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पंजाब में एनआईए ने नशा तस्करों को पकड़ने के मकसद से की छापेमारी

एनआईए ने बताया था कि सभी आरोपी भारतीय युवाओं को लाओस के गोल्डन ट्रायंगल क्षेत्र में भेजने में सक्रिय रूप से शामिल थे। वहां उन युवकों को जबरन साइबर घोटालों के काम में लगाया जाता था, जिसमें यूरोपीय और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाया जाता था। एनआईए की जांच से पता चला है कि वे एक कंसल्टेंसी कंपनी अली इंटरनेशनल सर्विसेज के माध्यम से साइबर अपराधों को अंजाम देते थे।

Created By: NMF News
11 Dec, 2024
( Updated: 11 Dec, 2024
06:38 PM )
पंजाब में एनआईए ने नशा तस्करों को पकड़ने के मकसद से की छापेमारी
पंजाब के कई जिलों पर एनआईए ने बुधवार को रेड डाली। एनआईए की टीम ने बठिंडा, मुक्तसर साहिब, मानसा जिलों में छापेमारी की। यह छापेमारी नशा तस्करों को पकड़ने के मकसद से की गई।

श्री मुक्तसर साहिब में अमनदीप नामक व्यक्ति के घर पर एनआईए ने रेड डाली। अमनदीप इस समय नाभा जेल में बंद है। उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज है।

वहीं, मानसा में विशाल सिंह के घर पर एनआईए की छापेमारी जारी है। विशाल सिंह अभी जेल में बंद है। विशाल को अर्श डल्ला का गुर्गा माना जाता है। विशाल का संबंध अर्श डल्ला से है। एनआईए मोगा के रेगर बस्ती में भी छापेमारी कर रही है। इस मामले में जांच एजेंसी एक व्यक्ति से पूछताछ कर रही है।

मानव तस्करी और साइबर फ्रॉड मामले में एक फरार आरोपी गिरफ्तार


बठिंडा में एनआईए ने संदीप सिंह ढिल्लो के ठिकानों पर भी छापा मारा। इससे पहले मंगलवार को मानव तस्करी और साइबर फ्रॉड मामले में एक फरार आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अपने बयान में कहा था कि कामरान हैदर की गिरफ्तारी अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी सिंडिकेट को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इससे पहले एनआईए ने अपने बयान में कहा था कि अक्टूबर में हैदर और चार अन्य के खिलाफ अवैध तस्करी के मामले में आरोप पत्र दायर किया गया था।

चार सह आरोपियों की पहचान मंजूर आलम उर्फ गुड्डू, साहिल, आशीष उर्फ अखिल और पवन यादव उर्फ अफजल उर्फ अफरोज के रूप में हुई।

एनआईए ने बताया था कि सभी आरोपी भारतीय युवाओं को लाओस के गोल्डन ट्रायंगल क्षेत्र में भेजने में सक्रिय रूप से शामिल थे। वहां उन युवकों को जबरन साइबर घोटालों के काम में लगाया जाता था, जिसमें यूरोपीय और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाया जाता था। एनआईए की जांच से पता चला है कि वे एक कंसल्टेंसी कंपनी अली इंटरनेशनल सर्विसेज के माध्यम से साइबर अपराधों को अंजाम देते थे।

इसके अलावा, कामरान हैदर चीनी घोटालेबाजों के चंगुल से भागने की कोशिश करने वाले पीड़ितों से क्रिप्टो करेंसी वॉलेट के माध्यम से पैसों की उगाही में भी शामिल था।

कामरान हैदर पर दो लाख रुपये का नकद इनाम था। उसके खिलाफ दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष एनआईए अदालत द्वारा गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया था।

Input: IANS

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