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'नरेंद्र मोदी भारत के भाग्य विधाता...', जगतगुरु श्री श्री सुगुनेंद्र तीर्थ स्वामीजी ने संस्कृत में प्रधानमंत्री की तारीफ की, कहा- मोदी रक्षति रक्षित:

कर्नाटक के उडुपी में श्री कृष्ण मठ में लाखों भक्तों के साथ पीएम मोदी ने 'लक्ष कंठ गीता' पाठ में उत्साह के साथ भाग लिया. पीएम मोदी ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि 'उन्हें देश की बेहतर सेवा करने की शक्ति और आशीर्वाद मिला है.'

कर्नाटक के उडुपी में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण हमें नारी सुरक्षा और नारी सशक्तिकरण का ज्ञान सिखाते हैं. इस खास मौके पर उडुपी के श्री कृष्ण मठ में जगतगुरु श्री श्री सुगुनेंद्र तीर्थ स्वामीजी ने भी प्रधानमंत्री मोदी की संस्कृत भाषा में तारीफ करते हुए कहा कि 'नरेंद्र मोदी महोदय भारत के भाग्य विधाता हैं. मोदी रक्षित रक्षित:, पीएम मोदी ने सभा को भी संबोधित किया. कार्यक्रम में लाखों भक्तों की भीड़ नजर आई. 

पीएम मोदी ने 'लक्ष कंठ गीता' पाठ में भाग लिया 

कर्नाटक के उडुपी में श्री कृष्ण मठ में लाखों भक्तों के साथ पीएम मोदी ने 'लक्ष कंठ गीता' पाठ में उत्साह के साथ भाग लिया. पीएम मोदी ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि 'उन्हें देश की बेहतर सेवा करने की शक्ति और आशीर्वाद मिला है.' इस दौरान पीएम मोदी को मंच पर धार्मिक संतों और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी सहित कई अन्य ग्रामीण लोगों ने भगवद गीता के श्लोकों वाला एक ब्रोशर दिया. वह लाखों की भीड़ में श्लोक का पाठ करने में भी शामिल हुए और उन्हें गंभीरता से इसे पढ़ते हुए भी देखा गया. 

भगवद गीता के चैप्टर 15 और आखिरी के 10 श्लोक पढ़े

प्रधानमंत्री मोदी ने लाखों की भीड़ और साधु- संतों से सजे मंच पर भगवद गीता के चैप्टर 15 (पुरुषोत्तम योग) के श्लोक पढ़े. इसके अलावा आखिरी चैप्टर के आखिरी 10 श्लोक पढ़े. 

'अनगिनत अच्छे कर्मों का फल पाने जैसा'

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि 'एक लाख लोगों के बीच गीता पाठ में हिस्सा लेना, यह अनगिनत अच्छे कर्मों का एक फल पाने जैसा है. मेरे लिए जो बधाई और भावनाएं जाहिर की गईं, उनसे मुझे बहुत आशीर्वाद मिला है. मुझसे जो उम्मीद की जाती है, मैं उसके लायक बनने की कोशिश करूंगा और ज्यादा मेहनत करूंगा.' 

पीएम मोदी ने रामचरितमानस का भी जिक्र किया 

पीएम मोदी ने मंच से रामचरितमानस का भी जिक्र करते हुए कहा कि 'कलयुग में भागवत गीता का जाप और कीर्तन आध्यात्मिक सफलता का एक जरिया है, जब एक लाख लोग एक आवाज में गीता का पाठ करते हैं, तो वाइब्रेशन मन शरीर दोनों के लिए एक नई एनर्जी और शक्ति पैदा करते हैं.' 

स्वामी सुगुनेंद्र तीर्थ को किया नमन 

पीएम मोदी ने आगे कहा कि 'एनर्जी आधुनिकता और सामाजिक एकता की शक्ति है. इस पहल ने एक नया अनुभव दिया है और दुनिया को सामूहिक चेतना की ताकत दिखाई है. मैं इस सोच को हकीकत में बदलने के लिए स्वामी सुगुनेंद्र तीर्थ को नमन करता हूं. कोटि गीता यज्ञ के लिए उनकी ग्लोबल पहल सनातन धर्म को समर्पित एक आंदोलन है.' 

युवाओं की तारीफ की 

पीएम मोदी ने इस मौके पर यह भी कहा कि 'भारत में युवा पीढ़ी को वेद, उपनिषद और शास्त्रों का ज्ञान देने की परंपरा रही है. इस कार्यक्रम ने युवाओं को भगवद गीता से जोड़ने में भी मदद की है.' 

पीएम मोदी ने कई महान संतों को याद किया 

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर जगतगुरु माधवाचार्य को लेकर कहा कि 'इन्होंने द्वैत दर्शन को बढ़ावा दिया. मुश्किल समय में समाज को रास्ता दिखाया और अष्ट मठ बनाए, जो भक्ति, ज्ञान और खाना बांटकर, लोगों की सेवा करते हैं.' प्रधानमंत्री मोदी ने आगे पुरंदरदास और कनकदास जैसे महान संतों को भी याद किया, जिन्होंने आसान कन्नड़ के जरिए आम लोगों तक भक्ति पहुंचाई. इस दौरान मोदी ने कहा कि 'सोशल मीडिया पर कई युवा भक्ति वाले कंटेंट सुनते हैं, जो उन्हें आध्यात्मिक जीवन में ले जाता है.

'कर्नाटक में आना हमेशा खुशी देता है' 

पीएम मोदी ने कर्नाटक के लिए अपना प्यार दिखाते हुए कहा कि 'यह राज्य हमेशा से गर्मजोशी भरी मेहमानवाजी के लिए उन्हें खुशी प्रदान करता है.' इस दौरान पीएम मोदी ने माधव सरोवर का दौरा किया और भगवान के दर्शन करने के साथ पूजा अर्चना की. इसके अलावा उन्होंने एक पवित्र कनकना किंदी के लिए कनक कवच (एक सुनहरा आवरण) का अनावरण किया. पीएम मोदी ने इस दौरान अष्ट मठों के सभी संतो से भी बातचीत की और उनका आशीर्वाद लिया. पीएम मोदी ने कहा कि 'राम मंदिर का बनना उडुपी के लिए खास मायने रखता है, क्योंकि इसके एक बड़े एंट्रेंस का नाम जगतगुरु माधवाचार्य के नाम पर रखा गया है.'

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