचल जिंदल
अचल जिंदल, जो एनएचएआई के शिमला पीआईयू में प्रबंधक (तकनीकी) के पद पर तैनात हैं, ने शिकायत दर्ज की कि 30 जून 2025 को शिमला के भट्टाकुफर क्षेत्र में एक साइट निरीक्षण के दौरान उन पर हमला किया गया. यह निरीक्षण एक पांच मंजिला आवासीय इमारत के ढहने की घटना की जांच के लिए बुलाई गई बैठक के सिलसिले में था. जिंदल ने आरोप लगाया कि पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह राणा ने उनसे इमारत के ढहने के बारे में जानकारी मांगी, जिसके बाद उन्हें और उनके सहयोगी योगेश वर्मा को एक कमरे में ले जाकर मारपीट की गई. जिंदल के सिर पर पानी का घड़ा मारा गया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं और उन्हें शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने की कार्रवाई की मांग
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस घटना पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा, "श्री अचल जिंदल, प्रबंधक, एनएचएआई पीआईयू शिमला, पर हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री और उनके सहयोगियों द्वारा कथित तौर पर किया गया जघन्य हमला अत्यंत निंदनीय है और यह कानून के शासन का अपमान है. एक लोकसेवक पर अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करते समय इस तरह का क्रूर हमला न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालता है, बल्कि संस्थागत अखंडता को भी कमजोर करता है."
गडकरी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस मामले में तत्काल और कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा, "मैंने इस मामले में गंभीर संज्ञान लिया है और मुख्यमंत्री से बात की है, ताकि सभी दोषियों के खिलाफ तत्काल और अनुकरणीय कार्रवाई की जाए. जवाबदेही सुनिश्चित होनी चाहिए और न्याय में देरी नहीं होनी चाहिए."
पुलिस ने दर्ज की FIR
हिमाचल प्रदेश पुलिस ने अचल जिंदल की शिकायत के आधार पर अनिरुद्ध सिंह राणा और छह अन्य लोगों के खिलाफ ढल्ली पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. इनमें धारा 121(1) (लोकसेवक को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला), 126(5) (गलत तरीके से बंधक बनाना), 132 (चोट पहुंचाना), और 352 (गंभीर उकसावे के बिना हमला) शामिल हैं.
The heinous assault on Shri Achal Jindal, Manager, NHAI PIU Shimla, allegedly by the Minister of Panchayati Raj, Himachal Pradesh, and his associates, is deeply reprehensible and an affront to the rule of law. Such a brutal attack on a public servant performing his official…
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) July 1, 2025
बीजेपी ने साधा सुक्खू सरकार पर निशाना, मंत्री का मांगा इस्तीफा
NHAI अधिकारी अचल पर हुए हमले के बाद बीजेपी ने इस घटना को लेकर हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष नेता जय राम ठाकुर ने मंत्री अनिरुद्ध सिंह के इस्तीफे की मांग की है. वहीं, हमीरपुर से भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा, "हिमाचल में सरकारी अधिकारियों को असुरक्षित महसूस हो रहा है. क्या वहां कोई सरकार है?"
क्या है पूरा मामला?
NHAI के शिमला प्रोजेक्ट मैनेजर अचल जिंदल ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्हें एसडीएम शिमला ग्रामीण के दफ्तर में सुबह 11:30 बजे मीटिंग के लिए बुलाया गया था. उनके साथ साइट इंजीनियर योगेश भी मौजूद थे. SDM कार्यालय की जगह उन्हें भट्टाकुफर बुला लिया गया, जहां मंत्री अनिरुद्ध सिंह और कुछ स्थानीय लोग पहले से मौजूद थे.
जिंदल के अनुसार, वहां मंत्री को एक पुराने भवन के गिरने की जानकारी दी जा रही थी, जिसे 29 जून की शाम को पहले ही खाली करा दिया गया था. उन्होंने मंत्री को बताया कि वो भवन नेशनल हाईवे की राइट ऑफ वे (ROW) से 30 मीटर दूर है, और सरकार की अधिसूचना के तहत ही इस पर कोई कार्रवाई हो सकती है.
लेकिन जैसे ही उन्होंने यह बात कही, मंत्री ने कथित रूप से गाली-गलौज शुरू कर दी और फिर उन्हें पास के एक कमरे में ले जाकर स्थानीय लोगों के सामने ही मारपीट की गई. अचल जिंदल ने बताया कि पानी के घड़े से उनके सिर पर वार किया गया, जिससे उन्हें गंभीर चोट आई और खून बहने लगा. जब साइट इंजीनियर योगेश ने उन्हें बचाने की कोशिश की, तो उसके साथ भी मारपीट की गई. शिकायत में यह भी आरोप है कि इस दौरान एसडीएम और अन्य अधिकारी मौजूद थे, लेकिन किसी ने उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की. घायल अवस्था में दोनों अधिकारी किसी तरह जान बचाकर अपनी गाड़ी से IGMC अस्पताल पहुंचे, जहां उनका इलाज जारी है. इस मामले की रिपोर्ट NHAI के क्षेत्रीय कार्यालय शिमला, मुख्यालय और प्रोजेक्ट डायरेक्टर को भी भेजी गई है. साथ ही पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की गई है.
Against the manhandling of Achal Jindal Manager(T), officers of NHAI and CES road gathered today outside the NHAI HQ to peacefully show their resistance and solidarity.#JusticeForAchal @CESRoads @NHAI_Official @MORTHIndia pic.twitter.com/saK3yLDB0C
— NHAI Engineer’s Association (NEA) (@NHAIENGINEERS) July 1, 2025
इमारत ढहने का विवाद
स्थानीय लोगों ने इमारत के ढहने का कारण एनएचएआई द्वारा चार-लेन राजमार्ग परियोजना के लिए की गई खुदाई और चट्टान कटाई को बताया है. हालांकि, एनएचएआई ने दावा किया है कि ढही इमारत परियोजना की सीमा से बाहर थी. भारी बारिश के बाद इमारत में दरारें पड़ने के कारण इसे पहले ही खाली करा लिया गया था, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ.