देश में विनिर्माण बढ़ाने के लिए लॉन्च हुआ नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन, 'मेक इन इंडिया' को मिलेगा बूस्ट
Budget 2025: वित्त मंत्री ने अपने भाषण के दौरान कहा कि यह मिशन केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों दोनों को नीति समर्थन, एग्जीक्यूशन रोडमैप, गवर्नेंस और निगरानी ढांचा प्रदान करेगा।

Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट में देश में विनिर्माण को बढ़ाने के लिए नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन लॉन्च किया। इसमें 'मेक इन इंडिया' को सपोर्ट करने के लिए छोटी, मध्यम और बड़ी इंडस्ट्रीज को सपोर्ट किया जाएगा। वित्त मंत्री ने अपने भाषण के दौरान कहा कि यह मिशन केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों दोनों को नीति समर्थन, एग्जीक्यूशन रोडमैप, गवर्नेंस और निगरानी ढांचा प्रदान करेगा।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से ......
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि क्लाइमेट-फ्रेंडली विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि क्लाइमेट-फ्रेंडली विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। यह मिशन क्लीन टेक्नोलॉजी मैन्युफैक्चरिंग, सोलर पीवी सेल में घरेलू वैल्यू एडिशन और इकोसिस्टम बनाने, इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी, मोटर्स और कंट्रोलर्स, इलेक्ट्रोलाइजर, विंड टरबाइन, हाई-वॉल्टेज ट्रांसमिशन उपकरण और ग्रिड-स्केल बैटरी पर केंद्रित होगा। इसके अलावा बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की क सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया गया। सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और टर्नओवर सीमा को क्रमशः 2.5 और 2 गुना बढ़ाया जाएगा। साथ ही कहा कि सरकार पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए 5 लाख रुपये की सीमा वाले कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड पेश करेगी।
2033 तक पांच छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर चालू हो जाएंगे
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि 2047 तक 100 गीगावाट की न्यूक्लिर एनर्जी क्षमता विकसित करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ स्मॉल मॉड्यूरल रिएक्टर्स के रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए न्यूक्लिर एनर्जी मिशन की स्थापना की जाएगी। 2033 तक पांच छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर चालू हो जाएंगे।" बजट में वित्त मंत्री द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे किसानों को सस्ता लोन पाने में मदद मिलेगी। इससे पहले वित्त मंत्री द्वारा द्वारा शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया गया। सर्वेक्षण में बताया गया कि वित्त वर्ष 2025-26 में वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत की जीडीपी 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।