Advertisement

पहलगाम आतंकी हमले में NIA का बड़ा एक्शन, 7 बड़े आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल, तीन को किए जा चुका है ढेर

Pahalgam Attack: चार्जशीट में विस्तार से बताया गया है कि किस तरह से पाकिस्तान से इस हमले की साजिश की गई और इसके समर्थन में सबूत भी पेश किए गए हैं. एनआईए ने कहा कि लश्कर और TRF ही इस आतंकी हमले के पीछे मुख्य जिम्मेदार थे.

Image Source: Social Media

NIA ChargeSheet: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के लगभग 8 महीने बाद, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है. इसमें लश्कर-ए-तैयबा और द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) का नाम भी शामिल है. चार्जशीट में विस्तार से बताया गया है कि किस तरह से पाकिस्तान से इस हमले की साजिश की गई और इसके समर्थन में सबूत भी पेश किए गए हैं. एनआईए ने कहा कि लश्कर और TRF ही इस आतंकी हमले के पीछे मुख्य जिम्मेदार थे.

चार्जशीट और आरोपियों की जानकारी

चार्जशीट कुल 1597 पेज की है.इसमें पाकिस्तान के तीन मारे गए आतंकियों के अलावा हैंडलर साजिद जट्ट का नाम शामिल है. मारे गए आतंकियों में फैसल जट्ट उर्फ सुलेमान शाह, हबीब ताहिर उर्फ जिब्रान और हमजा अफगानी शामिल हैं, जिन्हें श्रीनगर के जंगलों में ऑपरेशन महादेव के दौरान ढेर कर दिया गया था.
लश्कर और TRF के अलावा, इन पांच आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट 1969 और UAPA 1967 के तहत भी केस चलाया गया है.

स्थानीय लोगों पर भी आरोप


एनआईए ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में दो स्थानीय लोगों परवेज अहमद और बशीर अहमद को भी आरोपी बनाया ह. उन्हें 22 जून को गिरफ्तार किया गया था. इन पर आतंकवादियों को मदद देने और पनाह देने का आरोप है. पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने हमले में शामिल तीन सशस्त्र आतंकियों की पहचान की और यह भी बताया कि वे लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तानी नागरिक थे.

हमले और ऑपरेशन सिंदूर का संक्षिप्त विवरण


इस हमले की तारीख थी 22 अप्रैल, जिसमें कम से कम 25 लोगों की मौत हुई थी. इसके तुरंत बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों को तबाह किया. इस ऑपरेशन से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत पर हमले की कोशिश की, लेकिन भारत के मजबूत रक्षा तंत्र के सामने वह सफल नहीं हो सका और अंततः युद्धविराम के लिए मजबूर हुआ.

NIA की कार्रवाई


एनआईए की यह कार्रवाई यह दिखाती है कि भारत साइबर और वास्तविक दुनिया दोनों में आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है. चार्जशीट में पेश सबूत और गिरफ्तार आरोपियों की पहचान से यह साबित होता है कि आतंकवादियों को स्थानीय और विदेशी मदद दोनों मिली थी. इस कदम से पहलगाम हमले की जांच में और तेजी आएगी और दोषियों को कानूनी कार्रवाई के तहत सजा दिलाने की राह आसान होगी.

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE
अधिक →